गुजरात से बठिंडा तक आने वाली गैस पाइपलाइन को रोकने के लिए चल रहे प्रदर्शन पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रदर्शन सबका अधिकार है, लेकिन,इसकी आड़ में राष्ट्र के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट रोकना ठीक नहीं है। हाईकोर्ट ने बठिंडा की एसएसपी पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाते हुए प्रोजेक्ट की रुकावटों को 15 दिन में दूर करने का आदेश दिया है।
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याचिकाकर्ता कंपनी ने कहा कि 2017 में केंद्र सरकार ने जनहित में यह आवश्यक समझा कि गुजरात के मेहसाणा से पंजाब के बठिंडा तक प्राकृतिक गैस के परिवहन के लिए गुजरात सरकार के उपक्रम जीएसपीएल की ओर से पाइप लाइन बिछाई जानी चाहिए। आरोप है कि जब परियोजना का काम चल रहा था तब बठिंडा की तहसील तलवंडी साबो के भूमि स्वामियों ने उपद्रव मचाना शुरू कर दिया और अधिकारियों को धमकाया और मशीनरी को नुकसान पहुंचाने का भी प्रयास किया।
याचिका में कहा गया कि बठिंडा के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने एसएसपी को परियोजना को पूरा करने के लिए पुलिस सहायता प्रदान करने के निर्देश जारी किए। इसके बावजूद, स्थानीय प्रशासन पर्याप्त सहायता प्रदान नहीं कर रहा है।
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इस सबके बावजूद कुछ किसान और नेता इस प्रोजेक्ट में बाधा डाल रहे हैं। इस संबंध में पुलिस प्रशासन को भी शिकायत दी गई, लेकिन उसका कोई लाभ नहीं हुआ। हाई कोर्ट ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए पंजाब सरकार को जमकर फटकार लगाई। हाई कोर्ट ने बठिंडा की एसएसपी पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाते हुए इस प्रोजेक्ट की बाधाओं को 15 दिन के भीतर दूर करने का आदेश दिया है।
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