कोलकाता । पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच एक नए विवाद ने जन्म ले लिया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आरोप लगाया है कि कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवानों को जरूरी साजो-सामान और आवासीय सुविधाएं मुहैया कराने में बंगाल सरकार असहयोग कर रही है।
केंद्र सरकार ने अदालत में कहा कि राज्य सरकार को CISF कर्मियों के लिए उचित आवास की सुविधा प्रदान करनी चाहिए, ताकि वे अपनी ड्यूटी को सही ढंग से निभा सकें। गृह मंत्रालय ने अपनी याचिका में कहा कि वर्तमान में CISF के जवान कोलकाता के उपनगरीय क्षेत्र में स्थित CISF यूनिट में रह रहे हैं, जिससे उन्हें अस्पताल पहुंचने में एक घंटे का समय लगता है। मंत्रालय का कहना है कि यह देरी आपात स्थिति में प्रतिक्रिया देने में बाधा उत्पन्न कर सकती है, और जवानों की सुरक्षा और सुविधाओं का ध्यान रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
यह विवाद तब उत्पन्न हुआ जब पिछले महीने कोलकाता के इसी अस्पताल में एक दर्दनाक बलात्कार-हत्या की घटना सामने आई थी। इस घटना के बाद, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत, अस्पताल की सुरक्षा के लिए लगभग 150 CISF कर्मियों को तैनात किया गया था। केंद्र सरकार ने चेतावनी दी है कि यदि बंगाल सरकार ने CISF कर्मियों के लिए उचित सुविधाएं प्रदान नहीं कीं, तो इसके परिणामस्वरूप अदालत की अवमानना के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
केंद्र और राज्य सरकार के बीच इस नए टकराव ने पश्चिम बंगाल की राजनीतिक स्थिति को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया है।
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