ईरान में सरकार और सेना के असंतुष्टों पर लगातार अत्याचार किए जा रहे हैं। पिछले साल ईरान की इस्लामिक कट्टरपंथी सरकार ने सैकड़ों लोगों को फांसी की सजा दी थी। इसी तरह से इस साल भी अगस्त महीने में सरकार के विरोधियों को मृत्युदंड की संख्या तेजी से बढ़ी है। लोगों को अवैध तरीके से फांसी की सजा दी गई। इस घटना की संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत ने तीखी आलोचना की है।
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माई सातो की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले माह अगस्त में कम से कम 93 लोगों को फांसी पर चढ़ा दिया गया था। जबकि, इससे पहले जुलाई के महीने में ईरान में 45 लोगों को मौत की सजा दी गई थी। यूएन के दूत सातो ने कहा कि मैं पिछले एक माह से ईरान में विशेष दूत हूं। इस दरिमियान मैंने 93 लोगों को फांसी की सजा देते देखा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस साल हुई मौतों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 15 महिलाओं समेत 400 से अधिक लोगों को फांसी दी गई है। हालांकि, माना ये जा रहा है कि मृतकों की संख्या वास्तव में बहुत अधिक है।
पिछले साल मारे गए 850 से अधिक
गौरतलब है कि ईरान में पिछले साल 850 से अधिक लोगों को इस्लामी सरकार ने फांसी की सजा दे दी थी। सातो ने कहा कि इस्लामी देश में मौत की सजा के मौजूदा क्रियान्वयन पर मुझे जो रिपोर्ट मिली है, उससे मुझे बेहद चिंता है कि निर्दोश लोगों को मौत की सजा दे दी गई थी। मारे गए लोगों को कथित तौर पर लगभग आधे लोगों को नशीली दवाओं से जुड़े अपराधों के लिए फांसी दी गई थी।
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संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों के एक पैनल ने कहा है कि नशीली दवाओं से जुड़े अपराधों के लिए फांसी की सजा देना अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन है। पिछले माह फांसी दिए गए लोगों में रेजा रसाई भी शामिल था। ये यारसानी मत का एक कुर्द प्रदर्शनकारी था।
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