अमेरिका के महानगर न्यूयॉर्क में आगामी भारत दिवय परेड अपने 42वें साल में प्रवेश कर रही है। इस वर्ष अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का लोकार्पण हुआ है तो उसी गौरवशाली पल की स्मृति में भारतीय समुदाय ने एक स्वर से इसमें श्रीराम मंदिर की झांकी शामिल करने का आह्वान किया था। बहुमत की इच्छा देखते हुए ही फेडरेशन आफ इंडियन एसोसिएशन ने परेड में राम मंदिर की लघु झांकी को शामिल करने का निर्णय लिया गया है।
हर साल की तरह अमेरिका बसे भारतीय इस बार भी इंडिया डे परेड अथवा भारत दिवस परेड आयोजित करने जा रहे हैं। भारतीय स्वातंत्र्य समर की याद में वर्षों से आयोजित की जाती रही यह परेड इस साल 18 अगस्त को निकलनी तय है। परेड में भारत की धार्मिक—सामाजिक उपलब्ध्यिों को झांकियों के माध्यम से दर्शाया जाता है। इस बार अमेरिकी भारतीयों ने इस परेड में अयोध्या में नवनिर्मित श्रीराम मंदिर की भव्य झांकी शामिल करने की तैयारी की है। लेकिन इस बात से अमेरिका में बसे कट्टर सोच के भारतीय मुस्लिमों ने नफरत भरा बर्ताव दर्शाते हुए परेड निकालने का विरोध किया है। लेकिन भारतीय समुदाय भव्य परेड की पूरी तैयार कर चुका है।
न्यूयॉर्क में निकलने जा रही भारत दिवस परेड को लेकर वहां बसे कट्टर भारतीय मुस्लिमों द्वारा जिस प्रकार की आपत्तियां की गई हैं और ईर्ष्या का प्रदर्शन किया गया वह अधिकांश भारतीय अमेरिकियों में आक्रोश पैदा कर रहा है। भगवान श्री राम के प्रति आस्था रखने वाले दुनिया के हर कोने में बसे हर मत—पंथ आस्थावान अयोध्या में जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण को लेकर उत्साहित ही दिखे हैं, लेकिन कट्टर इस्लामवादी सोच के पैरोकार भारत में भी इस प्रकार की ईर्ष्या का प्रदर्शन करते दिखाई दिए हैं।
लेकिन भारत दिवस परेड के आयोजक अब पीछे हटने को तैयार नहीं हैं जबकि वे जानते हैं कि अड़चन डालने वाले तत्व हर तरह से इसे रोकने या बदनाम करने की कोशिश करेंगे। आयोजक कहते हैं कि इसमें संदेह नहीं है कि परेड के विरुद्ध न्यूयार्क के प्रशासन के सामने अनेक तरह की याचिकाएं दर्ज कराई जाएंगी। प्रभावशाली नेताओं से दबाव डलवाया जाएगा कि कैसे भी यह परेड न निकलने दी जाए, लेकिन इस सबके बावजूद आयोजक अपनी योजना से टस से मस नहीं होंगे। इस वातावरण को देखते हुए भी आयोजकों ने अमेरिकी भारतीय लोगों से आपस में सद्भाव बनाए रखते हुए परेड में शामिल होने का आह्वान किया है।
यहां यह जानना दिलचस्प होगा कि अमेरिका के महानगर न्यूयॉर्क में आगामी भारत दिवस परेड अपने 42वें साल में प्रवेश कर रही है। इस वर्ष अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का लोकार्पण हुआ है तो उसी गौरवशाली पल की स्मृति में भारतीय समुदाय ने एक स्वर से इसमें श्रीराम मंदिर की झांकी शामिल करने का आह्वान किया था। बहुमत की इच्छा देखते हुए ही फेडरेशन आफ इंडियन एसोसिएशन ने परेड में राम मंदिर की लघु झांकी को शामिल करने का निर्णय लिया गया है। लेकिन अब इसी को विवाद को विषय बनाकर कट्टर सोच के भारतीय मुस्लिम परेड पर आपत्ति कर रहे हैं।
फेडरेशन ने इस बारे में एक बयान भी जारी किया है। इसमें कहा गया है कि परेड पूरी शांति के साथ सामुदाय के एक उत्सव के नाते आयोजित की जा रही है, परन्तु दुखद है कि इस पर सख्त नजर डाली जा रही है। हमारे साथियों ने बहुत मेहनत से इस परेड की तैयारी की है। लेकिन सोशल मीडिया पर इसको लेकर दुर्भावना व्यक्त करने से परेड के प्रायोजकों को नुकसान पहुंचा है। ऐसा नफरती माहौल बनाया गया है कि कानून के अनुसार चलने वाले नागरिक चिंता कर रहे हैं। आयोजकों की ओर से कहा गया है कि लाखों हिंदुओं की श्रद्धा के केन्द्र की झांकी को परेड में प्रदर्शित करने को ‘अपमानजनक’ बताना किसी भी तरह उचित नहीं है। उन्होंने सवाल किया है कि यहां बात अगर किसी अन्य समुदाय के पांथिक स्थल की होती तो क्या उसे लेकर नफरत स्वीकार्य होती? वह स्वीकार्य नहीं होती।
भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद वह नफरती संस्था है जिसने बस इसी साल ऐसा विवाद नहीं खड़ा किया है। यह संस्था और इस जैसी अन्य इस्लामवादी संस्थाओं ने श्रीराम मंदिर के प्रति अपशब्द बोलते हुए इसे ‘हिंसा का प्रतीक’ बताया। इस मुस्लिम संस्था ने तो यहां तक कहा कि इस परेड में सम्मिलित होने वाले निंदा के योग्य हैं। पता नहीं क्यों, लेकिन जब भी कुछ भारत विरोधी बात दुष्प्रचार करना होता है उसमें यह इस्लामवादी संस्था और इससे जुड़े मुस्लिम तत्व आगे आते रहे हैं।
यही वह संस्था है कि जिसकी फरवरी 2022 में हुई एक गोष्ठी में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने भाग लेकर अपनी फजीहत कराई थी और लोगों के आक्रोश का निशाना बने थे। इसी गोष्ठी में हामिद ने भारत के लिए बहुत खराब बोलते हुए यहां मानवाधिकारों को लेकर ‘चिंता’ जाहिर की थी। उनके उस भाषण पर बहुत से लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई थी। भारत के विदेश विभाग ने भी उसमें व्यक्त हामिद के विचारों की कड़ी भर्त्सना की थी।
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