अभी कुछ दिनों से उत्तरी बिहार के कुछ जिलों से जैसी खबरें आ रही हैं, वे बहुत ही चिंताजनक हैं। पता चला है कि ईसाई मिशनरियों के साथ ही कुछ जिहादी संगठन मधुबनी, दरभंगा, पश्चिमी चंपारण जैसे जिलों में हिंदुओं का कन्वर्जन करा रहे हैं।
ईसाइयों ने कन्वर्जन के लिए झाड़—फूंक की आड़ ली है। ताजा समाचार है कि मधुबनी और पश्चिम चम्पारण में तेल-पानी और झाड़-फूंक की आड़ में हजारों हिंदुओं को ईसाई बना दिया गया है। पहले मधुबनी के गोबरहिया में तेल, पानी और झाड़-फूंक के नाम पर हजारों लोगों का कन्वर्जन किया गया। इसी प्रकार की घटना पश्चिमी चंपारण के बगहा अंतर्गत भितहा प्रखंड के मच्छहा गांव में भी घटी। यहां भी तेल-पानी और झाड़—फूंक के नाम पर हज़ारों लोगों का कन्वर्जन कराया गया है।
कन्वर्जन के लिए ईसाई मिशनरी विशेष कर प्रोटेस्टेंट द्वारा एक खास पद्धति अपनाई जाती है। जगह—जगह चंगाई सभाओं का आयोजन कराया जाता है, जिनमें गंभीर से गंभीर बीमारी का इलाज भी प्रार्थना के नाम पर करने का आश्वासन दिया जाता है। गोबरहिया और भितहा में भी यही खेल हुआ। वहां तेल-पानी व झाड-फूंक के नाम पर ग्रामीणों को बुलाया गया और गंभीर बीमारियों के इलाज की आड़ में उन्हें ईसाई बना दिया गया। जबकि बिहार में झाड-फूंक और डायन प्रथा पर 1999 से ही रोक रोक लगी हुई है। बिहार देश का पहला राज्य है, जिसने ऐसी हरकतों को अनुचित माना है। इसके बावजूद बिहार में इन्हीं प्रथाओं के जरिए कन्वर्जन हो रहा है।
सामाजिक कार्यकर्ता नवीन ठाकुर के अनुसार, ”मधुबनी में ईसाई और मुस्लिम भी कन्वर्जन के गंदे धंधे में लगे हैं। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण यह इलाका असामाजिक तत्वों और अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्रकारियों की नजर में है। बड़े पैमाने पर यहां लोगों को ईसाई और मुसलमान बनाने के लिए विदेश से मदद मिल रही है।” मधुबनी के झंझारपुर, बिस्फी, केवटी के कई ग्रामीण क्षेत्रों में ईसाई मिशनरियों ने अपना केंद्र बना रखा है। भोले—भाले ग्रामीणों, विशेषकर वंचित समाज के लोगों को, वे अपने निशाने पर रखते हैं। हालांकि इस क्षेत्र में अब विश्व हिंदू परिषद भी लगातार सक्रिय है।
ईसाइयों की करतूतों से मधुबनी का हिंदू समाज सकते में है। यहां ईसाई मिशनरियों द्वारा लगातार कन्वर्जन किया जा रहा है। मधुबनी के सीमावर्ती क्षेत्र झंझारपुर, लौकही, खुटौना, जयनगर में ये लोग जोशुआ प्रोजेक्ट को चुपचाप तरीके से सफल कर रहे हैं। जनजातीय समुदाय की कंजर जाति 60 प्रतिशत तक ईसाई बन चुकी है। ये लोग झंझारपुर की सुखैत पंचायत में रहते हैं। इसी प्रकार लोहाना पंचायत के पैतघाट मुसहरी में भी ईसाई मिशनरियों ने कन्वर्जन कराया है। लौकही की नरेंद्रपुर पंचायत और आसपास के क्षेत्र में रहने वाले वंचित समाज के लगभग 2500 लोगों को ईसाई बनाया गया है। कहा जा रहा है कि कन्वर्जन कराने के लिए खुटौना के एक व्यक्ति को मधुबनी जिले का प्रमुख ‘प्रचारक’ बनाया गया है और उसे 40 से 50 हज़ार रुपए प्रति माह मानदेय दिया जाता है। दरभंगा में यह कार्य करने का दायित्व अशोक वराट को दिया गया है। ऐसा कहा जाता है इसके लिए अशोक को प्रति माह 60 हज़ार रुपए मानदेय मिलता है।
जहां मिशनरी के लोग छल—कपट से हिंदुओं को ईसाई बना रहे हैं, वहीं मुसलमान लव जिहाद से हिंदुओं को मुसलमान बनाने में लगे हैं।
कन्वर्जन की शिकायत मिलने पर पुलिस विभाग की विशेष शाखा की ओर से जांच के निर्देश दिए गए हैं। मधुबनी के गोबरहिया और चंपारण के बगहा की स्थिति पर केंद्रीय खनन एवं कोयला राज्यमंत्री सतीश चंद्र दुबे ने भी प्रश्न उठाए हैं। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में जांच करने का आग्रह किया है। उन्होंने धर्म परिवर्तन पर यथाशीघ्र रोक लगाने की बात भी कही है।
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