ISI के लिए जासूसी, ब्रम्होस एयरोस्पेस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत देने से किया इंकार कर दिया है। निशांत को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने और ब्रह्मोस मिसाइलों से जुड़ी अत्यंत खुफिया जानकारी को लीक करने का दोषी पाया गया था।
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बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले की सुनवाई 23 अगस्त के अपने आदेश में कहा था कि जस्टिस विनय जोशी और वृषाली वी जोशी की बेंच ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा किसी भी जघन्य अपराध से कहीं अधिक गंभीर है। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने कहा कि यह मुद्दा देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है, जिस पर गंभीरता से विचार किए जाने की आवश्यकता है। इस तरह के हालातों में हम राष्ट्रीय सुरक्षा का जोखिम नहीं उठा सकते हैं।
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि आरोपी ने पाकिस्तान के इस्लामाबाद स्थित सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए कनेक्शन स्टैब्लिश किया था। मामले की जांच के दौरान मिले सबूतों से ये पता चलता है कि आरोपी ने पाकिस्तान से बनाए गए एक फेसबुक अकाउंट से आई फ्रेंड रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर लिया था। सेजल कपूर नाम की आईडी से उसने बातचीत की थी।
जब आऱोपी के लैपटॉप की फॉरेंसिक जांच में भी पता चला था कि उसमें ब्रह्मोस मिसाइल डिफेंस सिस्टम से जुड़ी 19 सीक्रेट्स फाइलें थीं। इसमें 16 फाइलें टॉप सीक्रेट्स और 3 फाइलें प्रतिबंधित की लेबल की गई थी।
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कब हुई थी गिरफ्तारी
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के सैन्य खुफिया और एटीएस द्वारा एक संयुक्त अभियान चलाकर ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, आईपीसी और आईटी एक्ट अरेस्ट कर लिया गया था।
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