गत जुलाई को रांची में अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक आयोजित हुई। अंतिम दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री सुनील आंबेकर ने पत्रकारों को बताया कि देश की युवा शक्ति काफी संख्या में संघ से जुड़ने की इच्छा व्यक्त कर रही है और जुड़ भी रही है। संघ ने 2012 में ‘ज्वाइन आरएसएस’ के अंतर्गत एक आनलाइन अभियान प्रारंभ किया था। इसके माध्यम से प्रतिवर्ष एक से सवा लाख लोग संघ के साथ विविध गतिविधियों में जुड़ रहे हैं।
इस वर्ष भी जून के अंत तक 66,529 लोगों ने संपर्क कर संघ से जुड़ने की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष से संघ प्रशिक्षण वर्गों की रचना व पाठ्यक्रम में परिवर्तन किया गया है। देशभर में 40 वर्ष से कम आयु के स्वयंसेवकों के लिए इस वर्ष 72 वर्ग (संघ शिक्षा वर्ग-60, कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम-11, कार्यकर्ता विकास वर्ग द्वितीय-1) आयोजित हुए। इनमें 20,615 लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। 40 से 65 वर्ष की आयु के लोगों के लिए आयोजित 18 वर्ग में 3,335 शिक्षार्थियों ने भाग लिया।
पिछले वर्ष आयोजित प्राथमिक शिक्षा वर्गों में एक लाख नए लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। ऐसे ही नई रचना में सामान्य स्वयंसेवकों के लिए पहली बार प्रारंभिक वर्गों (तीन दिवसीय) का आयोजन देशभर में हो रहा है, जिसमें प्राथमिक से दोगुनी संख्या में युवा सहभागी हो रहे हैं। श्री आंबेकर ने बताया कि बैठक में 227 कार्यकर्ता देशभर से अपेक्षित थे। इसमें संगठन की दृष्टि से महत्वपूर्ण विषयों पर मंथन हुआ।
आपसी विचार-विमर्श के लिए विविध संगठनों की समन्वय बैठक 31 अगस्त से 2 सितंबर तक पलक्कड़ (केरल) में होगी। श्री आंबेकर ने बताया कि विजयादशमी 2025 (100 वर्ष पूरे होने पर) तक देश में संघ कार्य विस्तार को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में सभी मंडल तथा शहरी क्षेत्रों में सभी बस्तियों में दैनिक शाखा का लक्ष्य तय किया गया है।
मार्च, 2024 तक देश में 58,981 मंडलों में से 36,823 मंडलों में प्रत्यक्ष दैनिक शाखाएं हैं। ऐसे ही शहरी क्षेत्रों में 23,649 बस्तियों में से 14,645 में संघ कार्य है। शेष में साप्ताहिक अथवा मासिक संपर्क है। अभी देश में 73,117 दैनिक शाखाएं और 27,717 साप्ताहिक मिलन चलते हैं। इसके अलावा जहां शाखा कार्य अथवा संपर्क नहीं है, ऐसे 1,58,532 गांवों में जागरण पत्रिकाओं के माध्यम से सकारात्मक संदेश, आध्यात्मिक विचार, संतों का संदेश लोगों तक पहुंच रहा है।
आगामी योजना को लेकर उन्होंने बताया कि यह वर्ष अहिल्यादेवी होलकर की त्रि-शताब्दी का वर्ष है। उन्होंने अपने जीवन में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद एक आदर्श स्थापित किया। उनके जीवन संदेश, जीवन आदर्श को जन-जन तक पहुंचाने के लिए स्वयंसेवक समाज के साथ मिलकर वर्ष भर कार्य करेंगे।
इसका शुभारंभ 31 मई को इंदौर से हो चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की दृष्टि से गो सेवा व ग्राम विकास को मिलाकर विशेष योजना बना रहे हैं। दोनों को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रयास बढ़ाए जा रहे हैं, जिससे गांवों की स्थिति बेहतर हो। उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवक देशभर में सेवा कार्य कर रहे हैं। सेवा के साथ स्वावलंबन पर भी बल दिया जाता है, जिससे सेवा प्राप्त करने वाला स्वावलंबी बने।
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