लखनऊ । बलिया जनपद में काफी दिनों से अवैध वसूली की शिकायत आ रही थी। इस मामले पर संज्ञान लेते हुए पुलिस के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने छापा मारा। मौके पर पुलिस वाले अवैध वसूली करते हुए पाए गए। वाराणसी ज़ोन के अपर पुलिस महानिदेशक पीयूष मोर्डिया एंव आजमगढ़ के पुलिस उप महानिरीक्षक वैभव कृष्ण ने सिविल ड्रेस में बलिया के नरही थाना क्षेत्र में छापा मारा। इस छापे में पुलिस कर्मी मौके पर वसूली करते हुए पाए गए। इस प्रकरण के संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बलिया जनपद के पुलिस अधीक्षक और अपर पुलिस अधीक्षक को स्थानांतरित करते हुये प्रतीक्षा सूची में डाल दिया।
जानकारी के अनुसार अपर पुलिस महानिदेशक पीयूष मोर्डिया और पुलिस उप महानिरीक्षक वैभव कृष्ण बुधवार को रात 9 बजे ही मौके पर पहुंच गए थे। दोनों अधिकारी सिविल ड्रेस में ट्रक पर सवार होकर बिहार के बॉर्डर पर पहुंचे थे। दोनो अधिकारी जब बॉर्डर पर पहुंचे तब वहां पर ट्रकों का जाम लगा हुआ था। कुर्सी पर बैठकर पुलिसकर्मी वसूली कर रहे थे। अपर पुलिस महानिदेशक ने छापेमारी के लिए तीन टीमें बनाई। आधी रात के बाद छापेमारी शुरू हुई।
थानाध्यक्ष नरहीं पन्ने लाल, चौकी प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर, आरक्षी दीपक मिश्र, आरक्षी बलराम सिंह, हेड कॉन्स्टेबल विष्णु यादव और आरक्षी सतीश गुप्ता, आरक्षी हरदयाल के अलावा दलाल रविशंकर यादव, विवेक शर्मा, जितेश चौधरी, सोनू सिंह, वीरेंद्र राय, अजय कुमार पांडेय, वीरेंद्र सिंह यादव, अरविंद यादव, रमाशंकर चौधरी, जवाहर यादव, धर्मेंद्र यादव, विकास राय, हरेंद्र यादव, सलाम अंसारी, आनंद कुमार ठाकुर एवं दिलीप कुमार के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।
इसके साथ ही डिप्टी एसपी औऱ थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। शासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए डिप्टी एसपी और थाना प्रभारी की सम्पत्ति की जांच विजलेंस से कराने का आदेश दिया है। एक अनुमान के आधार पर करीब एक हजार ट्रक दिन भर में गुजरते हैं और हर ट्रक से पांच सौ रूपये वसूले जा रहे थे।
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