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Braking News: उत्तर प्रदेश में लव जिहाद की सजा होगी अब जीवन भर की जेल, योगी आदित्यनाथ सरकार का बड़ा फैसला

विधान सभा में पेश किया गया विधेयक, कल सदन में हो सकता है पास, कई अपराधों में सजा दोगुनी करने का प्रावधान इसमें शामिल, घरवालों के अलावा कोई भी दर्ज करा सकेगा इस तरह के प्रकरण में शिकायत

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पाञ्चजन्य ब्यूरो

नई दिल्ली। जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार लव जिहाद जैसे गंभीर अपराधों पर कड़ा रुख अपना रही है। सरकार ने अब ऐसे मामलों में आजीवन करावास तक की सजा का फैसला लिया है। इससे जुड़ा विधेयक सरकार ने सोमवार को विधानसभा में पेश कर दिया, जो कि सदन में कल पास हो सकता है। इसमें कई अपराधों की सजा दोगुनी तक करने का प्रावधान शामिल है। विधेयक से जुड़ी बड़ी बात ये भी है कि इसमें लव जिहाद के लिए फंडिंग को भी कानून के तहत गंभीर अपराध के दायरे में लाने की तैयारी है।

उत्तर प्रदेश में अभी तक लव जिहाद जैसे अपराध में 10 साल की सजा का नियम था। यूपी की भाजपा सरकार ने इससे पहले धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेक विधेयक 2021 पारित किया था, जिसमें एक से 10 साल तक की सजा का प्रावधान था। इस विधेयक में सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन को अमान्य था। साथ ही झूठ बोलकर, लालच-प्रलोभन और धोखा देकर धर्म परिवर्तन कराने को भी अपराध की श्रेणी में रखा गया था।

स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन को लेकर दो महीना पहले मजिस्ट्रेट को इसकी जानकारी देने का नियम भी विधेयक 2021 में शामिल किया गया था। इसके अलावा धोखेबाजी से धर्म परिवर्तन कराने के मामले में एक से पांच साल की सजा के साथ 15 हजार के जुर्माने को विधेयक का हिस्सा बनाया गया था। वंचित समाज की लड़की के साथ ऐसा अपराध करने वाले पर जुर्माना 25 हजार और 3 से 10 साल की सजा का नियम विधेयक में शामिल था।

राज्य में लव जिहाद से जैसे बढ़ते मामलों को देखते हुए योगी सरकार इसे लेकर अब और सख्त दिखाई दे रही है। राज्य सरकार की ओर से प्रस्तावित नए विधेयक में इस तरह के अपराध के मामलों में सजा का प्रावधान दोगुना तक करने का प्रस्ताव शामिल है। इस मामले में बड़ा फैसला ये भी है कि सरकार लव जिहाद के अपराध को गैर जमानती बनाने जा रही है। इसके अलावा एक बड़ा बदलाव ये भी होगा कि अब कोई भी लव जिहाद की शिकायत कर सकेगा। अभी तक ऐसे मामलों की शिकायत सिर्फ पीड़िता के घरवाले ही दर्ज करा सकते थे। विधेयक को योगी सरकार ने सोमवार को विधानसभा में पेश कर दिया। कल मंगलवार यानी 30 जुलाई को यह सदन में पास हो सकता है।

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