ओडिशा

Ghar Wapsi : ओडिशा में 14 लोगों ने ईसाइयत छोड़कर अपनाया सनातन धर्म, की घर वापसी, कहा-पादरियों के धोखे का शिकार हुए

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डॉ. समन्वय नंद

ओडिशा के केन्दुझर व मयुरभंज जिले के सीमावर्ती इलाके में ईसाई मिशनरियों के धोखाधडी का शिकार होकर ईसाई बन चुके अनसूचित जनजाति वर्ग के दो परिवारों के 14 लोगों ने अपने सनातन धर्म में घर वापसी की है। मयूरभंज जिले के महुलडिहा थाना क्षेत्र के झरझरी गांव में ग्रामीणों के सहयोग से विश्व हिन्दू परिषद ने एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें इन लोगों ने घर वापसी की है। इस घर वापसी कार्यक्रम में गांव के लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया तथा घर वापसी करने वाले लोगों ने अपने मूल धर्म में वापस लौटने पर काफी प्रसन्नता व्यक्त की।

विश्व हिन्दू परिषद, ओडिशा (पूर्व) प्रांत के धर्म प्रसार सह प्रमुख अक्षय साहू ने पाञ्चजन्य से बातचीत करते हुए कहा कि मयूरभंज जिले के महुलडिहा थाना क्षेत्र के भालियाडाल पंचायत के झरझरी गांव के कुछ लोग कुछ साल पहले ईसाई मिशनरियों के धोखे का शिकार हो कर ईसाई बन गये थे। लेकिन, बाद में उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ। इन लोगों ने घर वापसी करने की इच्छा व्यक्त करते हुए विश्व हिन्दू परिषद से संपर्क किया। केवल इतना ही नहीं गांव के मुखिया ने भी विश्व हिन्दू परिषद के साथ संपर्क कर उन्हें घर वापसी में सहयोग करने के अनुरोध किया। साहू ने कहा कि इसके बाद विश्व हिन्दू परिषद ने उनके घर वापसी कराने के लिए व हलफनामा आदि तैयार कर आवश्यक कानूनी प्रक्रिया को पूरा किया। इसके बाद उनके घर वापसी के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में पूरे गांव की सहभागिता रही।

घर वापसी करने वाले एक परिवार के प्रमुख ने पाञ्चजन्य से बातचीत में बताया कि कुछ साल पहले उनके परिवार में एक व्यक्ति को बुखार था। बुखार कम नहीं हो रहा था। ऐसे में ईसाई पादरी उनके पास आये और कहा कि यदि आप लोग यीशू के शरण में चले जाओगे तो स्वास्थ्य ठीक हो जाएगा। ईसाई पादरी ने एक सफेद पाउडर यह कहते हुए दिया कि यह यीशू की विभुति है। इसे पानी में मिलाकर लेने से स्वास्थ्य ठीक हो जाएगा। उसे लेने के बाद बीमार व्यक्ति ठीक हो गया। इसके बाद उसने हमारा कन्वर्जन कर लिया। बाद में हमें पता चला यीशू की विभूति बता कर जो उसने दिया था। वह वास्तव में पैरासिटामोल था। तब हमें अहसास हुआ कि क्रिश्चियन मिशनरियों ने हमारे साथ धोखा कर हमें अपने पूर्वजों के मूल धर्म से दूर कर दिया। हमें अपने जड़ से कटने के काफी कष्ट था। इस कारण हमने गांव के प्रधान व विश्व हिन्दू परिषद से बात कर अपने मूल धर्म में वापस आने की इच्छा प्रकट की। यह अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि उन्होंने हमें अपने मूल धर्म में वापस लौटाने में सहायता में की।

विहिप के प्रांत धर्म प्रसार सह प्रमुख अक्षय साहू ने कहा कि घर वापसी के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर पूजा अर्चना किये जाने के साथ साथ हवन कराया गया। पंचामृत का सेवन किया गया। घर वापसी करने वाले लोगों को गीता समेत अन्य धार्मिक पुस्तकें प्रदान की गई। इस पूरे कार्यक्रम में गांव के लोगों की सक्रिय सहभागिता रही।

साहू ने कहा कि केन्दुझर व मयुरभंज जनजाति बहुल जिले हैं। इस इलाके में क्रिश्चियन मिशनरी काफी सक्रिय हैं। राज्य में लालच, धोखा व अन्य गैर कानूनी तरीके से कन्वर्जन को रोकने के लिए कानून है। लेकिन, इस कानून का सही रुप से अनुपालन नहीं किये जाने के कारण कन्वर्जन की घटनाएं काफी बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि हम राज्य सरकार से मांग करते हैं कि इस कानून को कड़ाई से लागू करें तथा अवैध रूप से कन्वर्जन कराने वाले मिशनरियों के खिलाफ क़ड़ी कार्रवाई करें।

इस घर वापसी कार्यक्रम में साहू के अलावा विहिप के जिला अध्यक्ष चित्तरंजन दास बजरंग दल के आनंदपुर सह संयोजक दिव्य़ज्य़ोति मुदुली, विहिप के जिला मिलन प्रमुख हरिहर सेठी व वरिष्ठ कार्यकर्ता तृप्तिरंजन साहू भी उपस्थित थे।

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