बिजनेसमैन अशनीर ग्रोवर और फिनटेक फर्म भारत पे के बीच विवादों को सुलझाने के लिए एक मात्र मध्यस्थ की नियुक्ति करने का आदेश पारित किया है। हाई कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थ को ग्रोवर और भारत पे के बीच विवादों को सुलझाने का काम सौंपा जाएगा।
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मामले की सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सी हरिशंकर ने की। उन्होंने BharatPe द्वारा दायर याचिका में यह आदेश पारित किया गया, जिसमें एक मात्र मध्यस्थ की नियुक्ति की मांग की गई थी। भारत पे का आरोप था कि ग्रोवर सोशल मीडिया पर कंपनी की सीक्रेट इंफॉर्मेशन शेयर की थी, जो कि एम्प्लॉयमेंट समझौते का उल्लंघन है।
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याचिका में भारत पे ने अपनी याचिका में बताया कि ग्रोवर को मार्च 2021 के रोजगार समझौते के तहत आर्बिट्रेशन का आह्वान करते हुए नोटिस जारी किया था। फिनटेक कंपनी ने ग्रोवर के साथ मिलकर एक मात्र मध्यस्थ को नियुक्त करके आर्बिटल ट्राइब्युनल का गठन करने का प्रस्ताव रखा। जस्टिस सी हरि शंकर ने मध्यस्थता और सुलह अधिनियम की धारा 11 के तहत भारत पे द्वारा दायर याचिका पर आदेश पारित किया।
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हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान मध्यस्थ न्यायाधिकरण पहले ही शेयरधारकों के समझौते पर दोनों पक्षों के बीच विवादों के निपटारे के लिए ग्रोवर ने रिटायर्ड जस्टिस जेआर मिधा को मध्यस्थ नियुक्त करने की मांग की है। ग्रोवर की ओर से वकील गिरिराज सुब्रमण्यम पेश हुए, जबकि भारत के वकील अनुज बेरी पेश हुए थे।
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