दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में घोषित अपराधी वसीम की हत्या करने आए बदमाशों ने गलती से एक दूसरे मरीज रियाजुद्दीन की हत्या कर दी। घटना के दौरान अपराधियों ने वसीम को नहीं देखा था, ऐसा माना जा रहा है कि उन्हें उस व्यक्ति की हत्या करने को कहा गया था जिसके पेट पर पट्टी बंधी हुई थी। सर्जिकल वार्ड में घुसते ही बदमाशों ने रियाजुद्दीन को देखा, जिसके पेट पर पट्टी बंधी थी, और उस पर गोलियां चला दीं।
इस हमले में समीर बाबा का नाम सामने आ रहा है, जो पिछले एक महीने से वेलकम थाना क्षेत्र में लगातार वारदातों को अंजाम दे रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से बच रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, इस घटना को अंजाम देने वाले अपराधी नाबालिग प्रतीत हो रहे थे।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, समीर बाबा पर हत्या, हत्या के प्रयास और रंगदारी समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। जेल से छूटे शास्त्री पार्क थाने के घोषित अपराधी वसीम से उसकी रंजिश चल रही थी, वसीम पर 17 आपराधिक मामले दर्ज हैं। समीर इस रंजिश के चलते वसीम की हत्या करना चाहता था। उसे पता था कि वसीम अस्पताल में भर्ती है और शाम 4 बजे के आसपास उसके तीमारदार वार्ड में मिल सकते हैं। बदमाशों ने इसका फायदा उठाया और वार्ड में घुसकर वारदात को अंजाम दिया। उन्होंने नर्स को रियाजुद्दीन के पेट पर पट्टी बांधते देखा तो उसे वसीम समझकर गोली मार दी।
वसीम को मिल रही थीं धमकियां
सूत्रों के अनुसार, समीर बाबा ने जनता कॉलोनी के गुंडों से इस वारदात को अंजाम दिलवाया है। मृतक रियाजुद्दीन की बहन तरन्नुम ने बताया कि वसीम की पत्नी आफरीन ने चार दिन पहले उससे कहा था कि उसके पति की अस्पताल में हत्या हो सकती है और उसे धमकियां मिल रही हैं।
रविवार शाम को जीटीबी अस्पताल का सर्जिकल वार्ड गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। गोलियां चलते ही वार्ड में हड़कंप मच गया। डॉक्टर और मरीज घबरा गए। कुछ देर तक तो उन्हें समझ ही नहीं आया कि क्या हो रहा है। जब वे भागने की हिम्मत नहीं जुटा पाए तो बेड के नीचे छिपकर जान बचाई। वार्ड में भर्ती सभी मरीजों की सर्जरी हो चुकी थी, इसलिए वे भाग भी नहीं पाए। चौथी मंजिल पर चली गोलियों की आवाज ग्राउंड फ्लोर तक सुनाई दी।
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