बदायूं। यूपी के बदायूं में हिन्दू लड़की को लव जिहाद में फंसाकर लंबे समय तक प्रताड़ना का सनसनीखेज मामला सामने आया है। अजीम और उसके कट्टरपंथी परिवार ने पीड़िता का जबरन कन्वर्जन कराया दिया। शाकाहारी होने के बाद भी आतंकित कर उसको मांस खिलाया जाता रहा। बंद करके रखा गया। जिहादी परिवार के चंगुल से आजाद हुई युवती की आपबीती समाज के सामने आई तो लोगों के कलेजे कांप उठे हैं। शिकायत पर बदायूं पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार, बदायूं शहर की रहने वाली पीड़िता की उम्र जब 17 साल थी, तो जिला अस्पताल में फार्मासिस्ट के पद पर तैनात शाकिर अली के बेटे अजीम ने उसे झूठी बातें करके अपने जाल में फंसा लिया था। बातचीत करते-करते अजीम ने उसके अश्लील फोटो और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। इस अपराध में अजीम का अब्बा शाकिर अली और परिवार के बाकी सदस्य भी शामिल थे। फोटो-वीडियो वायरल होने के डर से वह जिहादी परिवार के हाथ की कठपुतली बनकर रह गई।
दबाव में पीड़िता को न चाहते हुए भी घर छोड़कर अजीम के साथ जाना पड़ा। उस वक्त नाबालिग रही लड़की के पिता ने पुलिस में उसके अपहरण की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी, लेकिन वह उन लोगों के चंगुल से नहीं निकल सकी। दबाव में उसे अपने पिता के खिलाफ बयान तक दर्ज कराने पड़ गए। अजीम और उसके परिवार ने जबरन उसका कन्वर्जन कराकर मायरा नाम रख दिया। तरह-तरह की धमकियां देकर उसका अजीम से निकाह करा दिया गया।
हिन्दू समाज शाकाहारी लड़की को जबरन मांस खाने के लिए मजबूर किया गया। उसे इस्लामिक कपड़े पहनने को विवश कर दिया गया। कट्टरपंथी अजीम व उसके घरवाले पीड़िता को जगह-जगह ले जाकर जबरिया इस्लामिक बातें सिखाते थे। विरोध करते ही उसे तरह-तरह से यातनाएं दी जाती थीं। मकान में बंद करते देते थे। उसे भूखा प्यासा रखा जाता था। किसी तरह से उस नरक से निकली पीड़िता ने बदायूं कोतवाली पहुंचकर आपबीती सुनाई तो हड़कंप मच गया। युवती की शिकायत पर पुलिस ने अजीम, उसके फार्मसिस्ट पिता शाकिर अली, रेशमा, नदीम और शायमा के खिलाफ कन्वर्जन समेत समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। बदायूं कोतवाल आरबी सिंह ने मीडिया को बताया कि पुलिस टीमें अभियुक्तों की तलाश में जुटी हैं।
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