इधर आक्रोश उधर आतंक
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

इधर आक्रोश उधर आतंक

इस्राएल में बंधकों के परिवार आक्रोशित हैं और प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर उंगली उठा रहे हैं कि उनकी जिद की वजह से उनके परिजन घर नहीं लौट पा रहे हैं। दूसरी तरफ नेतन्याहू इस्राएल के स्वाभिमान को ऊपर रखते हुए देश को हमेशा के लिए हमास नाम के जिहादी नासूर से मुक्ति दिलाना चाहते हैं

by Alok Goswami
Sep 11, 2024, 04:55 pm IST
in विश्व, विश्लेषण
तेल अवीव की सड़कों पर उतरकर इस्राएलवासियों ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू (ऊपर बाएं)  पर दबाव बनाया, लेकिन वह हमास (ऊपर दाएं) को खत्म करने के अपने फैसले पर अडिग दिखते हैं

तेल अवीव की सड़कों पर उतरकर इस्राएलवासियों ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू (ऊपर बाएं) पर दबाव बनाया, लेकिन वह हमास (ऊपर दाएं) को खत्म करने के अपने फैसले पर अडिग दिखते हैं

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

इस्राएल में जबरदस्त उबाल है और यह उबाल दो मोर्चों पर है। एक तरफ प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यानाहू, उनकी सरकार और सेना ‘इस्राएल डिफेंस फोर्सस’ का फिलिस्तीन और गाजा में सक्रिय जिहादी संगठन हमास को मिट्टी में मिला देने का संकल्प है, तो दूसरी तरफ इस्राएल के उन बंधकों के परिवारों के साथ हमदर्दी रखने वाले लाखों लोग हैं जो अब भी हमास की गिरफ्त में हैं। 31 अगस्त से इन पंक्तियों के लिखे जाने तक, यह उबाल ठंडा होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है। इससे सीधे जुड़े विभिन्न पक्ष इस्राएल द्वारा हमास की कमर तोड़ना जारी रखने को लेकर विरोधाभासी बयानों से असमंजसता बढ़ा रहे हैं, तो विश्व के अन्य देश अपनी-अपनी ‘सलाहें’ दे रहे हैं।

लेकिन प्रधानमंत्री नेतन्याहू के सामने एजेंडा एकदम साफ है, वह कहते हैं कि उद्देश्य पूरा होने तक रुकने का नाम नहीं लेंगे और कि कोई उन्हें इस बारे में ‘ज्ञान’ देने की कोशिश न करे। इस सारे माहौल में 1 सितम्बर को गाजा की एक सुरंग से 6 इस्राएली बंधकों के शव मिलने के बाद, जिस प्रकार राजधानी तेल अवीव सहित अनेक इस्राएली शहरों में बंधकों के परिवारों के साथ लगभग 7 लाख लोगों ने सड़क पर प्रदर्शन किया, फौरन संघर्षविराम करने की मांग की, उसने 7 अक्तूबर, 2023 को शुरू हुए इस पूरे प्रकरण को अचानक अलग ही आयाम दे दिया है। विशेष रूप से हमास की ताजा धमकी को देखते हुए, कि ‘इस्राएल ने गाजा में और अंदर सेना भेजी तो बचे बंधकों को ताबूत में बंद करके भेज दिया जाएगा।’

गत वर्ष 7 अक्तूबर को इस्राएल पर जिस तरह हमास ने अचानक हमला बोलकर नरसंहार रचाया था, उसे देखते हुए इसमें जरा संदेह नहीं है कि वे इस्लामी हत्यारे पशुता की किसी भी सीमा को लांघ सकते हैं। इस वजह से बंधकों के परिवार और भयभीत हैं तथा कई तो सीधे सीधे नेतन्याहू पर उंगली उठा रहे हैं कि उनकी जिद की वजह से उनके परिजन घर नहीं लौट पा रहे हैं, वे ही अपने राजनीतिक कारणों से संघर्षविराम नहीं होने दे रहे हैं। दूसरी तरफ नेतन्याहू इस्राएल के स्वाभिमान को अब मिस्र, लेबनान, हिज्बुल्लाह और ईरान की तरफ से दी जा रही चोट को समझते हुए, देश को उनसे बचाने में जुटे हैं।

इस्राएल-हमास युद्ध में जान-माल की भारी क्षति हो चुकी है। अभी तक के एक आंकड़े के अनुसार, फिलिस्तीन में 40,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों गंभीर रूप से घायल हुए हैं। लाखों लोग बेघर हुए हैं। लेकिन इन्हीं लोगों की आड़ लेकर अपने जिहादी एजेंडे पर चलता आ रहा हत्यारा हमास संभवत: ‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ से पैसे और हथियारों की मदद पा रहा है और उसका वर्तमान सरगना याह्या सिनवार कथित रूप से महिलाओं के वस्त्र पहने सुरंगों के नेटवर्क में छुपा बैठा है।

हमास की इस्राएल को दी गई उक्त ताजा धमकी के कुल मायने इतने हैं कि सैन्य कार्रवाई एकदम रोक दी जाए। इसके लिए उसने बार-बार बंधकों का हवाला दिया है। इन्हीं बंधकों को ‘ताबूतों में बंद करके’ लौटाने की बात करना उन पीड़ित परिवारों के माध्यम से नेतन्याहू पर दबाव डलवाने की ही चाल है, और इसमें वह कुछ हद तक कामयाब रहा, क्योंकि 7 अक्तूबर, 2023 के बाद से अब तक इतनी बड़ी संख्या में आम इस्राएलवासी अपनी ही सरकार के विरुद्ध सड़कों पर नहीं उतरे थे! लेकिन अब साढ़े पांच लाख लोगों का ही राजधानी तेल अवीव की सड़कों पर उतरकर अपनी सरकार पर दबाव बनाना असाधारण था।

हमास की लड़ाका इकाई ‘अल-कस्साम’ के प्रवक्ता अबू ओबैदा ने गत 2 सितम्बर को यह बयान दिया। उक्त धमकी में उसने आगे यह भी जोड़ा कि ‘बंधकों की हिफाजत में लगे लड़ाकों को नई हिदायतें दे दी गई हैं कि अगर इस्राएल के सैनिक बंधकों के ठिकानों तक पहुंचने को हों तो उससे पहले बंधकों का क्या करना है।’ और तो और, जले पर नमक छिड़कते हुए हत्यारे इस्लामी जिहादियों के गुर्गे ओबैदा ने यहां तक कहने की हिमाकत की कि अगर ऐसा होता है तो उन बंधकों की मौत की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नेतन्याहू या इस्राएली सेना की ही होगी। इस्राएल की आम जनता को भड़काने के उद्देश्य से उसने आगे जोड़ा कि ‘नेतन्याहू जान लें कि यदि वे संघर्षविराम की बजाय सेना का जोर दिखाएंगे तो बंधक ताबूतों में ही परिवारों तक पहुंचेंगे। अब उनके परिवार तय कर लें कि वे अपने चहीतों को जिंदा देखना चाहते हैं या…।’ इस बयान को आम इस्राएलवासी सामने दिख रहे छह ताबूतों के संदर्भ में देख रहे हैं इसलिए क्रोधित हैं, और यही तो हत्यारा हमास चाहता है।

क्या है ‘फिलाडेल्फी कॉरिडोर’

दोनों युद्धरत पक्षों के बीच संघर्षविराम न हो पाने के पीछे जो सबसे बड़ी वजहें बताई जा रही हैं उनमें फिलाडेल्फी कॉरिडोर सबसे महत्वपूर्ण है। कॉरिडोर को लेकर दोनों पक्षों के जो भी दावे हों, लेकिन 14 किमी. की यह पट्टी बड़े विवाद की जड़ है। इसे हमास की आक्सीजन बताया जाता है क्योंकि इसी रास्ते उसकी अनेक भूमिगत सुरंगें हैं और इसी के जरिए वह मारक हथियारों की आपूर्ति करता है। यही वजह है कि इस्राएल की सेना इस पूरे कॉरिडोर को अपने काबू में रखने की ठाने हुए है। इसी बात से नाराज हमास किसी भी वार्ता को सफल नहीं होने देना चाहता। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर अपने देश के सैनिकों की तैनाती बनाए रखना चाहते हैं। उनके अनुसार, अपने युद्ध के मकसद की पूर्ति के लिए इस 14 किलोमीटर के गलियारे पर उनका कब्जा रहना आवश्यक है। यह वही कॉरिडोर है जो फिलिस्तीन के खूंखार जिहादी संगठन हमास और मिस्र को आपस में जोड़ रहा है।

जिहादी सुरंग में रेल ट्रैक!

इस्राएल के सैनिकों ने हमास के बिछाए सुरंगों के सैकड़ों मील लंबे नेटवर्क को लेकर अनेक खुलासे किए हैं। बताया है कि कुछ सुरंगों में तो वाहन तक ले जाए जा सकते हैं। गाजा-मिस्र सीमा के निकट राफाह में तस्करी के लिए अलग से एक सुरंग शामिल है। लेकिन इससे भी बढ़कर हैरानी की बात है कि आईडीएफ ने गाजा में एक सुरंग में रेलवे ट्रैक खोज निकाला है। सुरंग में बिजली के अनेक उपकरण और हथियारों का जखीरा भी मिला है। बताया गया कि गाजा डिवीजन, नार्थ गाजा ब्रिगेड तथा याहलोम इकाई के इंजीनियरिंग के जवानों ने सुरंग मार्ग का पता चलने के बाद उसे ध्वस्त कर दिया। हमास की एक सुरंग में ‘दिशानिर्देश’ की 2019 में छपी एक पुस्तिक भी आईडीएफ के हाथ लगी है। इसमें सुरंग के संजाल की पूरी जानकारी है। यानी जमीन के नीचे हमास ने भूमिगत युद्ध की भी तैयारी की हुई थी। इसमें हमास द्वारा रॉकेट व अन्य हथियारों को जमा किया गया था। बंकर, हमास कमांड सेंटर, रहने के कमरे और बिजली की पूरी व्यवस्था बनी है। इसे बनाने में निश्चित ही अरबों डॉलर लगे होंगे।

याह्या सिनवार पर कस रहा शिकंजा

हमास के जिहादी नेता याह्या सिनवार पर शिकंजा कसता जा रहा है। अमेरिका ने उसके विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई की तैयारी कर ली है। सिनवार व कुछ अन्य जिहादियों के विरुद्ध अमेरिका की एक अदालत ने 3 सितम्बर को आरोप तय कर दिया है कि, 7 अक्तूबर 2023 को उन्होंने इस्राएल में नरसंहार रचा था। आरोपियों की सूची में हमास के मर चुके नेता इस्माइल हानिया का नाम भी है। इस्माइल की ईरान में गत दिनों हत्या कर दी गई थी। अमेरिका के न्याय विभाग के इस कड़े कदम के बाद सभ्य जगत से सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने में आ रही है। इस्माइल के जाने के बाद, याह्या सिनवार ही छुपकर हमास की रणनीति तय कर रहा है। एक तरह से अब वही हमास का सरगना है। अमेरिकी अदालत में दर्ज आरोप में हानिया, याह्या के अलावा हमास की सशस्त्र शाखा का उप सरगना मारवां इस्सा, मोहम्मद अल-मसरी, खालिद मशाल तथा अली बराका भी आरोपी हैं।

31 अगस्त को सैन्य कार्रवाई में मृत पाए गए छह बंधकों में दो महिलाएं तथा चार पुरुष थे। ऐसे में बचे 97 बंधकों के परिवार बिफर गए हैं। जनसमूह के साथ सड़क पर उतरकर उन्होंने सरकार को चेताया है कि हमास से संघर्षविराम की बात करें जिससे बाकी के बंधक जीते-जागते लौट सकें। उनके साथ हमदर्दी जताते हुए देश के श्रमिक संघों ने भी हड़ताल की धमकी देकर आम जनजीवन को ठप करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हालांकि श्रम अदालत ने दखल देते हुए हड़ताल खत्म करने के निर्देश जारी कर दिए। इसके बाद, वहा के सबसे बड़े श्रमिक संघ ‘हिस्टाड्रट’ ने सभी श्रमिकों से काम पर लौटने को कह दिया है।

प्रधानमंत्री नेतन्याहू दबाव में तो हैं, लेकिन हमास विरोधी तेवर नरम करने को तैयार नहीं हैं। 8 सितम्बर को हिज्बुल्लाह के 65 रॉकेटों की इस्राएल पर वर्षा का वे मुंहतोड़ जवाब देने की ठान चुके हैं। इस तरह गाजा-फिलिस्तीन के अलावा नेतन्याहू हिज्बुल्लाह से भी प्रत्यक्ष युद्ध छेड़ चुके हैं। इस्लामी जिहाद को जड़ से मिटा देने की उनकी कसम कहीं कमजोर पड़ती नहीं दिख रही है।

उधर अमेरिका और ब्रिटेन इस मौके पर अपनी जनता के सामने बेदाग और मासूम दिखने की फिराक में हैं। नहीं तो अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के इस वक्तव्य के क्या मायने हैं कि ‘नेतन्याहू की वजह से संघर्षविराम नहीं हो पा रहा। वे ही हैं जो गाजा में बंधकों को रिहा कराने के लिए हमास से करार करने के लिए पूरी कोशिश नहीं कर रहे।’ और क्या मायने हुए ब्रिटेन के इस समय पर इस्राएल को उन हथियारों की आपूर्ति रोक देने के, जो उसने देने स्वीकारे थे? ब्रिटेन ने 1 सितम्बर को बड़ी चतुराई दिखाते हुए इस्राएल को जो हथियार निर्यात के लिए 30 लाइसेंस दिए थे, वे रद्द कर दिए। ब्रिटेन की स्टार्मर सरकार ने इसके पीछे बहाना बनाया है कि ऐसा करके कहीं अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन न हो जाए।

इस प्रकार के देशी-विदेशी दबावों के बीच, प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि इस्राएल दक्षिणी गाजा तथा मिस्त्र के बीच जो सीमाई इलाका है वहां से अपने सैनिकों को उस वक्त तक नहीं हटाने वाला है जब तक कि इस बात की गारंटी न मिले कि यहां से हमास को जिहाद के लिए ‘आक्सीजन’ मिलनी बंद हो गई है।

Topics: इस्राएल-हमास युद्धअल-कस्सामहमास को जिहाद के लिए ‘आक्सीजन’ मिलनी बंदPrime Minister Benjamin NetanyahuIsrael Defense ForcesHezbollah and IranIsrael hamas warAl-Qassamपाञ्चजन्य विशेषHamas running out of 'oxygen' for jihadप्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यानाहूइस्राएल डिफेंस फोर्ससहिज्बुल्लाह और ईरान
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

1822 तक सिर्फ मद्रास प्रेसिडेंसी में ही 1 लाख पाठशालाएं थीं।

मैकाले ने नष्ट की हमारी ज्ञान परंपरा

मार्क कार्नी

जीते मार्क कार्नी, पिटे खालिस्तानी प्यादे

हल्दी घाटी के युद्ध में मात्र 20,000 सैनिकों के साथ महाराणा प्रताप ने अकबर के 85,000 सैनिकों को महज 4 घंटे में ही रण भूमि से खदेड़ दिया। उन्होंने अकबर को तीन युद्धों में पराजित किया

दिल्ली सल्तनत पाठ्यक्रम का हिस्सा क्यों?

स्व का भाव जगाता सावरकर साहित्य

पद्म सम्मान-2025 : सम्मान का बढ़ा मान

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies