मास्को (हि. स.) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुद्दा उठाने के बाद रूस ने अपनी सेना में कार्यरत भारतीय नागरिकों की सुरक्षित स्वदेश वापसी और उनकी भर्ती को रोकने के लिए सहमति व्यक्त की है। इस महत्वपूर्ण कदम से भारतीय नागरिकों की घर वापसी का रास्ता साफ हो गया है।
रूस की सहमति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अनौपचारिक मुलाकात के दौरान इस मुद्दे के प्रमुखता से उठाए जाने के बाद आई है। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने जानकारी दी कि रूसी पक्ष ने भारतीय नागरिकों को जल्द ही रूसी सेना से सेवामुक्त करने का वादा किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी सेना में गुमराह करके भर्ती कराए गए भारतीय नागरिकों की शीघ्र सेवामुक्ति का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। क्वात्रा ने कहा, “प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया और रूसी पक्ष ने सभी भारतीय नागरिकों को जल्द सेवामुक्त करने का वादा किया।”
भारत और रूस दोनों पक्ष इस पर काम कर रहे हैं कि भारतीय नागरिकों को कितनी तेजी से स्वदेश वापस लाया जा सके। क्वात्रा ने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि रूस की सेना में कार्यरत भारतीय नागरिकों की संख्या लगभग 35 से 50 के बीच अनुमानित है, जिनमें से 10 को पहले ही वापस लाया जा चुका है।
यह कदम भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के प्रति भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर सहयोग की भावना भी इस निर्णय में स्पष्ट रूप से झलकती है।
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