मध्य प्रदेश

अच्छी पहल :  मप्र में नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने का पराक्रम दिखाने पर वक्त से पहले प्रमोशन

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WEB DESK

भोपाल, (हि.स.)। मध्य प्रदेश पुलिस अपने आदर्श वाक्य “देश भक्ति, जन सेवा” को जमीन पर उतारते हुए बड़ा कार्य कर दिखाया है। मध्य प्रदेश पुलिस ने नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने का पराक्रम दिखाया है। हालांकि यह पूरी तरह से नहीं कहा जा सकता कि नक्सलवाद राज्य से पूरी तरह समाप्त हो गया, क्योंकि छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमाएं लगने से कई नक्सली चोरी-छिपे मप्र में घुसने का प्रयास करते ही हैं, इसके बावजूद बहुत हद तक आज नक्सल समस्या को समाप्त करने की दिशा में मध्य प्रदेश ने बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है। ऐसे में उन जांबाजों का प्रोत्साहन जरूर आवश्यक हो जाता है, जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर प्रदेश से नक्सलियों को बाहर खदेड़ा है।

दरअसल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नक्सल प्रभावित जिलों के 28 जवानों को शौर्य और पराक्रम प्रदर्शित करने के लिये उनके कंधों पर फीते और स्टार लगाकर क्रम-पूर्व पदोन्नति देकर एक बड़े रूप में उन्हें सम्मानित किया है । राज्य में पिछले पांच वर्षों के दौरान हॉकफोर्स और पुलिस के जवानों ने 19 नक्सलियों को मार गिराया है। जिन पर विभिन्न प्रदेशों में 3 करोड़ 5 लाख रुपये के ईनाम घोषित थे। इस सम्मान समारोह का आयोजन हॉकफोर्स एवं पुलिस जवानों का क्रम से पूर्व प्रमोशन के लिए रखा गया था।

मुख्यमंत्री यादव ने कहा है कि प्रकृति ने बालाघाट को विशेष सौंदर्य का वरदान दिया है, स्वर्ग जैसी भूमि पर नक्सली गतिविधियां कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसका नमूना इसी वर्ष हॉकफोर्स के जवानों ने एक अप्रैल को लांजी के पितकोना क्षेत्र में दिखाया है। हॉकफोर्स और पुलिस के जवानों ने अपनी सक्रियता से नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने में अपना शौर्य और पराक्रम दिखाया है।

ऐतिहासिक एवं गौरवशाली दिवस है आज

मुख्यंमत्री डॉ. यादव ने बालाघाट में पुलिस विभाग के अलंकरण समारोह में कहा कि वास्तविक अर्थो में यह दिवस ऐतिहासिक दिन के साथ ही भारत माता को गौरवान्वित करने का भी दिन है। आज का दिन शौर्य, साहस, हिम्मत और पराक्रम को सार्थक करने वाले जवानों के सम्मान का दिन है। धन-धान्य व भूगर्भ संपदा से परिपूर्ण भूमि पर नक्सली/माओवादी ताकतों की नजर रही है। ऐसी ताकतों पर एक अप्रैल 2024 को की गई कार्रवाई पुलिस का कड़ा प्रहार है। उन्होंने कहा, यह कार्यक्रम ”उन जवानों को याद और सम्मानित करने का भी दिन है, जिन्होंने कर्त्तव्य निर्वहन करते हुए अपना बलिदान दिया है। साथ ही क्रम से पूर्व प्रमोशन का आयोजन है। सरकार उन सभी के साथ खड़ी है, जिन्होंने हिम्मत और साहस के बल पर प्रदेश का मान बढ़ाया है।”

भारत विश्व में तीसरा देश जो दुश्मनों के देश में घुसकर जवाब दे रहा है

मुख्यमंत्री मोहन यादव का इस दौरान कहना रहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत विश्व का ऐसा तीसरा देश बन गया है, जो अपने देश में ही नहीं बल्कि दुश्मन देश की सीमाओं में घुसकर दुश्मनों को खत्म करने की ताकत रखता है। इजराइल और अमेरिका के बाद भारत तीसरा देश है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम के पश्चात पुलिस जवानों के परिजनों के साथ समय बिताया। उन्होंने बच्चों को स्नेह व दुलार किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जवानों के माता-पिता व दादा-दादी से आशीर्वाद लिया। साथ ही जवानों के परिजनों के साथ फोटो भी करवायें।

पांच वर्ष में मार गिराए 19 बड़े नक्सली

कार्यक्रम के दौरान पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने एक अप्रैल 24 को लांजी में घटित हुई नक्सली घटना के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने जानकारी दी कि 32 वर्षों में पहली बार एक अप्रैल को बढ़ी जवाबी कार्यवाही हुई, जिसमें दो हार्डकोर नक्सली मारे गये। वहीं एके-47 रायफल जैसे घातक हथियार जब्त किये गये। यह एक बड़ा आंकड़ा है कि पिछले पांच वर्ष में 19 बड़े नक्सली मप्र पुलिस ने धराशायी कर दिए, जबकि पांच को जिंदा पकड़ा गया है। छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से जुड़ा होने के कारण बालाघाट प्रदेश का सबसे अधिक नक्सल प्रभावित जिला है। लेकिन अब पुलिस का डर इतना अधिक है कि नक्सली यहां नहीं आ पा रहे हैं, जिससे उनकी संख्या घट रही है।

अभी हाल ही में पुलिस ने 29 लाख रुपए के इनामी डिविजनल कमांडर को मार गिराया था

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में पुलिस के साथ मुठभेड़ में नकद इनामी दो नक्सली अभी हाल ही में मारे गए। जिनकी पहचान सजंती उर्फ क्रांति और रघु उर्फ शेर सिंह के रूप में हुई । इसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का बयान भी सामने आया, उन्होंने कहा, ‘29 लाख रुपए के इनामी डिविजनल कमांडर को मारा जाना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। दूसरा, 14 लाख के इनामी नक्सली को मारना मध्य प्रदेश पुलिस की सजगता को बताता है। हम नक्सलाइट मूवमेंट को कभी भी पनपने नहीं देंगे। तीन महीने पहले सरकार बनने के तीसरे दिन भी बड़ा एनकाउंटर हुआ था। अब जब तक नक्सलियों का पूरी तरह से खात्मा नहीं हो जाता, इस प्रकार की कार्रवाइयां होती रहेंगी।

नक्सल प्रभावित तीनों जिलों में अब 43 कैंप

पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया के पांच वर्ष पहले प्रदेश के नक्सल प्रभावित तीनों जिलों में पुलिस के 20 कैंप थे, अब 43 हैं। इनमें अकेले बालाघाट में ही 18 कैंप संचालित हो रहे हैं। इन कैंपों के माध्यम से पुलिस नक्सली गतिविधियों को नियंत्रित कर रही है। इसके साथ ही पुलिस अफसरों के अनुसार बालाघाट, मंडला और डिंडोरी में नक्सली गतिविधियां चलती हैं।

पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में जब घेराबंदी बढ़ती है, तभी नक्सली अमरकंटक होते हुए कान्हा राष्ट्रीय उद्यान को अपना ठिकाना बनाने की योजना बनाते हैं । हालांकि जब से मप्र पुलिस की सक्रियता पहले से कई गुना बढ़ी है तभी से वे अपनी योजना को अमलीजामा नहीं पहना पा रहे हैं। यहां नक्सल समस्या पूरी तरह से नियंत्रण में देखी जा रही है।

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