अफगानिस्तान की इस्लामिक कट्टरपंथी तालिबानी सरकार लगातार लोगों के अधिकारों को कुचलने की कोशिशों में लगी हुई है। इसी क्रम में तालिबानी सरकार के नैतिकता मामलों के कार्यवाहक मंत्री मोहम्मद खालिद हनफी ने कहा कि तालिबानी अमीरात में इस्लामी कानूनों के प्रवर्तन से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
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टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, खालिद हनफी ने कहा कि शरिया और हिजाब का कार्यान्वयन ही हमारी रेड लाइन है। इस्लाम और शरिया के मामलों में वो किसी से भी कोई बातचीत नहीं करेंगे। हनफी ने कहा कि अल्लाह न करे कि धार्मिकता को बढ़ावा न देते हुए बुराई को खत्म करें अथवा हिजाब के मुद्दों को छोड़ दें, बल्कि उसके बदले में बातचीत कर उसे मान्यता दें। ऐसे में सवाल ये है कि 20 तक अपना बलिदान क्यों दिया।
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उन्होंने इस मंत्रालय के अधिकारियों से इस्लामी अमीरात के नेता द्वारा समर्थित कानून को लागू करने का आग्रह किया है। खालिद हनफी मजार ए शरीफ में सदाचार मंत्रालय के अधिकारी, स्थानीय अधिकारियों और इस्लामिक मौलवियों के साथ बैठक में थे।
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बल्ख प्रांत के डिप्टी गवर्नर नूर-उल-हादी अबू एड्रिस ने इस बैठक में कहा कि लोगों की ये ड्यूटी है कि वे सद्गुणों को बढ़ावा देते हुए हमें उन लोगों को रोकना चाहिए, जो कि अनैतिक और गैरकानूनी कामों में लिप्त हैं। हनफी ने आरोप लगाया कि वैश्विक स्तर पर काम करने वाले मानवाधिकार संगठन अफगानिस्तान के अंदरूनी मामलों में लगातार हस्तक्षेप कर रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि फिलिस्तीन में महिलाओं और बच्चों की हत्या को नजरअंदाज किया जाता है।
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