‘मंशा’ से पूरी हुई इच्छा
May 15, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत असम

‘मंशा’ से पूरी हुई इच्छा

एक स्वयं सहायता समूह के साथ जुड़ने के बाद असम की रूपा गोस्वामी का जीवन ही बदल गया है। समूह से ऋण लेकर पशुपालन शुरू किया और आज उन्हें किसी के आगे हाथ नहीं पसारना पड़ रहा है

by दिब्या कमल बोरदोलोई
Jul 3, 2024, 10:36 am IST
in असम, संस्कृति
अपने पशुओं के साथ रूपा गोस्वामी

अपने पशुओं के साथ रूपा गोस्वामी

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

असम में ‘मंशा’ नाम से एक स्वयं सहायता समूह है। इसके माध्यम से बड़ी संख्या में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में लोग स्वावलंबी बन रहे हैं। एक ऐसी ही महिला हैं रूपा गोस्वामी। इन्होंने ‘मंशा’ समूह के माध्यम से ‘असम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन’ से 30,000 रु. ऋण लेकर पशुपालन का कार्य शुरू किया। आज रूपा पूरी तरह स्वावलंबी ही नहीं हैं, बल्कि दूसरों को भी स्वावलंबी बनने में मदद कर रही हैं। ‘मंशा’ समूह लखीमपुर जिले के करुणाबाड़ी खंड में सक्रिय है। यह संस्था अपने सदस्यों को ‘असम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन’ जैसे संगठनों से कर्ज दिलाने में मदद करती है।

किसी भी अन्य ग्रामीण महिला की तरह रूपा गोस्वामी भी ‘मंशा’ समूह की सदस्य बनने तक अपने घर की चारदीवारी से आगे नहीं सोच सकती थीं। मंशा में शामिल होने के बाद उन्होंने कई प्रशिक्षण प्राप्त किए। इसके बाद वह परिवार की आय में योगदान करने लगीं। एक अच्छी गृहिणी होने के नाते उन्हें विश्वास था कि वह भी अपने घर के परिसर में दैनिक घरेलू कार्यों के साथ-साथ कुछ कर सकती हैं। इसके लिए उन्होंने पशुपालन को चुना। उन्हें लगा कि इसे वह आसानी और रुचि के साथ कर सकती हैं।

यही कारण है कि वह आज सफल हैं। पहली बार उन्होंने 30,000 रु. का जो कर्ज लिया था, उसे वह दूध बेचकर लौटा चुकी हैं। यह शुरुआती कर्ज आर्थिक स्वतंत्रता की ओर उनकी पहली यात्रा थी। कर्ज चुकाने के बाद उन्होंने कुछ पैसे की बचत भी कर ली है। इससे उनका हौंसला बढ़ा और अपना काम बढ़ाने के लिए फिर से कर्ज ले लिया है। इस समय उन पर 1,00,000 रुपए का कर्ज है। उन्हें भरोसा है कि यह कर्ज भी आसानी से चुकता कर दिया जाएगा।
वर्तमान में उनके पास सात दुधारू मवेशी (जर्सी) हैं, जिनसे उन्हें प्रतिदिन 40 से 50 लीटर दूध मिल जाता है। इस दूध को वह 50 रुपए प्रति लीटर में बेचती हैं। इसके साथ ही दही और पनीर भी बनाती हैं। इन सभी चीजों की खपत आसपास में ही हो जाती है। इस कारण उन्हें कोई परेशानी नहीं होती है वह निरंतर आगे बढ़ रही हैं। हर महीने 35-40 हजार रुपए कमा लेती हैं। पहले यही रूपा एक-एक पैसे की मोहताज रहती थीं। वे कहती हैं, ‘‘मंशा समूह ने मेरे जैसी सैकड़ों महिलाओं की इच्छा पूरी की है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि देश में सहकारी समितियों को और मजबूत किया जाना चाहिए। इनकी मजबूती से आम लोग आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगे।

सफलता के बाद रूपा का आत्मविश्वास जबर्दस्त रूप से बढ़ा है। अब उनकी इच्छा है कि उनके पास इतने पशु हों कि रोजाना 150 लीटर दूध मिले। वह यह भी कहती हैं कि दूध और उसके उत्पादों की मांग सदैव रहती है। इसलिए कभी डेयरी उद्योग असफल नहीं हो सकता है। इसलिए उनका कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र की वे महिलाएं, जो विशेष कुछ नहीं करती हैं, उन्हें पशुपालन का काम करना चाहिए।

Topics: आर्थिक स्वतंत्रता‘असम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनमंशाग्रामीण महिला
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

No Content Available

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Operation Sindoor

ऑपरेशन सिंदूर: प्रतीकों की पुकार, संकल्प की हुंकार

बंदरगाह का निरीक्षण करते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री पिनरई विजयन

व्यापार के खुले नए रास्ते

इलाहाबाद हाई कोर्ट

बहु विवाह का दुरुपयोग कर रहे हैं मुसलमान: इलाहाबाद हाई कोर्ट

Rajnath Singh

ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा जवाब: राजनाथ सिंह

Mark karni to become canadas new PM

कनाडा में भारतीयों के लिए अच्छे दिन! जिन पंजाबियों को मंत्री पद मिला वे अलगाववादी विचारधारा से दूर

PM Shehbaz Sharif

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ का एक और ड्रामा: टैंक पर चढ़कर की बहादुरी की नकल, बोले -किताब लिखूंगा

प्रतीकात्मक तस्वीर

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम-2025 की सुनवाई 20 मई तक टाली, कहा-सभी वकील तैयार होकर आएं

Indian Railway

पहली बार श्रीनगर पहुंची यात्री ट्रेन, 800 जवानों ने किया ऐतिहासिक सफर

British MP Tahir Ali Accused of financial fraud

बर्मिंघम के पाकिस्तानी मूल के सांसद अब घिरे आर्थिक घोटाले के आरोपों में

Indian Army Operation in Shopian

जम्मू कश्मीर: त्राल में सेना ने तीन और आतंकियों को किया ढेर, दो दिन में 6 आतंकी मारे गए

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies