हरियाणा के जींद जिले के बीबीपुर गांव में 12 साल पहले शुरु हुआ था। बेटी बचाओ अभियान। इसके बाद 2015 में यहीं से ‘सेल्फी विद डॉटर’ अभियान की शुरुआत हुई। यह इतना सराहा गया कि आज 80 देशों में पहुंच चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार मंच से इस अभियान की प्रशंसा कर चुके हैं।
बेटियों की रक्षा के लिए बीबीपुर गांव की माताओं ने आवाज उठाई। पहली महिला खाप पंचायत हुई और कन्या भ्रूणहत्या के खिलाफ हत्या के मुकदमे के प्रावधान की मांग की गई। यह गांव आज दुनिया भर में ‘बेटियों वाले गांव’ के रूप में जाना जाता है। इस अभियान की शुरुआत युवा सरपंच सुनील जागलान और उनकी बहन ऋतु ने की थी। कभी कोख में ही बेटियों की हत्या के लिए कुख्यात रहे जींद में अब बेटियां मुस्करा रही हैं। 2012 में जब यह अभियान शुरू किया गया तो बीबीपुर गांव में लिंगानुपात में जबरदस्त असमानता थी। प्रति हजार लड़कों पर सिर्फ 800 लड़कियां थीं। लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 915 हो गई है।
यहीं शुरू हुआ ‘सेल्फी विद डॉटर’ अभियान
युवा सरपंच सुनील जागलान ने दो और पहल की थीं। पहला- हर घर के बाहर लड़कियों का नाम (नेमप्लेट में) लिखा जाएगा। और दूसरा ‘सेल्फी विद डॉटर’, यह अभियान आज विश्वभर की बेटियों को प्रोत्साहित कर रहा है। अब हर साल 9 जून को ‘सेल्फी विद डॉटर’ दिवस मनाने की परंपरा शुरू हो चुकी है। इसके तहत चार लाख ‘सेल्फी विद डॉटर’अभी तक अपलोड की जा चुकी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने नौ साल के कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कई बार इस अभियान की प्रशंसा कर चुके हैं। नेपाल में ‘सेल्फी विद डॉटर’ के वीडियो को 5 करोड़ से ज्यादा बार देखा जा चुका है। मध्यप्रदेश की ननासा पंचायत को इस साल का ‘सेल्फी विद डॉटर’ पंचायत अवार्ड दिया गया है। इसके तहत पंचायत को 21 हजार रु. नकद तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। यह पंचायत हर घर से सेल्फी अपलोड करवाने के लिए हर महीने की पांच तारीख को महिला सभा करवाती है। महिला सुरक्षा हेतु गांव में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
सारा ने लड़ी लड़कियों के सम्मान की लड़ाई
इस साल ‘सेल्फी विद डॉटर’ पुरस्कार की प्रथम विजेता महाराष्ट्र के नागपुर की सारा हाशमी बनी हैं। सारा ने लड़कियों के सम्मान में यह अभियान चलाते हुए 1200 सेल्फी अपलोड करवाईं। ‘लाडो पंचायत’ का आयोजन किया और लड़कियों को मासिक धर्म के बारे में जागरूक किया। सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन ने सारा को 31,000 रुपए तथा सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया।
अनुकृति ने बदली समाज की सोच
छत्तीसगढ़ की अनुकृति ने रायपुर के दुर्गम क्षेत्रों में बेटियों के प्रति लोगों की सोच में बदलाव किया है। वे लोगों को इस बात के लिए प्रेरित कर रही हैं कि वे मां और बहन के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग न करें। ‘सेल्फी विद डॉटर’ फाउंडेशन ने अनुकृति को 21 हजार रुपए और प्रशस्ति पत्र दिया है।
शिवालिका ने चलाया जागरूकता अभियान
इस साल ‘सेल्फी विद डॉटर’ का तीसरा पुरस्कार दिल्ली की शिवालिका पांडेय को दिया गया। शिवालिका ने दिल्ली तथा आसपास के क्षेत्रों में लड़कियों के लिए शादी की उम्र को 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया। ‘लाडो पंचायत’ के माध्यम से सैकड़ों लड़कियों ने शादी की उम्र 21 साल करने की बात लिखकर प्रधानमंत्री को पत्र भेजा। शिवालिका को 11 हजार रुपए और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है।
टिप्पणियाँ