देहरादून: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ- संपर्क विभाग के तत्वाधान में त्यागी रोड स्थित स्टार वुड होटल देहरादून में भारतीय अपराध सहिता में हुए बदलाव विषय पर एक अधिवक्ता संगोष्ठी का आयोजन किया गया किया गया। संगोष्ठी का उद्देश्य 1 जुलाई से देशभर में लागू हुए नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों में हुए बदलावों की जानकारी दी गई।
गोष्ठी में वक्ता डॉ० पूनम रावत द्वारा इलैक्ट्रॉनिक साक्षय एवं उससे जुड़े बिंदुओं को बताया गया, जो कि व्यवहारिकता को लेकर प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि नए कानूनों की जानकारी प्रत्येक भारत वासी को होनी चाहिए। ये कानून गरीबों जरूरतमंदों को समयबद्ध तरीके से न्याय दिलाने में मददगार साबित होंगे।
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मुख्य वक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता द्वारा श्री एस के धर द्वारा कानूनी अड़चनों एवं व्यवहारिकता को लेकर नए-पुराने कानूनी के प्रावधान पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी मानसिकता से बाहर निकलने के लिए नए कानून देशहित में उठाया गया एक जरुरी कदम है। उन्होंने कहा कि साक्ष्य के लिए फोरेंसिक जांच की प्रक्रिया अपनाने से कोर्ट को न्याय देने में आसानी होती है।
गोष्ठी की अध्यक्षता पूर्व रजिस्ट्रार जनरल उच्च न्यायालय उत्तराखंड श्री डी पी गैरोला द्वारा की गई, उन्होंने कहा कि कानूनी प्रणाली में आये बदलाव से न्याय व्यवस्था और मजबूत होगी और देश में गरीब नागरिकों का न्याय प्रणाली के प्रति नया विश्वास पैदा होगा।
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गोष्ठी में वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश गुप्ता, विभाग प्रचारक धनंजय जी, राजीव गुप्ता, बलदेव पराशर, नीरज पांडे, वी के शर्मा, योगेंद्र तोमर, राजबीर बिष्ट, अनिल कुमार शर्मा, अरुण उनियाल, निश्चल शर्मा, शुभांग गोयल, विशाल जिंदल, श्रीकांत, मयंक गौर, अरुण सक्सेना, लक्ष्मी गुसाईं, अनुज शर्मा, व काफी संख्या में युवा अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थिति रहे।
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