नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भुवनेश्वर में एक जनसभा के दौरान विपक्ष पर तीखा पलटवार किया। यह प्रतिक्रिया तब आई जब विपक्ष ने देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के घर पर आयोजित गणेश पूजा में प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी को लेकर विवाद खड़ा किया। मोदी ने इस राजनीतिक विवाद पर विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। कांग्रेस और उसके ईको सिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।”
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में गणेश उत्सव के ऐतिहासिक महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम में भी इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लोकमान्य तिलक द्वारा गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के माध्यम से समाज को एकजुट करने की पहल की याद दिलाते हुए मोदी ने कहा कि अंग्रेजों की “बांटो और राज करो” की नीति के खिलाफ यह उत्सव एक महत्वपूर्ण कदम था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा, “आज भी समाज को बांटने में लगे सत्ता के भूखे लोग गणेश पूजा से परेशानी महसूस कर रहे हैं। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने तो भगवान गणेश की मूर्तियों को सलाखों के पीछे डाल दिया, और इन तस्वीरों ने पूरे देश को व्यथित कर दिया।”
मोदी ने अपने भाषण के दौरान स्पष्ट किया कि भारतीय समाज को जोड़ने और एकजुट करने का प्रयास हमेशा से गणेश उत्सव और धार्मिक आयोजनों के जरिए किया गया है। उन्होंने कहा, “हम इन घृणित तत्वों को आगे नहीं बढ़ने देंगे। हमें एकजुट रहकर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना है।”
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