जलवायु परिवर्तन दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग के कारण दुनियाभर में तेजी से जलवायु परिवर्तन हो रहे हैं। लेकिन, कुछ लोग पर्यावरण की रक्षा के लिए काम करने वाले इन लोगों की हत्या कर रहे हैं। नए आंकड़ों से पता चला है कि पिछले वर्ष पर्यावरण की सुरक्षा के लिए काम करने वाले कम से कम 196 लोगों की हत्या कर दी गई थी। मारे गए एक तिहाई से भी अधिक हत्याएं कोलंबिया में हुई थी।
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द गॉर्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल विटनेस नाम की एनजीओ की एक नई रिपोर्ट के अनुसार खनन परियोजनाओं के खिलाफ आवाज उठाने वाले अभियानकर्ताओं से लेकर संगठित अपराध समूहों द्वारा लक्षित स्वदेशी समुदायों तक पिछले वर्ष हर दूसरे दिन एक पर्यावरण कर्मियों की हत्या कर दी गई थी। खास बात ये है कि कोलंबिया, ब्राजील, मैक्सिको और होंडुरास अपनी जमीन और पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा की कोशिश करने वाले लोगों के लिए बहुत ही घातक देश थे।
इन देशों में वैश्विक स्तर पर दर्ज की गई सभी हत्याओं का 70 फीसदी से भी अधिक हिस्सा है। ग्लोबल विटनेस एनजीओ का कहना है कि इन हत्याओं के प्रत्यक्ष कारण को स्थापित करना अक्सर मुश्किल होता है। इन हत्याओं के पीछे का सबसे बड़ा कारण खनन बताया गया है। इसमें उद्योग से जुड़ी 25 हत्याएं हुई हैं। बताया जा रहा है कि जिस तरह से जलवायु संकट तेजी से बढ़ता जा रहा है, लोग हमारे ग्रह की रक्षा के लिए साहसपूर्ण तरीके से अपनी आवाजों को बुलंद कर रहे है, उन्हें हिंसा, धमकियों और हत्या का सामना करना पड़ रहा है।
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ग्लोबल विटनेस की मुख्य राइटर लारा फ्युरोन्स ने अपने डेटा का हवाला देते हुए कहा कि संख्या चिंताजनक रूप से उच्च बनी हुई है। ये हालात पूरी तरह से अस्वीकार्य बना हुआ है। 2023 में मारे गए लोगों में 43 फीसदी स्वदेशी समुदायों में से थे। खास बात ये है कि मारे गए लोगों में 90 फीसदी लोग पुरुष थे।
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