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बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर CDPHR की रिपोर्ट जारी

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SHIVAM DIXIT

नई दिल्ली । सेंटर फॉर डेमोक्रेसी, प्लुरलिज़्म एंड ह्यूमन राइट्स (CDPHR) द्वारा बांग्लादेश में हाल ही में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों और राजनीतिक उथल-पुथल पर आधारित एक रिपोर्ट का विमोचन किया गया। यह कार्यक्रम कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में आयोजित किया गया, जहां मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री स्वपन दासगुप्ता और विशेष अतिथि दीप हलदर (लेखक, “बीइंग हिंदू इन बांग्लादेश”) और श्री अभिजीत मजूमदार (प्रख्यात पत्रकार) ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

रिपोर्ट का मुख्य सारांश

CDPHR की रिपोर्ट में बांग्लादेश में पिछले कुछ महीनों में घटित घटनाओं पर प्रकाश डाला गया, जिसमें 5 जून 2024 को छात्र विरोध प्रदर्शनों से शुरू हुए राजनीतिक संकट का विवरण है। इन विरोधों ने एक बड़े आंदोलन का रूप ले लिया, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से, धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदू समुदाय, पर सुनियोजित हमले हुए। रिपोर्ट में बताया गया कि 5 अगस्त 2024 तक 27 जिलों में अल्पसंख्यकों के घरों और व्यवसायों पर हमला हुआ, और 8 अगस्त तक यह संख्या 52 जिलों तक पहुंच गई।

अल्पसंख्यक समुदाय पर हमला

रिपोर्ट में बताया गया कि सत्ता परिवर्तन के बाद बांग्लादेश के विभिन्न जिलों में हिंदू समुदाय पर हमले बढ़े। 205 से अधिक हिंदू-विरोधी घटनाओं की पुष्टि हुई, जिनमें लूटपाट, आगजनी, और हिंसा शामिल थी। इन घटनाओं को लेकर CDPHR ने बांग्लादेश सरकार और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे इन हिंसात्मक घटनाओं की जांच करें और अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

मुख्य वक्ताओं के विचार

मुख्य अतिथि स्वपन दासगुप्ता ने अपने वक्तव्य में बांग्लादेश में हो रही इन घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटनाएं बांग्लादेश के धार्मिक और सामाजिक ताने-बाने को कमजोर कर रही हैं। उन्होंने वैश्विक समुदाय से इन घटनाओं का संज्ञान लेने और इस संकट का समाधान निकालने की अपील की।

वहीं दीप हलदर ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों की निंदा की और कहा कि शेख हसीना के शासनकाल में भी अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले हुए, लेकिन वर्तमान स्थिति बेहद गंभीर है। उन्होंने बांग्लादेश में हो रहे धर्मांतरण और लव जिहाद जैसी समस्याओं पर भी चिंता जताई।

प्रख्यात पत्रकार अभिजीत मजूमदार ने कहा कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय का भविष्य अनिश्चित है और यदि जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो इसका गंभीर परिणाम होगा।

डॉ. प्रेरणा मल्होत्रा का वक्तव्य

कार्यक्रम की संयोजिका और CDPHR की अध्यक्ष, डॉ. प्रेरणा मल्होत्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि बांग्लादेश में इस्लामीकरण इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि यह देश अल्पसंख्यकों के लिए बेहद असुरक्षित हो चुका है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठनों से अपील की कि वे बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएं।

इस अवसर पर, रिपोर्ट में बांग्लादेश के भविष्य और अल्पसंख्यकों के जीवन पर संकट की ओर इशारा किया गया। अंतरिम सरकार और इस्लामिक पार्टियों के गठबंधन से स्थिति और भी बिगड़ने की आशंका है, और हिंदू समुदाय के साथ-साथ अन्य अल्पसंख्यकों की स्थिति अत्यंत संकटग्रस्त बनी हुई है।

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