नई दिल्ली, (हि.स.)। खेल के क्षेत्र में भारत का प्रदर्शन बेजोड़ है। सुविधाएं मिलीं और साथ मिला तो पैरा खिलाड़ियों ने देश का परचम लहरा दिया। एनडीए नीत भाजपा सरकार ने पैरा एथलीटों के लिए न केवल अनुकूल माहौल बनाया बल्कि बाधाओं को भी दूर किया। अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे में निवेश किया।
सरकार ने विशेष प्रशिक्षण और कोचिंग के लिए खेल संगठनों का सहयोग किया, जिससे कि एथलीट उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हो सकें। दिव्यांगों के बीच प्रतिभा की खोज और पोषण को बढ़ावा देने वाली पहलों का सक्रिय रूप से समर्थन किया है। राष्ट्रीय टीमों में आरक्षित स्थान बनाना, दिव्यांग खिलाड़ियों की भर्ती के लिए खेल क्लबों को प्रोत्साहित करना और पैरा एथलीटों से संबंधित रूढ़ियों और पूर्वाग्रहों को समाप्त करने वाले जागरुकता अभियानों को बढ़ावा दिया। एनडीए नीत भाजपा सरकार के आने से पहले पैरालंपिक में भारत की स्थिति काफी खराब थी। अगर इतिहास पर नजर डालें तो इतिहास खुद-ब-खुद पैरा एथलीटों को लेकर पुरानी सरकारों की सोच को उजागर करता है।
भारत ने 1960 से लेकर 2012 तक जीते केवल आठ पदक
यदि पैरालंपिक के इतिहास पर नजर डालें तो ओलंपिक डॉट काम के अनुसार 1960 से लेकर 2012 तक भारत ने केवल 8 पदक जीते थे, जिनमें 2 स्वर्ण, 3 रजत और 3 कांस्य पदक शामिल हैं।
अब हुआ बड़ा बदलाव
2014 में एनडी की सरकार आने के बाद से पैरा एथलीटों की स्थिति और उनके प्रदर्शन में भी सुधार आया। 1960 से लेकर 2012 तक केवल 8 पदक जीतने वाले भारतीय दल ने 2016 में दो स्वर्ण सहित 4 पदक और 2020 टोक्यो पैरालंपिक में पांच स्वर्ण सहित 19 पदक जीते।
2016 से लेकर टोक्यो 2020 तक जीते 23 पदक
रियो में 2016 में भारत ने केवल 4 पदक जीते थे। इस वर्ष केवल 19 एथलीटों ने भाग लिया था और भारतीय दल ने दो स्वर्ण, एक कांस्य और एक रजत पदक जीता था। वे 43वें स्थान पर थे। टोक्यो 2020 खेलों में भारत ने 54 पैरा-एथलीटों को मैदान में उतारा था। नौ स्पर्धाओं में पांच स्वर्ण पदकों सहित 19 पदक जीते थे, जो भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
पेरिस में भारतीयों का शानदार प्रदर्शन
पेरिस में चल रहे मौजूदा पैरालंपिक की बात करें तो भारतीय एथलीटों का अब तक का सफर काफी शानदार रहा है। भारत ने मौजूदा पैरालिंपिक में अब तक 20 पदक जीते हैं, जिनमें 3 स्वर्ण, 7 रजत और 10 कांस्य पदक शामिल हैं।
एनडीए सरकार की दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए चलाई गई योजनाएं
- सुगम्य भारत अभियान: दिव्यांग व्यक्तियों के लिए खेल सुविधाओं सहित सार्वजनिक स्थानों और परिवहन को सुलभ बनाना।
- खेलो इंडिया योजना: पैरा एथलीटों के लिए संभावित प्रावधानों के साथ जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने और सभी आयु समूहों में खेल प्रतिभाओं के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए।
- अटल बिहारी प्रशिक्षण केंद्र
- पैरा गेम्स के लिए अटल बिहारी प्रशिक्षण केंद्र, खेलों में समान अवसर प्रदान करने, उनकी प्रतिभा को बढ़ावा देने और विभिन्न खेल विषयों में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है।
- मोदी सरकार ने 2024 पैरालिंपिक में हिस्सा लेने वाले एथलीटों के लिए ओलंपिक दल के बराबर सुविधाएं और प्रशिक्षण सुनिश्चित की
- सरकार ने पैरालिंपियनों के लिए ओलंपिक दल के बराबर सुविधाएं और प्रशिक्षण सुनिश्चित किया है, जिससे उन्हें सफलता हासिल करने में मदद मिली है।
- पैरा-एथलीटों के प्रशिक्षण, उपकरण और विदेशी प्रदर्शन के लिए सहायता प्रदान की गई। सभी खिलाड़ी भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के सहयोग से साई केंद्रों या निजी अकादमियों में अभ्यास करते हैं। सरकार ने 110 से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की सुविधा प्रदान की है।
- सरकार ने पैरालिंपिक पदक संभावितों के लिए लगभग 22 करोड़ रुपये और 12 योग्य विषयों के लिए 74 करोड़ रुपये खर्च किए
- पेरिस पैरालिंपिक चक्र के लिए समर्थन और सहायता के लिए सरकार द्वारा पैरालिंपिक पदक संभावितों के लिए लगभग 22 करोड़ रुपये और 12 योग्य विषयों के लिए 74 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
खेल गांव में भी पैरा-एथलीटों को मिली विशेष सुविधाएं
ओलंपिक दल की तरह ही खेल गांव में पहली बार खेल विज्ञान उपकरणों के साथ एक समर्पित रिकवरी सेंटर बनाया गया है। साथ ही, पैरा-एथलीटों की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उनके निजी कोच और खेल विशेषज्ञों के लिए 30 प्रतिशत सहायक कर्मचारियों की सीमा के मुकाबले 100 प्रतिशत से अधिक सहायक कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।
इसके अतिरिक्त, पेरिस में अत्याधुनिक भारतीय रिकवरी सेंटर में, एथलीटों को विशेष रूप से साई द्वारा तैयार और वितरित किए जाने वाले स्नैक्स मिलते हैं, जैसे कि एनर्जी बार, प्रोटीन मिश्रण और बहुत कुछ, जो उनके प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए सावधानीपूर्वक चुने गए हैं।
हाल ही में यह तीसरा मौका है जब भारतीय पैरालंपिक दल देश के ओलंपिक दल से बेहतर प्रदर्शन करेगा। सरकार ने ओलंपिक की तरह पैरालंपिक दल को भी अपना समर्थन दिया है और भारत ने इस बार पैरालंपिक में भाग लेने के लिए 84 एथलीटों का अपना अब तक का सबसे बड़ा दल भेजा है, जिनमें 34 महिलाएं हैं। इनमें से 59 एथलीट टॉप्स के तहत समर्थित हैं, 17 SAI NCOE के नियमित एथलीट हैं और बाकी को खेलो इंडिया योजना के तहत सरकार द्वारा समर्थित किया जाता है।
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