निकाह का पंजीकरण जरूरी
July 15, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

निकाह का पंजीकरण जरूरी

असम सरकार ने निकाह या तलाक का पंजीकरण किया अनिवार्य। राज्य सरकार का कहना है कि इससे मुस्लिम महिलाओं के जीवन में होगा सुधार, वहीं विपक्ष इसे बता रहा है मुस्लिम विरोधी

by दिव्य कमल बारदोलई
Sep 4, 2024, 07:29 am IST
in विश्लेषण, असम
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

गत 29 अगस्त को असम विधानसभा ने ‘असम अनिवार्य मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण विधेयक 2024’ को पारित कर दिया। इसके साथ ही ‘असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम-1935’ निरस्त हो गया। अब मुसलमानों के लिए अपने निकाह और तलाक का पंजीकरण कराना अनिवार्य हो गया है।

बता दें कि असम के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री जोगेन मोहन ने 22 अगस्त को विधानसभा में ‘असम निरसन विधेयक, 2024’ प्रस्तुत किया था। इसमें ‘असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम-1935’ और ‘असम निरसन अध्यादेश-2024’ को रद्द करने का प्रावधान है। इस विधेयक पर विधानसभा में लंबी बहस हुई। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य केवल बाल विवाह को समाप्त करना नहीं, बल्कि काजी व्यवस्था से छुटकारा पाना भी है। अगला लक्ष्य बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाना है।’’ उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार सभी विवाहों का पंजीकरण किया जाना चाहिए, लेकिन राज्य इस उद्देश्य के लिए काजी जैसे निजी निकाय का समर्थन नहीं कर सकता। वहीं विपक्षी नेताओं ने इस विधेयक की निंदा करते हुए इसे मुसलमानों के साथ भेदभाव वाला तथा चुनावी साल में मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने वाला बताया।

बता दें कि पिछले महीने असम मंत्रिमंडल ने ‘असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम-1935’ के नियमों को समाप्त करने के लिए निरसन विधेयक को स्वीकृति दे दी थी, जो विशिष्ट परिस्थितियों में कम आयु में विवाह की अनुमति देता है। इससे पहले राज्य मंत्रिमंडल ने असम में बाल विवाह के सामाजिक खतरे को समाप्त करने के लिए 23 फरवरी को अधिनियम को निरस्त करने के निर्णय को मंजूरी दी थी। विधेयक के उद्देश्य के संबंध में मंत्री जोगेन मोहन ने कहा, ‘‘नया विधेयक उप रजिस्ट्रार कार्यालयों में सभी मुस्लिम विवाहों के पंजीकरण की अनिवार्यता को लागू करेगा और 21 वर्ष (पुरुषों के लिए) और 18 वर्ष (महिलाओं के लिए) से कम उम्र के विवाह को समाप्त करेगा।’’

बाल विवाह के विरुद्ध कार्रवाई

असम सरकार ने 2023 में बाल विवाह के विरुद्ध अभियान शुरू किया था। 3,000 से ज्यादा बाल विवाह अपराधियों, जिनमें अधिकतर मुसलमान हैं, को गिरफ्तार किया गया और इन अपराधियों के विरुद्ध 4,500 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए। अब तक इनमें से 84 अपराधियों को अलग-अलग न्यायालयों ने दोषी ठहराया और कारावास की सजा सुनाई। लेकिन राज्य के दूरदराज के मुस्लिम इलाकों में अभी भी बाल विवाह हो रहे हैं। मुख्यमंत्री सरमा ने 2026 तक राज्य से बाल विवाह को समाप्त करने का संकल्प लिया है। उन्होंने असम विधानसभा में बताया कि पिछले पांच वर्ष में बाल विवाह से जुड़े मामलों में कुल 3,907 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 3,319 यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के अंतर्गत आरोपों का सामना कर रहे हैं।

बाल विवाह में कमी

17 जुलाई को विश्व अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस पर जारी एक रपट में कहा गया है कि असम सरकार का बाल विवाह के मामलों में कानूनी हस्तक्षेप पर जोर अब देश के बाकी हिस्सों के लिए एक आदर्श है। ‘इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन’ द्वारा ‘टुवर्ड्स जस्टिस: एंडिंग चाइल्ड मैरिज’ शीर्षक रपट में कहा गया है, ‘‘असम की कानूनी रणनीति ने 2021-22 और 2023-24 के वित्तीय वर्षों के बीच राज्य के 20 जिलों में बाल विवाह को 81 प्रतिशत तक कम करने में मदद की है।’’ रपट में यह भी कहा गया है, ‘‘असम मॉडल 30 प्रतिशत गांवों में बाल विवाह को समाप्त करने में प्रभावी रहा और अध्ययन किए गए 20 जिलों के 40 प्रतिशत गांवों में ऐसे मामलों में कमी आई।’’ उल्लेखनीय है कि भारत में हर मिनट तीन लड़कियों की शादी होती है। फिर भी 2022 में हर दिन केवल तीन मामले दर्ज किए गए। जनगणना 2011 के आंकड़ों के अनुसार, हर दिन 4,442 लड़कियों (18 वर्ष से कम) की शादी हो रही थी। उक्त रपट में कहा गया है, ‘‘इसका मतलब है कि हर घंटे 185 और हर मिनट तीन लड़कियों की शादी हो रही है।’’

लव जिहाद पर प्रहार

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के अनुसार, ‘‘असम सरकार अप्रैल, 2025 में एक नया कानून लाने जा रही है। इसके अंतर्गत जोड़ों को शादी से पहले छह महीने का नोटिस देना होगा।’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस कदम का उद्देश्य विवाह की पवित्रता को बनाए रखना है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लोगों के मिलने, अपना नाम बदलने और पारंपरिक मानदंडों को दरकिनार करके संबंध बनाने की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘विवाह एक कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त और सम्मानित संस्था है, लेकिन लोगों के भागकर शादी करने के कारण इसका सम्मान खत्म हो रहा है।’’ मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि हालांकि वे ‘लव जिहाद’ शब्द का उपयोग नहीं करते, लेकिन सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विवाह व्यवस्थित और सम्मानजनक तरीके से हों। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि 1954 के वर्तमान विशेष विवाह अधिनियम के अंतर्गत अंतर-पांथिक विवाह के लिए एक महीने का नोटिस देना आवश्यक है, लेकिन नया कानून इस अवधि को बढ़ाकर छह महीने कर देगा।

सरमा ने कहा कि यह कानून सभी अंतर-पांथिक विवाहों पर लागू होगा, चाहे उसमें हिंदू, मुसलमान या कोई अन्य समुदाय शामिल हो। उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसी शादियों को स्वीकार नहीं कर सकते, जिसमें व्यक्ति दूसरों को धोखा देने के लिए अपनी पहचान बदल लेते हैं। ऐसी प्रथाएं एक समृद्ध परिवार की नींव नहीं बन सकतीं।’’ इस विधेयक के पारित होने से ऐसे लोग बेहद खुश हैं, जो बाल विवाह से पीड़ित हैं या फिर धोखे से होने वाले निकाह के शिकार हैं। यही कारण है कि राज्य के निवासी इसके लिए मुख्यमंत्री सरमा को दिल से धन्यवाद दे रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि असम की जो स्थिति है, उसे देखते हुए ऐसे कानूनों की सख्त जरूरत है।

Topics: Child marriageपाञ्चजन्य विशेषअसम मॉडलअसम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम-1935#muslimAssam Model#hinduAssam Muslim Marriage and Divorce Registration Act-1935love jihadलव जिहादहिंदूमुसलमानबाल विवाह
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

तिलक, कलावा और झूठी पहचान! : ‘शिव’ बनकर ‘नावेद’ ने किया यौन शोषण, ब्लैकमेल कर मुसलमान बनाना चाहता था आरोपी

लोकतंत्र की डफली, अराजकता का राग

लालमोनिरहाट में बनी पाषाण कलाकृति को पहले कपड़े से ढका गया था, फिर स्थानीय प्रशासन के निर्देश पर मजदूर लगाकर ध्वस्त करा दिया गया

बांग्लादेश में मुक्ति संग्राम स्मारक तोड़कर ‘छात्र आंदोलन’ को ‘अमर’ बनाने में जुटी अंतरिम सरकार

चतुर्थ सरसंघचालक श्री रज्जू भैया

RSS के चौथे सरसंघचालक जी से जुड़ा रोचक प्रसंग: जब रज्जू भैया ने मुख्यमंत्री से कहा, ‘दुगुनी गति से जीवन जी रहा हूं’

धर्मशाला में परम पावन दलाई लामा से आशीर्वाद लेते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री किरन रिजीजू

चीन मनमाने तरीके से तय करना चाहता है तिब्बती बौद्ध गुरु दलाई लामा का उत्तराधिकारी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

समोसा, पकौड़े और जलेबी सेहत के लिए हानिकारक

समोसा, पकौड़े, जलेबी सेहत के लिए हानिकारक, लिखी जाएगी सिगरेट-तम्बाकू जैसी चेतावनी

निमिषा प्रिया

निमिषा प्रिया की फांसी टालने का भारत सरकार ने यमन से किया आग्रह

bullet trtain

अब मुंबई से अहमदाबाद के बीच नहीं चलेगी बुलेट ट्रेन? पीआईबी फैक्ट चेक में सामने आया सच

तिलक, कलावा और झूठी पहचान! : ‘शिव’ बनकर ‘नावेद’ ने किया यौन शोषण, ब्लैकमेल कर मुसलमान बनाना चाहता था आरोपी

श्रावस्ती में भी छांगुर नेटवर्क! झाड़-फूंक से सिराजुद्दीन ने बनाया साम्राज्य, मदरसा बना अड्डा- कहां गईं 300 छात्राएं..?

लोकतंत्र की डफली, अराजकता का राग

उत्तराखंड में पकड़े गए फर्जी साधु

Operation Kalanemi: ऑपरेशन कालनेमि सिर्फ उत्तराखंड तक ही क्‍यों, छद्म वेषधारी कहीं भी हों पकड़े जाने चाहिए

अशोक गजपति गोवा और अशीम घोष हरियाणा के नये राज्यपाल नियुक्त, कविंदर बने लद्दाख के उपराज्यपाल 

वाराणसी: सभी सार्वजनिक वाहनों पर ड्राइवर को लिखना होगा अपना नाम और मोबाइल नंबर

Sawan 2025: इस बार सावन कितने दिनों का? 30 या 31 नहीं बल्कि 29 दिनों का है , जानिए क्या है वजह

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies