मुरादाबाद। यूपी में योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति से अपराधी जहां झटपट सलाखों के पीछे पहुंच रहे हैं, वहीं न्यायालयों में मजबूत पुलिस पैरवी से पीड़ितों को जल्दी न्याय भी मिलता नजर आ रहा है। मुरादाबाद के निजी अस्पताल में हुए नर्स रेप कांड में पुलिस ने सिर्फ 17 दिन के अंदर विवेचना पूरी कर चार्जशीट कोर्ट भेज दी है। चिकित्सक का डीएनए सैंपल भी जांच के लिए भेज दिया है। घटना में शामिल एबीएम अस्पताल के संचालक डा. शाहनवाज 4 अभियुक्त पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं।
मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में स्थित एबीएम अस्पताल में अनुसूचित वर्ग की नर्स की छात्रा से 17 अगस्त की रात दुष्कर्म की सनसनीखेज घटना हुई थी। हॉस्पिटल संचालक डा. शाहनवाज ने वार्ड बॉय जुनैद और नर्स मेहनाज की मदद से नर्स को अपने रूम में बुलाकर उसके साथ दरिंदगी की थी। नर्स रेपकांड की विवेचना क्षेत्राधिकारी ठाकुरद्वारा राजेश कुमार को सौंपी गई थी। पुलिस ने नर्स से रेप की घटना सामने आते ही एफआईआर के तुरंत बाद अभियुक्त डा. शाहनवाज, वार्ड बॉय जुनैद और नर्स मेहनाज को गिरफ्तार कर लिया था।
मौके से साक्ष्य मिटाने की कोशिश करने के मामले में डा. शाहनवाज के भाई फैजान को भी पुलिस ने बाद में जेल भेज दिया था। सीओ कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीमें तेजी से रेपकांड की जांच में जुटीं। घटना स्थल एकत्रित किए साक्ष्य, पीड़िता और अन्य लोगों से पूछताछ के साथ ही पुलिस ने सिर्फ 17 दिन के अंदर विवेचना पूरी करके दिखाई और डा. शाहनवाज, जुनैद, मेहनाज, फैजान के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट भेज दिया। एसपी ग्रामीण संदीप कुमार मीणा ने मीडिया को बताया कि पुलिस मामले में डीनए जांच भी करा रही है। डा. शाहनवाज के खून का नमूना डीएनए जांच के लिए भेज दिया गया है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला से डीएनए रिपोर्ट मिलते ही उसे कोर्ट में जमा कराया जाएगा।
बार-बार बिगड़ रही पीड़िता की हालत
मुरादाबाद के एबीएम अस्पताल में हुए रेप कांड की पीड़िता नर्स की हालत बार-बार बिगड़ रही है। एक दिन पहले उसकी तबियत फिर खराब हो गई, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। परिवार के लोग पीड़िता नर्स को ठाकुरद्वारा सीएचसी लेकर पहुंचे थे। डाक्टर ने वहां से उसको हायर मेडिकल सेंटर के लिए रेफर कर दिया। उसके बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों का कहना है कि पीड़िता को कमजोरी और चक्कर की समस्या है। उसका उपचार किया जा रहा है। दूसरी ओर, नर्स रेप कांड से गुस्साए कई संगठन दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। बुलडोजर कार्रवाई की मांग भी उठ रही है। अफसरों का कहना है कि अभियुक्तों को सजा दिलाने के लिए पुलिस ने न्यायालय में मजबूत पैरवी की तैयारी कर ली है।
आगरा पुलिस का कमाल, 31 दिन में 112 अपराधियों को दिलाई सजा
यूपी की आगरा पुलिस ने त्वरित जांच और मजबूत पैरवी से सिर्फ 31 दिन में 112 अपराधियों को सजा दिलाने का काम किया है। इसमें पॉक्सो एक्ट के चर्चित मामले भी शामिल हैं। आगरा में चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ के तहत मॉनीटरिंग सेल एवं अभियोजन कार्यालय आपराधिक मामलों की सशक्त एवं प्रभावी पैरवी में जुटा है। पुलिस की मेहनत रंग भी ला रही है। अगस्त महीने में हत्या, लूट, चोरी, गैंगस्टर, पॉक्सो और दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराधों से जुड़े 63 मुकदमों में 112 अपराधियों को कोर्ट से सजा सुनाई गई है। हत्या के चार मामलों में 18 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा मिली है। पॉक्सो एक्ट के 11 मुकदमों में 11 दोषियों को दंडित किया गया है। जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) बसंत कुमार गुप्ता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि गवाही क्रियान्वयन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनकी उपस्थिति से भी पैरवी में काफी मदद मिली है। इलेक्ट्रानिक साक्ष्य भी अपराधियों के खिलाफ महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। इससे मुकदमों के निस्तारण में तेजी आ रही है।
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