खेत को खाद, विकास का साथ
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

खेत को खाद, विकास का साथ

इंडियन फॉर्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) का मानना है कि भविष्य में देश को बाहर से उर्वरक आयात करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। इफको ने दुनिया का पहला नैनो उर्वरक ‘इफको नैनो यूरिया’ विकसित किया है जिसे रासायनिक उर्वरक के उपयोग को कम करने के लिए प्रयोग किया जा रहा

by आदित्य भारद्वाज
Jul 1, 2024, 02:07 pm IST
in भारत, विश्लेषण
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

इंडियन फॉर्मर्स फर्टिलाइजर को आपरेटिव लिमिटेड (इफको)- सहकारी क्षेत्र की रासायनिक खाद बनाने वाली कंपनी है। इस कंपनी को पुन: दुनिया की शीर्ष 300 सहकारी संगठनों की सूची में पहला स्थान मिला है। यह रैंकिंग प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद पर कारोबार के अनुपात पर आधारित है, जो यह दर्शाती है कि इफको राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। अपनी 35,500 सदस्यीय सहकारी समितियों, 25,000 पैक्स और 52,400 प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों के साथ इफको ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘आत्मनिर्भर कृषि’ की ओर अग्रसर सहकार से समृद्धि का सशक्त उदाहरण है।

इफको के प्रबंध निदेशक उदय शंकर अवस्थी कहते हैं, ‘‘यह इफको और भारतीय सहकारी आंदोलन के लिए गर्व का क्षण है। इफको में हम हमेशा किसानों की आय बढ़ाने, देश भर के किसानों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने और सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के मिशन के प्रति प्रतिबद्ध हैं। वे कहते हैं, ‘‘सहकारी संगठन नवाचार में विश्वास करता है और उसने कृषि, विशेषकर वैकल्पिक उर्वरकों के लिए नैनो प्रौद्योगिकी आधारित समाधान प्रस्तुत किए हैं, जिसकी शुरुआत इफको नैनो तरल यूरिया से हुई है।’’

1967 में हुई थी शुरुआत

इफको की शुरुआत 1967 में केवल 57 भारतीय सहकारी समितियों द्वारा भारतीय किसानों की स्थिति को बेहतर करने और देश की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से हुई थी। इफको द्वारा दुनिया का पहला नैनो उर्वरक ‘इफको नैनो यूरिया’ रासायनिक उर्वरक के उपयोग को कम करने के लिए विकसित किया गया।

चार करोड़ किसानों से सीधे जुड़ाव

देशभर की 35 हजार से अधिक सहकारी समितियों के माध्यम से इफको देश के चार करोड़ किसानों से सीधे तौर पर जुड़ी है। पिछले वित्त वर्ष में इफको ने 76,000 करोड़ रुपए का समूह व्यापार किया।

बनता है 5.61 मिट्रिक टन उर्वरक

इफको के देश में पांच आधुनिक उर्वरक संयंत्र हैं। इनमें हर साल 95.61 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का उत्पादन होता है। इफको भारत में उत्पादित कुल उर्वरक में 32 प्रतिशत फॉस्फेटिक उर्वरक और 21 प्रतिशत नाइट्रोजन का उत्पादन करती है।

किसान उद्यमी तैयार करने का लक्ष्य

इफको ने विश्व के पहले नैनो उर्वरक इफको नैनो यूरिया (तरल) के आविष्कार के बाद उसके छिड़काव के लिए कृषि ड्रोन का प्रयोग करने की योजना बनाई है। इसके तहत इफको लगातार नये लोगों को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दे रही है। ड्रोन आज कृषि हेतु जरूरी उपकरण बन गया है। ‘किसान ड्रोन’ के माध्यम से इफको की योजना देशभर में 5000 किसान उद्यमी तैयार करने की है।

ड्रोन के लिए केंद्र ने दी मंजूरी

देश में कृषि ड्रोन की इस आवश्यकता को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रीमंडल की एक बैठक में 15,000 महिला स्वयं सहायता समूह को ड्रोन उपलब्ध कराने की एक केंद्रीय योजना को मंजूरी दी गई जिसका नाम ‘नमो ड्रोन दीदी योजना है।’ इस योजना के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों को कृषि के इस्तेमाल के लिए किसानों को किराए के तौर पर ड्रोन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। ये ड्रोन उर्वरकों के छिड़काव आदि के लिए उपयोग में लिए जा रहे हैं।

महिला स्वयं सहायता समूह ड्रोन योजना के तहत ये ड्रोन 2023-24 और 2025-26 के दौरान मुहैया कराए जाएंगे। महिला ड्रोन पायलट को इस योजना के तहत हर महीने मानदेय देने का प्रावधान है। इसके अलावा महिला ड्रोन सखी को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। 28 नवंबर 2023 में शुरू हुई। इस योजना के तहत सहकार द्वारा 1261 करोड़ रुपए के 15,000 ड्रोन का वितरण किया जाएगा।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को खेती में प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है। ड्रोन उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव की दक्षता में सुधार करने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रदान किए जाएंगे। बाद में किसान कृषि के इस्तेमाल के लिए ड्रोन किराए पर ले सकेंगे। इस योजना से न केवल महिला स्वयं सहायता समूहों को ही लाभ मिलेगा बल्कि कृषि के इस्तेमाल में एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा सकेगा जिससे किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।

योजना की शुरुआत के बाद भी देशभर से इफको ने अभी तक 300 से ज्यादा महिलाओं को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दिया है। 15 दिन का यह प्रशिक्षण मानेसर, ग्वालियर और प्रयागराज में दिया जा रहा है।

इफको का एक किसान केंद्र

तिपहिया वाहन भी करा रहे मुहैया

ड्रोन के अलावा इफको महिलाओं को इलेक्ट्रिक वाहन भी दे रही है ताकि उर्वरकों और ड्रोन को आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सके। इफको का लक्ष्य पूरे भारत से 5000 ग्रामीण उद्यमियों का चयन करना है। इन चयनित उद्यमियों को मुफ्त में इफको किसान ड्रोन की मदद से ड्रोन चालक बनने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन सभी को इफको द्वारा ड्रोन, उससे जुड़े अन्य उपकरण एवं एक इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन भी मुफ्त में दिया जाएगा, जिस पर उनका मालिकाना हक होगा।

2500 रु. रोजाना की हो रही कमाई

इफको के विपणन प्रबंधक योगेंद्र कुमार का कहना है कि ड्रोन खेतों में नैना यूरिया व कीटनाशक छिड़कने के काम आ रहे हैं। इसके लिए महिलााएं प्रति बीघा 150 रुपए ले रही हैं। ऐसे में वे रोजाना 2500 रुपए तक की कमाई कर पा रही हैं। नमो ड्रोन दीदी योजना महिला सशक्तिकरण की एक नई इबारत लिख रही है।

2025 के बाद नहीं आयात होगा यूरिया

देश में उर्वरक की मांग को पूरा करने के लिए भारत को सालाना करीब 350 लाख टन यूरिया की जरूरत होती है। वर्तमान में घरेलू उत्पादन क्षमता बढ़कर करीब 310 लाख टन हो गई है। घरेलू उत्पाद और मांग के बीच का अंतर बस 40 लाख टन है। इफको के प्रबंध निदेशक ‘‘उदय शंकर अवस्थी कहते हैं, ‘‘आने वाले दिनों में भारत को बाहर से यूरिया आयात करने की जरूरत नहीं रह जाएगी। हमारा लक्ष्य 20 से 25 लाख जिस पारंपरिक यूरिया का इस्तेमाल खेती में किया जाता है, उसको बदलकर नेनौ तरल यूरिया करने का है। इसकी लागत कम आती है और यह किसानों के हित में है। इसका इस्तेमाल करने से मिट्टी की उत्पादकता में बढ़ोतरी होती है और फसलें भी अच्छी होती हैं।’’ 

सहकार से समृद्धि

 

Topics: ‘आत्मनिर्भर भारत’पाञ्चजन्य विशेषरासायनिक खादइंडियन फॉर्मर्स फर्टिलाइजरइफको नैनो यूरियानमो ड्रोन दीदी योजना हैकिसान ड्रोन
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

1822 तक सिर्फ मद्रास प्रेसिडेंसी में ही 1 लाख पाठशालाएं थीं।

मैकाले ने नष्ट की हमारी ज्ञान परंपरा

मार्क कार्नी

जीते मार्क कार्नी, पिटे खालिस्तानी प्यादे

हल्दी घाटी के युद्ध में मात्र 20,000 सैनिकों के साथ महाराणा प्रताप ने अकबर के 85,000 सैनिकों को महज 4 घंटे में ही रण भूमि से खदेड़ दिया। उन्होंने अकबर को तीन युद्धों में पराजित किया

दिल्ली सल्तनत पाठ्यक्रम का हिस्सा क्यों?

स्व का भाव जगाता सावरकर साहित्य

पद्म सम्मान-2025 : सम्मान का बढ़ा मान

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

ओटीटी पर पाकिस्तानी सीरीज बैन

OTT पर पाकिस्तानी कंटेंट पर स्ट्राइक, गाने- वेब सीरीज सब बैन

सुहाना ने इस्लाम त्याग हिंदू रीति-रिवाज से की शादी

घर वापसी: मुस्लिम लड़की ने इस्लाम त्याग अपनाया सनातन धर्म, शिवम संग लिए सात फेरे

‘ऑपरेशन सिंदूर से रचा नया इतिहास’ : राजनाथ सिंह ने कहा- भारतीय सेनाओं ने दिया अद्भुत शौर्य और पराक्रम का परिचय

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies