तख्तापलट के बाद कट्टरपंथी जमात ए इस्लामी पर से प्रतिबंध हटा, खालिदा जिया का उदय भारत के लिए खतरा!
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तख्तापलट के बाद कट्टरपंथी जमात ए इस्लामी पर से प्रतिबंध हटा, खालिदा जिया का उदय भारत के लिए खतरा!

खालिदा जिया के कार्यकाल के दौरान भारत विरोधी ताकतों को आतंकवाद और अन्य विध्वंशक गतिविधियों के लिए बांग्लादेश का इस्तेमाल करने की खुली छूट मिली थी।

by Kuldeep Singh
Aug 10, 2024, 11:44 am IST
in विश्व
Khaleda Zia Jamat E Islami Bangladesh
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बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद कट्टरपंथियों की मौज हो गई है। इसको इस बात से समझा जा सकता है कि इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन जमात ए इस्लामी ने बोरो बाजार स्थित मोघबाजार में अपने केंद्रीय कार्यालय को 13 साल बाद एक बार फिर से खोल दिया है। उस पर शेख हसीना वाजेद सरकार ने अपने शासन के अंतिम घंटों पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया था।

इसे भी पढ़ें: ‘सेक्युलर हिन्दुओं अगर आप गाजा, सीरिया और बांग्लादेश पर चुप तो आप…’: कपिल मिश्रा

कट्टरपंथी संगठन जमात ए इस्लामी संगठन के प्रमुख शफीकुर रहमान ने कहा कि 19 सितंबर 2011 को हमने कार्यालय को छोड़ दिया था। आज हम वापस आ गए हैं। पत्रकारों से बात करते हुए अपनी राजनीतिक गतिविधियों की शुरुआत के संकेत के सवाल पर शफीकुर रहमान ने कहा कि हमें किनारे नहीं किया गया। हमारा मानना है कि हमारे अधिकारों को छीन लिया गया था और उन्हें बहाल नहीं किया गया। हम आपके साथ थे और आपके साथ खड़े थे।

उल्लेखनीय है कि बोरो मोघबाजार रेलगेट के पास 505 एलीफेंट रोड पर स्थित केंद्रीय कार्यालय को पार्टी के पूर्व प्रमुख मोतीउर रहमान निज़ामी और पूर्व महासचिव अली अहसान मोहम्मद मुजाहिद की युद्ध अपराध के आरोप में गिरफ़्तारी के बाद बंद कर दिया गया था।

खालिदा जिया का पुन: हुआ उदय

शेख हसीना जावेद के भारत में शरण लेने के बाद उनकी कट्टर प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया का एक बार फिर से उदय होने जा रहा है। बांग्लादेश नेशनल पार्टी की प्रमुख खालिदा जिया एक बार फिर से नजरबंदी से रिहा कर दिया गया है। इस बात की पूरी उम्मीद है कि उनकी पार्टी ये चुनाव जीत सकती है। बताया जाता है कि जिया का सत्ता में वापस आना भारत के लिए चिंता की बात होगी, क्योंकि उनका रवैया पाकिस्तान समर्थक रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, खालिदा जिया के कार्यकाल के दौरान भारत विरोधी ताकतों को आतंकवाद और अन्य विध्वंशक गतिविधियों के लिए बांग्लादेश का इस्तेमाल करने की खुली छूट मिली थी। उनकी सत्ता के आखिरी वर्षों 2001 से 2006 के दौरान पाकिस्तान की आईएसआई ने ढाका में अपनी मजबूत उपस्थिति बनाए रखी और आतंकी समूहों के माध्यम से भारत में कई आतंकी हमलों के पीछे अहम भूमिका निभाई।

इसे भी पढ़ें: Bangladesh: हिंसा के 23 दिन, शेख हसीना को देना पड़ा इस्तीफा, 560 लोगों की मौतें

खालिदा जिया की ही सरकार के दौरान भारत के पूर्वोत्तर के उग्रवादी समूह कथित तौर पर आईएसआई के संरक्षण में बांग्लादेश के ठिकानों में काम करते थे। हालांकि, हसीना के सत्ता में वापस आने के बाद कार्रवाई करते हुए उग्रवादी नेताओं को भारत को सौंप दिया था। बांग्लादेशी आतंकी संगठन हूजी के पाकिस्तानी उग्रवादी संगठनों के साथ घनिष्ठ संबंध थे।

Topics: खालिदा जियाशेख हसीना का तख्तापलटजमात ए इस्लामी बांग्लादेशSheikh Hasina's coupJamaat-e-Islami Bangladeshworld NewsKhaleda ZiaBangladesh Newsइस्लामिक कट्टरपंथIslamic fundamentalismवर्ल्ड न्यूजबांग्लादेश न्यूज
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