मध्य प्रदेश

नहीं रहे प्रखर विचारक प्रशांत बाजपेयी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, महाकौशल के सह प्रांत प्रचार प्रमुख प्रशांत बाजपेयी के असामयिक देवलोकगमन हो गया है

Published by
Sudhir Kumar Pandey

जबलपुर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, महाकौशल के सह प्रांत प्रचार प्रमुख प्रशांत बाजपेयी का 24 अगस्त को असामयिक देवलोकगमन हो गया। उनका अस्थि संचय(खारी) कार्यक्रम मंगलवार को संस्कार स्थल तिलवारा घाट पर सुबह 8 बजे होगा।वह प्रचार विभाग के आधार स्तम्भ के साथ प्रखर वक्ता एवं चिंतक थे। महाकौशल फिल्म निर्माण समिति के संयोजक भी थे।

कई विषयों की गहरी समझ, समाज, राष्ट्र, धर्म के मर्म का ज्ञान उनकी विशेषता थी। प्रशांत जी का व्यक्तित्व और ह्रदय बहुत बड़ा था। वे समय के कुशल पारखी थे और देश दुनिया के तमाम विषयों पर उनकी गहरी पकड़ और पारखी दृष्टि हमेशा बनी रहती थी। वे अपनी किशोरावस्था से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए और फिर क्रमशः विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते रहे। महाकौशल प्रांत के सह प्रान्त प्रचार प्रमुख के रूप में वे निरंतर राष्ट्रीय विचारों और समाज के विविध विषयों को लेकर काम कर रहे थे। उनके काम करने की अपनी शैली थी। वे जो काम अपने हाथों में लेते थे उसे पूरी निष्ठा के साथ पूरा करते थे। महाकौशल प्रांत में प्रचार विभाग को सुव्यवस्थित आकार देने में उनकी बड़ी भूमिका रही है। वे वर्तमान के साथ भविष्य आधारित सोच के साथ काम करते थे।वे ख्यातिलब्ध स्तंभकार के रूप में जाने जाते थे। उनका गहन अध्ययन, तथ्य और सत्य पर आधारित विश्लेषण उनकी लेखनी की धार को पैना बनाता था । वे पाञ्चजन्य पर निरंतर लिखते रहते थे। सुरुचि प्रकाशन नई दिल्ली से स्वयंसेवक के जीवन पर आधारित ‘धर्मक्षेत्रे’ उनकी चर्चित पुस्तक है।

प्रशांत बाजपेयी रा.स्‍व.संघ के किसी भी दायित्व में रहे हों। उन्होंने हमेशा संघ के आदर्श स्वयंसेवक की भूमिका का सर्वदा सम्यक ढंग से निर्वहन किया। उन्हें जब जो भूमिका मिली उस पर उन्होंने पूरी तन्मयता और निष्ठा से काम किया। अपने काम से जाने और पहचाने गए। सबको एक साथ एक माला में पिरोकर रखना। स्वयंसेवकों, कार्यकर्ताओं की चिंता करना। समय – समय पर विविध विषयों को लेकर प्रबोधन करना ; यह सब उनका मूल स्वभाव था।

केशव कुटी में दी गई श्रद्धांजलि

केशव कुटी जबलपुर में प्रशांत बाजपेई जी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। प्रांत संघचालक डॉ प्रदीप दुबे ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशांत जी संघ के बड़े कर्मठ कार्यकर्ता थे, जनजाति एवं अंतर्बाह्य सुरक्षा के जानकार एवं अच्छे लेखक, वक्ता थे। डॉ कैलाश गुप्ता, विभाग संघचालक ने कहा कि धीर गंभीर और बारीक जानकारी रखने वाले प्रशांत बाजपेई जैसे कार्यकर्ता विरले होते हैं, स्वयंसेवकों के लिए उनका जीवन अनुकरणीय है। उत्तम बैनर्जी, प्रांत कार्यवाह ने कहा कि प्रशांत बाजपेई विद्वत्ता से युक्त, सतत् सक्रिय, हर विषय को समझकर अनुकूल मार्ग निकालने में सक्षम, परिस्थितियों की अध्ययनशीलता, उत्कृष्ट वक्ता, गंभीर लेखक थे । उनका जाना संघ की बड़ी क्षति है। शिवनारायण पटेल, सह प्रांत प्रचार प्रमुख ने कहा कि प्रशांत बाजपेई संघ के प्रत्येक विषय पर जानकारी रखने वाले कार्यकर्ता थे। उनके जीवन से केवल सीखा ही जा सकता है। वे महाकौशल प्रांत में प्रचार विभाग के विकास की महत्वपूर्ण धुरी थे। अनिल चंद्रवंशी सह प्रांत कार्यवाह, डॉ आनंद राव पारधी सह क्षेत्र संगठन मंत्री एवं डॉ गोविन्द प्रसाद मिश्र अध्यक्ष विश्व संवाद केन्द्र महाकौशल ने भी श्रद्धांजलि सभा में प्रशांत बाजपेई के प्रति अपने उद्गार व्यक्त किए । इस दौरान प्रांत संघचालक डॉ. प्रदीप दुबे , सह विभाग कार्यवाह विवेकानंद पटेल एवं समस्त स्वयंसेवक ने प्रशांत बाजपेई को भावुकता के साथ याद किया।

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