डॉक्टर का रक्तरंजित शव, निर्मम हत्या को बताया आत्महत्या का केस, भड़का गुस्सा
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत पश्चिम बंगाल

डॉक्टर का रक्तरंजित शव, निर्मम हत्या को बताया आत्महत्या का केस, भड़का गुस्सा

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर (द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा) का शव देखकर भी पुलिस को हैवानियत नजर नहीं आई।

by WEB DESK
Aug 13, 2024, 03:59 pm IST
in पश्चिम बंगाल
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

कोलकाता, (हि.स.)। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर (द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा) का शव देखकर भी पुलिस को हैवानियत नजर नहीं आई। पुलिस ने कह दिया यह तो आत्महत्या का केस है। यह सुनते ही वहां मौजूद लोगों की आंखें फटी की फटी रह गईं। और भड़का गुस्सा आंदोलन के रूप में बदल गया। जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है।

पुलिस ने एक आरोपित संजय राय को गिरफ्तार कर लिया है, जो सिविक वॉलंटियर था और अंततः कोलकाता पुलिस का ही हिस्सा था। इसके बावजूद छात्रों और डॉक्टरों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक संवेदनशील मुद्दे के रूप में इस घटना के बाद पुलिस और अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेदारी बनती थी कि वे हालात को संभालें, लेकिन हालात और बिगड़ते चले गए।

घटना के बाद सैकड़ों की संख्या में मेडिकल स्टाफ धरने पर बैठ गया। इसमें आरजी कर के अलावा कोलकाता मेडिकल कॉलेज, नेशनल मेडिकल कॉलेज, और नर्सिंग स्टाफ समेत कई अन्य अस्पतालों के चिकित्सक शामिल हैं। धरने पर बैठी एक महिला चिकित्सक ने कहा, “घटना इतनी भयानक थी कि इसे सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे। अस्पताल परिसर के अंदर एक डॉक्टर के साथ इस तरह की बरबर्ता हुई है कि उसके कंधे तोड़ दिए गए, उसकी आंखों और प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था। कोई सामान्य व्यक्ति भी देखे तो समझ जाएगा कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि निर्मम हत्या है। इसके बावजूद, पुलिस ने मौके पर पहुंचते ही इस घटना को आत्महत्या करार दे दिया, जो कि बिल्कुल लापरवाह और संवेदनहीन था।”

डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ का आक्रोश

धरने में शामिल एक ट्रेनी डॉक्टर ने बताया कि पुलिस का रवैया यह दर्शाता है कि इस मामले में न्याय की कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा, “संजय राय को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन हमें इस पर संदेह है कि वही असली अपराधी है या नहीं। पुलिस ने इस पूरे मामले में शुरुआत से ही गैर-जिम्मेदाराना रवैया अपनाया, जिससे यह साफ हो गया कि वे मामले को दबाने की कोशिश कर रहे थे। इस तरह की परिस्थितियों में डॉक्टरों का गुस्सा स्वाभाविक है। जब तक मजिस्ट्रेट की निगरानी में जांच नहीं होती, हमारा आंदोलन जारी रहेगा।”

लोग आरोप लगा रहा हैं कि अगर छात्र आंदोलन नहीं करते तो पुलिस इस घटना को पहले ही दबा चुकी थी। जब जूनियर डॉक्टर धरने पर बैठे और हालात बिगड़ने लगे तब मजबूरी में पुलिस कमिश्नर को मौके पर आना पड़ा। उनसे माफी की मांग की गई है लेकिन वह भी अपने अड़ियल रुख पर अड़े हुए हैं जो बताता है कि महानगर में डॉक्टरों के प्रति पुलिस की लापरवाही किस हद तक है। यह शर्मिंदगी भरा है। धरने पर बैठी एक अन्य महिला ट्रेनी डॉक्टर ने कहा कि इस घटना के बाद नर्सिंग और अन्य मेडिकल स्टाफ डर के साए में जी रहे हैं, खासकर महिलाएं। उन्होंने कहा, “हमारे साथ पहले भी मारपीट और दुर्व्यवहार की घटनाएं हुई हैं, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला। सबसे चिंताजनक बात यह है कि जिस पुलिस को हमें सुरक्षा देनी चाहिए, वही सिविक वॉलंटियर इस घटना का हिस्सा था।”

प्रिंसिपल की भूमिका

प्रदर्शन में शामिल एक वरिष्ठ डॉक्टर, जो पूरे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं, ने अस्पताल प्रबंधन पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “घटना के तुरंत बाद अस्पताल के प्रिंसिपल संदीप घोष ने बेहद गैर-जिम्मेदाराना बयान दिया। उन्होंने सबसे पहले इस घटना को आत्महत्या करार दिया, जिसके बाद पुलिस ‌ आत्महत्या का रट लगने लगी। उन्होंने कहा कि इस मामले को जानबूझकर दबाया गया, और अगर हम आंदोलन नहीं करते तो इस पूरे मामले पर पर्दा डाल दिया जाता।”

उन्होंने कहा कि सबसे पहले अस्पताल के प्रिंसिपल ने यह भी कहा कि महिला डॉक्टर रात में वहां क्यों गई थी। यानी एक अस्पताल के अंदर एक डॉक्टर की सुरक्षा मायने नहीं रखती थी बल्कि उसके कैरेक्टर पर सवाल उठाया जा रहा था। यह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा थी और उस पर से पुलिस ने आग में घी डालने का काम किया।

स्वास्थ्य विभाग पर सवाल

स्वास्थ्य विभाग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, “संदीप घोष अपने कार्यकाल के दौरान लगातार विवादों में रहे हैं। कई बार तबादले के बावजूद बिल्कुल कम समय, वे अपने राजनीतिक संपर्कों का लाभ उठाकर आरजी कर में वापस आ जाते थे। इस बार भी, उनके इस्तीफे का इंतजार किया गया, बजाय इसके कि उन पर कड़ी कार्रवाई की जाती, उन्हें खुद से इस्तीफा देने का इंतजार किया गया जबकि हम लगातार इसके लिए मांग कर रहे थे। संदीप घोष ने अपने इस्तीफे को भी विक्टिम कार्ड की तरह इस्तेमाल किया और स्वास्थ्य विभाग ने इसमें उनका साथ दिया।” एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, “जाहिर सी बात है यह विभाग में बैठे अधिकारियों के गैरसंवेदनशील आचरण को दिखाने वाला है। एक महिला डॉक्टर ने कहा कि प्रिंसिपल का बयान, उनका बर्ताव सब कुछ संदिग्ध है। उन्हें हिरासत में लेकर जांच करनी चाहिए लेकिन इस्तीफा देकर वह भाग निकले और ना तो पुलिस और ना ही स्वास्थ्य विभाग ने उनकी भूमिका की जांच शुरू की है। इसलिए आंदोलन तो जारी ही रहेगा।

वारदात में एक से अधिक लोगों के शामिल होने की संभावना प्रबल

प्रदर्शन में शामिल एक अन्य महिला डॉक्टर ने बताया कि इस घटना में सिर्फ एक व्यक्ति के लिए इतनी वीभत्स हत्या कर पाना असंभव सा जान पड़ता है। उन्होंने कहा, “पुलिस का कहना है कि संजय राय इस घटना के दौरान काफी नशे में था, लेकिन अगर वह नशे में था, तो उसके लिए खुद को संभाल पाना मुश्किल होता, ऐसे में इस तरह की निर्मम हत्या करना संभव नहीं है। निश्चित रूप से इसमें कई लोग शामिल हैं और उन्हें बचाने की कोशिश हो रही है।” प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का कहना है कि जब तक इस मामले की जांच मजिस्ट्रेट की निगरानी में नहीं होती और दोषियों को कड़ी सजा नहीं मिलती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। कई अन्य प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एक व्यक्ति के बस की इतनी बड़ी घटना को अंजाम देना नहीं है। जाहिर सी बात है कि जिसे बचाने की कोशिश पुलिस कर रही है वह कहीं ना कहीं बड़ा प्रभावशाली है और पुलिस अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए पूरे देश के सामने बंगाल को शर्मिंदा कर रही है।

मुख्यमंत्री ने दिया है सीबीआई जांच का अल्टीमेटम

उल्लेखनीय है कि इस वीभत्स घटना ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को संकट में डाल दिया है और डॉक्टरों का आंदोलन अब पूरे देश में फैल चुका है। डॉक्टरों का कहना है कि इस घटना ने चिकित्सा समुदाय के बीच सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न कर दी हैं, और जब तक इन चिंताओं का समाधान नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। पुलिस और अस्पताल प्रबंधन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए प्रदर्शनकारी न्याय की मांग कर रहे हैं और दोषियों को सख्त सजा दिलाने की अपील कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पुलिस को रविवार तक का समय दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर तब तक जांच पूरी नहीं होती है तो घटना की जांच सीबीआई को सौंप दी जाएगी।

 

Topics: Outrage of doctors and medical staffRG Kar Medical Collegegruesome incidentChief Minister Mamata Banerjeeमुख्यमंत्री ममता बनर्जीपाञ्चजन्य विशेषआरजी कर मेडिकल कॉलेजडॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ का आक्रोशवीभत्स घटना
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

1822 तक सिर्फ मद्रास प्रेसिडेंसी में ही 1 लाख पाठशालाएं थीं।

मैकाले ने नष्ट की हमारी ज्ञान परंपरा

मार्क कार्नी

जीते मार्क कार्नी, पिटे खालिस्तानी प्यादे

हल्दी घाटी के युद्ध में मात्र 20,000 सैनिकों के साथ महाराणा प्रताप ने अकबर के 85,000 सैनिकों को महज 4 घंटे में ही रण भूमि से खदेड़ दिया। उन्होंने अकबर को तीन युद्धों में पराजित किया

दिल्ली सल्तनत पाठ्यक्रम का हिस्सा क्यों?

स्व का भाव जगाता सावरकर साहित्य

पद्म सम्मान-2025 : सम्मान का बढ़ा मान

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

ओटीटी पर पाकिस्तानी सीरीज बैन

OTT पर पाकिस्तानी कंटेंट पर स्ट्राइक, गाने- वेब सीरीज सब बैन

सुहाना ने इस्लाम त्याग हिंदू रीति-रिवाज से की शादी

घर वापसी: मुस्लिम लड़की ने इस्लाम त्याग अपनाया सनातन धर्म, शिवम संग लिए सात फेरे

‘ऑपरेशन सिंदूर से रचा नया इतिहास’ : राजनाथ सिंह ने कहा- भारतीय सेनाओं ने दिया अद्भुत शौर्य और पराक्रम का परिचय

उत्तराखंड : केन्द्रीय मंत्री गडकरी से मिले सीएम धामी, सड़कों के लिए बजट देने का किया आग्रह

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies