ईरानी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने राष्ट्रपति मसूद पजेशकियान की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक महिला पत्रकार ने ईरानी सरकार की मॉरल पुलिसिंग का जिक्र कर दिया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने परोक्ष धमकी दी है। सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख मोहम्मद जाफर मोंटेजेरी का कहना है कि अगर नैतिकता पुलिस को संबोधित किया जाना है तो उस पत्रकार की अनुचितता पर भी विचार किए जाने की आवश्यकता है। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट की चीफ मरियम शबानी के सिर के स्कॉर्फ की तरफ इशारा कर रहे थे, जहां उनके बालों का एक छोटा सा हिस्सा दिखाई दे रहा था।
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क्या है पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजेशकियान ने राष्ट्रपति के तौर पर अपना पदभार ग्रहण करने के एक माह के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करते हैं। उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक महिला पत्रकार शबानी ने राष्ट्रपति से सवाल किया कि उन्हें सड़कों पर ईरान की मॉरल पुलिस से बचने के लिए उन्हें कई गलियों और पीछे के रास्तों का अनुसरण करते हुए आना पड़ा।
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शबानी के सवाल पर राष्ट्रपति पजेशकियान ने महिला पत्रकार से पूछा कि क्या वे अभी भी आपको परेशान कर रहे हैं? इसे अब तक रोक देना चाहिए था, हम उन्हें रोकने के लिए कहेंगे। हालांकि, पजेशकियान के इस दृष्टिकोण की आलोचना करते हुए मोंटेजेरी ने टिप्पणी की कि जब पजेशकियान अपने नारे के तौर पर राष्ट्रीय एकता पर जोर देते हैं। लेकिन, इस तरह की एकता हमारे मूल विश्वासों और मौलिक सिद्धांतों को त्यागने की कीमत पर नहीं होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि भले ही राष्ट्रपति पजेशकियान प्रोजेक्ट नूर को रोकने की बात करते हैं, लेकिन फिर भी उनकी पुलिस प्रोजेक्ट नूर को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
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