बुल्डोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, दोषी होने पर भी नहीं होगी तोड़फोड़
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बुल्डोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, दोषी होने पर भी नहीं होगी तोड़फोड़

सुप्रीम कोर्ट इस्लामिक संगठन जमीयत उलेमा ए हिंद की याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

by Kuldeep Singh
Sep 2, 2024, 02:54 pm IST
in भारत
Supreme court on Buldozer action
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बुल्डोजर एक्शन के खिलाफ दायर पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि अगर कोई व्यक्ति दोषी पाया गया है तो भी उसका घर नहीं गिराया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट को बार-बार बताने के बाद भी …हमें रवैये में कोई बदलाव नहीं दिखता।

इसे भी पढ़ें: IC 814 वेब सीरीज पर विवाद, नेटफ्लिक्स के इंडिया कंटेंट हेड को सरकार का समन

सुप्रीम कोर्ट इस्लामिक संगठन जमीयत उलेमा ए हिंद की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। जमीयत की याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि सिर्फ इसलिए घर कैसे गिराया जा सकता है कि वह आरोपी है? शीर्ष अदालत का ये भी कहना था कि अगर आरोपी दोषी है तो भी उसके घर को ध्वस्त नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि बार-बार कहने के बाद भी हमें इस रवैये पर कोई बदलाव नहीं दिखता।

जस्टिस केवी विश्वनाथन ने भी कहा कि पिता का बेटा अड़ियल हो सकता है, लेकिन अगर इस आधार पर घर को ध्वस्त किया जाता है…तो यह तरीका नहीं है। किसी को भी कमियों का फायदा नहीं उठाना चाहिए। जबकि, केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता दलील दे चुके हैं कि उन्हीं घरों को गिराया जा रहा है, जिन केसों में कानूनों का उल्लंघन हो रहा है। नगर पालिका कानूनों का उल्लंघन होने पर ही हम कार्रवाई करते हैं।

इसे भी पढ़ें: अमानतुल्लाह खान घर से गिरफ्तार, मनी लॉन्ड्रिंग में आरोपी हैं आप विधायक, ईडी ने लिया एक्शन

हालांकि, जस्टिस गवई ने ये भी कहा कि ये कानून की स्थिति है, लेकिन इसका उल्लंघन अधिक किया जा रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि यदि निर्माण गैरकानूनी है भी तो इसे कानून के अनुसार होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अवैध संपत्तियों करने के लिए दिशानिर्देश की आवश्यकता पर बल दिया। जस्टिस गवई ने कहा कि सुझाव आने दीजिए, हम अखिल भारतीय स्तर दिशानिर्देश जारी करेंगे। लेकिन, अचल संपत्तियों को केवल प्रक्रिया के आधार पर ही ध्वस्त किया जा सकता है। बहरहाल, इस मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर होगी।

Topics: Supreme Courtजमीयत उलेमा-ए-हिन्दसुप्रीम कोर्टJamiat Ulema-e-Hindभारत सरकारBulldozer Actionबुल्डोजर एक्शनGovernment of India
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