अमेरिका सहित पश्चिमी देश ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए हर संभव कोशिशें कर रहे हैं। लेकिन इन प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए ईरान अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ रहा है। हालिया रिपोर्टों ने अमेरिका की नीदें उड़ा दी हैं। इसी क्रम में एक बार फिर से अमेरिका ने ईरान पर नए प्रतिबंध थोपे हैं। अमेरिका का कहना है कि ईरान के ‘परमाणु हमलों में वृद्धि और संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था’ के साथ सहयोग नहीं करने को लेकर ये प्रतिबंध लगाए गए हैं।
ये प्रतिबंध अमेरिकी ट्रेजरी विभाग की ओर से थोपे गए हैं। इसके तहत ईरान की अल एंकर शिप मैनेजमेंट FZE, अल्मनैक शिप मैनेजमेंट LLC और सी रूट शिप मैनेजमेंट FZE सहित ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल व्यापार से जुड़ी तीन UAE-आधारित कंपनियों और उनसे जुड़े 11 जहाजों को प्रतिबंधित किया गया है।
अमेरिकी विदेशमंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि ईरान इंटरनेशनल एटोमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के साथ सहयोग नहीं कर रहा है। इसके साथ ही ईरानी अधिकारी लगातार ऐसे बयान देते रहे हैं, जिनमें वे परमाणु सिद्धान्तों में बदलाव करने की बात करते रहे हैं। इसी को देखते हुए ये कार्रवाई की गई है।
ईरान को हर हाल में रोकेंगे
इस बीच ब्लिंकन ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अमेरिका ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए लगातार कगोशिशें कर रहा है। इसके लिए जितने भी साधन उपलब्ध हैं, उन सभी का इस्तेमाल किया जाएगा। हाल ही में इटली में हुई G7 देशों की बैठक के दौरान भी ईरान के परमाणु का मुद्दा छाया रहा।
एक माह में 5 परमाणु हथियार बना सकता है ईरान
गौरतलब है कि हाल ही में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि ईरान अपने परमाणु संवर्धन की क्षमता को 3-4 गुना अधिक बढ़ाने जा रहा है। इसके लिए वह 1400 नए सेंट्रीफ्यूज अपने सबसे सुरक्षित परमाणु साइट फोर्डो में लगाने की तैयारी में था। परमाणु हथियारों के एक्सपर्ट और ISIS के अध्यक्ष डेविड अलब्राइट ने चेताया था कि फोर्डो प्लांट में यहां पर ईरान वह क्षमता हासिल कर चुका है कि वह एक माह के भीतर ही 5 परमाणु बमों के लिए वेपन ग्रेड यूरेनियम का प्रोडक्शन कर सकता है।
टिप्पणियाँ