नई दिल्ली । जम्मू और कश्मीर के राजौरी जिले में NIA ने रविवार को रियासी आतंकी हमले के संबंध में कई स्थानों पर छापेमारी की। एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि हकीम खान ने हमलावर आतंकियों को सुरक्षित आश्रय, रसद और भोजन उपलब्ध कराया था। इस जांच के दौरान लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के पाकिस्तान स्थित संचालकों की भूमिका भी सामने आई है।
एनआईए सूत्रों की मने तो स्थानीय निवासी हकीम खान उर्फ हकीम दीन ने न केवल आतंकियों के लिए रेकी की, बल्कि वह हमले की योजना बनाने के लिए तीनों आतंकवादियों के साथ कई बार मुलाकात भी कर चुका था। इसके अलावा हकीम खान कम से कम 3 बार आतंकवादियों के साथ हमले की जगह पर गया था।
हकीम खान की पूछताछ के दौरान जांच एजेंसी को पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के दो प्रमुख आकाओं, सैफुल्लाह उर्फ साजिद जट्ट और अबू कताल उर्फ कताल सिंधी की भूमिका के बारे में पता चला। जिसके बाद जांच एजेंसी ने ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) और हाइब्रिड आतंकवादियों से जुड़े पांच स्थानों पर तलाशी ली गई।
गौरतलब है कि 9 जून को रियासी के शिव-खोड़ी मंदिर से लौट रहे तीर्थयात्रियों की बस पर आतंकियों ने हमला किया था। हमलावरों ने पहले बस के ड्राइवर की हत्या की और फिर बस को खाई में गिरा दिया। इसके बाद करीब 20 मिनट तक तीर्थयात्रियों पर फायरिंग की, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई और 44 अन्य घायल हो गए। इस हमले की जांच केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद 15 जून को एनआईए को सौंप दी गई थी।
एनआईए द्वारा की जा रही जांच में हुए खुलासे से यह स्पष्ट है कि आतंकियों को स्थानीय मदद मिल रही थी। बरहाल अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा इस दिशा में और गहन के साथ जांच की जा रही है। जिससे हमले से जुड़े सभी पहलुओं का पता लगाया जा सके।
टिप्पणियाँ