Iran: Hijab पर कितने असरदार हो पाएंगे 'उदारवादी' मसूद पेजेश्कियान! क्या Khamenei की 'सुप्रीमेसी' को दे पाएंगे चुनौती!
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

Iran: Hijab पर कितने असरदार हो पाएंगे ‘उदारवादी’ मसूद पेजेश्कियान! क्या Khamenei की ‘सुप्रीमेसी’ को दे पाएंगे चुनौती!

क्या मसूद हिजाब की अनिवार्यता खत्म कर सकेंगे? क्या वहां 'मोरल पुलिस' जैसा कोई बल रहेगा

by WEB DESK
Jul 8, 2024, 12:40 pm IST
in विश्व
राष्ट्रपति डॉ. मसूद पेजेश्कियान

राष्ट्रपति डॉ. मसूद पेजेश्कियान

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

शिया बहुल ईरान में 1979 तक राजतंत्र चलता था और लोग खुली सोच की हवा में सांस लेते थे। महिलाएं पुरुषों से हेय नहीं समझी जाती थीं और हिजाब, बुर्के के पर्दे में ढके रहने को मजबूर नहीं थीं। लेकिन फिर ऐसी इस्लामी क्रांति हुई कि उसके बाद से आज तक भी समाज में एक घुटन जैसी महसूस की जाती रही है।


ईरान में कट्अर मजहबी सोच के उम्मीदवार को हराकर नए राष्ट्रपति बने मसूद पढ़े—लिखे, पेशे से हार्ट सर्जन रहे हैं और उदार सोच के माने जाते हैं। लेकिन आज ईरान सहित अन्य इस्लामी देशों में इस बात को लेकर कौतुहल है कि डॉ. मसूद का उस देश में सत्ता की चूलें हिला देने वाले हिजाब विरोधी आंदोलन पर किस प्रकार का कदम उठाएंगे। क्या मसूद हिजाब की अनिवार्यता खत्म कर सकेंगे? क्या वहां ‘मोरल पुलिस’ जैसा कोई बल रहेगा? क्या महिलाएं मान लें कि अब महसा अमीनी की शहादत रंग दिखाने वाली है? ऐसे कई प्रश्न हवा में तिर रहे हैं।

इन सब प्रश्नों के बीच एक आशंका यह भी है कि क्या नए राष्ट्रपति शिया बहुल ईरान के सर्वोच्च और ‘सर्वशक्तिमान’ मजहबी नेता अयातुल्ला खामनेई के ‘दिशानिर्देशों’ की अनदेखी कर पाएंगे? कुछ लोग हैं जो शायद यह मानते हैं कि डॉ. मसूद के राष्ट्रपति पद पर आने से साफ है कि वह खामेनेई के सामने एक चुनौती जैसी होंगे और उनके दसियों वर्ष से बना ‘सर्वशक्तिमान’ नेता का अघोषित पद जाता रहेगा!

ईरान की महिलाओं में डॉ. मसूद से उम्मीदें जगना स्वाभाविक है। कारण, वे जिस प्रगतिशील सोच पर चलती हैं और 21वीं सदी के हिसाब से जीने की तमन्ना रखती हैं, उसे देखते हुए हिजाब एक ‘मजहबी बाधा’ से ज्यादा पुरोगामी सोच का प्रतीक माना जाने लगा है। महिलाओं को लगता है कि डॉ. मसूद अपनी छवि को सार्थक बनाते हुए हिजाब पहनने को अनिवार्य नहीं रहने देंगे।

लेकिन किसी जमाने में सोच, रहन—सहन और जीवनचर्या में पश्चिम को टक्कर देने वाला ईरान कट्टर मजहबी थानेदारी और बेवजह की पाबंदियो से आजाद हो पाएगी, इस बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दी होगी।

सर्वोच्च शिया नेता अयातुल्ला खामेनेई

शिया बहुल ईरान में 1979 तक राजतंत्र चलता था और लोग खुली सोच की हवा में सांस लेते थे। महिलाएं पुरुषों से हेय नहीं समझी जाती थीं और हिजाब, बुर्के के पर्दे में ढके रहने को मजबूर नहीं थीं। लेकिन फिर ऐसी इस्लामी क्रांति हुई कि उसके बाद से आज तक भी समाज में एक घुटन जैसी महसूस की जाती रही है। मजहबी कायदे, खासकर ​महिलाओं को समाज में दोयम दर्जे की बनाते हैं।

अभी जो चुनाव हुए हैं उनमें उदारवादी डॉ. मसूद के बरअक्स थे कट्टर रूढ़वादी सईद जलीलों, जिन्हें हराने का मतलब है कि समाज सुधार चाहता है। पूर्व प्रधानमंत्री इब्राहिम रईसी, जिनकी हेलीकाप्टर दुर्घटना में असमय मृत्यु की वजह से ये चुनाव हुए, वे भी मजहबी कायदों को लागू करते रहे थे और सुधारवादी जनता के गुस्से का शिकार रहे थे, लेकिन उन पर मजहबी नेता खामनेई का वरदहस्त था इसलिए पद पर बने रहे थे।

लेकिन सर्वोच्च शिया नेता अयातुल्ला खामेनेई का ईरान पर दबदबा तो अब भी है। उस दबदबे को क्या डॉ. मसूद हल्का करके हिजाब पहनना महिलाओं पर ही छोड़ सकेंगे कि चाहे तो पहनें, चाहे न पहनें? क्या ‘मॉरल पुलिसिंग’ जैसा कुछ रह जाएगा? अगर रह जाएगा तो क्या वह उतना ही क्रूर होगा जिसके लिए वह बदनाम रहा है?

पश्चिम के प्रति कड़ी दृष्टि से देखने वाले लेकिन प्रगतिगामी सोच वाले डॉ. मसूद अमेरिका से किस तरह का व्यवहार रखेंगे, यह आने वाला वक्त बताएगा। क्या अब ईरान पश्चिमी प्रतिबंधों को हटवाकर अपने प्राकृतिक संसाधनों से पैसा कमा पाएगा? मसूद डगमगाती ईरानी अर्थव्यवस्था को सुधारकर बेरोजगारी को दूर करने के लिए क्या ​कदम उठाने वाले हैं, इसे लेकर भी ईरान वाले उत्सुक हैं।

नए राष्ट्रपति कह तो रहे हैं कि मॉरल पुलिसिंग की धार कुंद की जाएगी, विशेषकर युवाओं को इंटरनेट की बाधित उपलब्धता से हो रही परेशानी दूर की जाएगी, लेकिन बात फिर खामनेई पर आ टिकती है कि क्या वे ऐसा सब करने देंगे?

बेशक, डॉ. मसूद पेजेश्कियान को एक साथ कई मोर्चों पर जूझना होगा अगर अपने चयन को सार्थक सिद्ध करना है तो। खामनेई के साथ बीच का रास्ता क्या और कैसा होगा, यह भी तय करना होगा।

ईरान की इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड नामक सेना की कमान मजहबी नेता खामनेई के हाथ में है और रहने वाली है। इसलिए नीतियों के मामले में मसूद की खास चल पाएगी, इसमें संदेह है।

Topics: PresidentIranshiaMahsa Aminidr masoodडॉ. मसूद पेजेश्कियानrevolutionary guards#hijabईरानअमेरिका
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

न्यूयार्क के मेयर पद के इस्लामवादी उम्मीदवार जोहरान ममदानी

मजहबी ममदानी

ईरान से निकाले गए अफगान शरणा​र्थी   (फाइल चित्र)

‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ के परखच्चे उड़ा रहे Iran-Pakistan, अफगानियों को देश छोड़ने का फरमान, परेशानी में ​Taliban

एलन मस्क ने ‘अमेरिकन पार्टी’ की घोषणा करते हुए कहा कि अमेरिका अब एक “यूनिपार्टी” बन चुका है जहां डेमोक्रेट और रिपब्लिकन, दोनों ही आम जनता की आवाज़ को अनसुना कर रहे हैं।

इधर ‘बिग ब्यूटीफुल’ पास, उधर ‘अमेरिकन पार्टी’ के साथ मस्क कूदे मैदान में, राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ‘ये मूर्खता है’!

कहूटा रिसर्च लैबोरेटरी में यूरेनियम संवर्धन की गतिविधियां तेज हो गई हैं

कहूटा में परमाणु ईंधन क्यों जमा कर रहा जिन्ना का देश? क्या आतंकवादी सोच का भारत का पड़ोसी बना रहा परमाणु अस्त्र?

Iran hanged 21 amid Israel war

ईरान-इजरायल युद्ध: 12 दिन में 21 को फांसी, सुनवाई मात्र 10 मिनट

अमेरिका में क्वाड के मंच पर विचार रखते भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर।

QUAD: क्या है क्वाड? क्या करता है? चीन को चिढ़ क्यों?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

देहरादून : भारतीय सेना ने अग्निवीर ऑनलाइन भर्ती परीक्षा सम्पन्न

इस्लाम ने हिन्दू छात्रा को बेरहमी से पीटा : गला दबाया और जमीन पर कई बार पटका, फिर वीडियो बनवाकर किया वायरल

“45 साल के मुस्लिम युवक ने 6 वर्ष की बच्ची से किया तीसरा निकाह” : अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत के खिलाफ आक्रोश

Hindu Attacked in Bangladesh: बीएनपी के हथियारबंद गुंडों ने तोड़ा मंदिर, हिंदुओं को दी देश छोड़ने की धमकी

श्रीहरि सुकेश

कनाडा विमान हादसा: भारतीय छात्र पायलट की हवाई दुर्घटना में मौत

बुमराह और आर्चर

भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज: लॉर्ड्स में चरम पर होगा रोमांच

मौलाना छांगुर ने कराया 1500 से अधिक हिंदू महिलाओं का कन्वर्जन, बढ़ा रहा था मुस्लिम आबादी

Uttarakhand weather

उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट: 10 से 14 जुलाई तक मूसलाधार वर्षा की चेतावनी

Pratap Singh Bajwa complaint Against AAP leaders

केजरीवाल, भगवंत मान व आप अध्यक्ष अमन अरोड़ा के खिलाफ वीडियो से छेड़छाड़ की शिकायत

UP Operation Anti conversion

उत्तर प्रदेश में अवैध कन्वर्जन के खिलाफ सख्त कार्रवाई: 8 वर्षों में 16 आरोपियों को सजा

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies