दुनिया के किसी भी कोने में जब भी योग की चर्चा होती है तो भारत का नाम पूरे सम्मान के साथ लिया जाता है। दरअसल भारत ने ही पूरी दुनिया को योग सिखाया है और इसीलिए योग को लेकर भारत को ‘विश्व गुरु’ कहा जाता है क्योंकि पूरी दुनिया को यह अमूल्य ज्ञान भारत से ही मिला है। हर साल कई देशों से तो लोग खासतौर से योग सीखने के लिए ही भारत आते हैं। 21 जून 2015 से दुनिया भर में योग दिवस मनाया जा रहा है और इन 10 वर्षों में भारत के ही कारण योग को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस कदर पहचान मिली है कि संयुक्त राष्ट्र के कई मुस्लिम सदस्य देश भी अब अपने यहां योग की कक्षाओं का कोई विरोध न करके उन्हें बढ़ावा दे रहे हैं और अब कठमुल्लों के देश पाकिस्तान में भी लोग योग सीखने का प्रयास कर रहे हैं। हाल ही में पाकिस्तान से पहली बार योग को लेकर कुछ तस्वीरें सामने आई। इस्लामाबाद के रखरखाव के लिए जिम्मेदार ‘कैपिटल डवलपमेंट अथॉरिटी’ (सीडीए) के आधिकारिक फेसबुक पेज के मुताबिक इस्लामाबाद मेट्रोपॉलिटन कॉरपोरेशन ने एक पार्क में मुफ्त योग कक्षा शुरू की हैं। सीडीए का कहना है कि योग के महत्व को समझते हुए कई लोग पहले ही इस कक्षा में शामिल हो चुके हैं। चलिए, देर से ही सही, उन्हें भी अब भारत के इस परम्परागत ज्ञान का महत्व भली-भांति समझ में आने लगा है।
वैश्विक स्तर पर योग दिवस को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सतत प्रयासों के चलते वर्ष 2015 में अपनाया गया था। तभी से हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर दुनियाभर में लोग सामूहिक रूप से योगाभ्यास करते हैं। इस वर्ष पूरी दुनिया ’स्वयं और समाज के लिए योग’ थीम के साथ 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर की डल झील के किनारे मनाएंगे और उनकी अगुवाई में होने वाले योग दिवस समारोह में विभिन्न क्षेत्रों के 7000 से भी ज्यादा लोग एक साथ योग करेंगे। वैसे योग दिवस से पहले ही ब्रिटेन, श्रीलंका सहित कई देशों में योग कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें लोगों का असीम उत्साह देखने को मिला।
वैज्ञानिकों और योद्धाओं की भूमि माने जाने वाले इज़रायल में भी आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के अलावा योग की लोकप्रियता भी निरंतर बढ़ रही है। वहां भी प्रतिवर्ष हर साल योग दिवस पर बड़ी संख्या में लोग योग करते हैं। यही नहीं, कुछ इजरायली योग शिक्षकों के मुताबिक वहां दैनिक योगाभ्यासियों की कुल संख्या अब पांच लाख से भी ज्यादा है। वहां कई स्कूलों में तो पहली कक्षा के बच्चे भी जानने लगे हैं कि प्राणायाम क्या है और सूर्य नमस्कार कैसे किया जाता है। इजरायली जब एक-दूसरे से मिलते हैं तो अभिवादन के तौर पर ’शालोम’ कहते हैं लेकिन अब योगाभ्यास करने वाले की संख्या बढ़ने पर वहां ’ऊँ’ का उच्चारण भी काफी सुनने को मिलता है और योग की लोकप्रियता बढ़ने के ही कारण इजरायल को लेकर कहा जाने लगा है, ’शालोम’ की धरती पर ’ऊँ’।
योग को अब पूरी दुनिया ने अपना लिया है, जिसे संयुक्त राष्ट्र में 27 सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहचान दिलाई थी। उसी के बाद दुनिया के 177 देशों ने योग को हरी झंडी दी और भारत के योग को 21 जून को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय योग के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। 2015 से लेकर 2023 तक योग दिवस पर भारत में आयोजित मुख्य योग कार्यक्रमों पर नजर डालें तो ‘सद्भाव और शांति के लिए योग’ थीम के साथ मनाए गए पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जहां पूरे विश्व में करोड़ों लोगों ने एक साथ योग करके रिकॉर्ड बनाया था, वहीं दिल्ली के राजपथ पर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 35 हजार से ज्यादा लोगों और 84 देशों के प्रतिनिधियों ने योग के 21 आसन किए थे। उस विशाल आयोजन ने भारत को दो गिनीज विश्व रिकॉर्ड दिलाए थे। पहला, दुनिया का सबसे बड़ा योग एक साथ करने का, जिसमें कुल 35985 लोगों ने एक साथ योग किया था और दूसरा, योग कार्यक्रम में 84 देशों के नेताओं की एक साथ भागीदारी।
पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर न्यूयार्क के टाइम्स स्क्वॉयर पर भी करीब 30 हजार लोगों ने एक साथ योग किया था। ‘युवाओं को जोड़ें’ थीम के साथ मनाए गए दूसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य आयोजन 21 जून 2016 को चंडीगढ़ में हुआ था, जिसमें पीएम मोदी के नेतृत्व में करीब 35 हजार लोग शामिल हुए थे और योग दिवस के आयोजनों में दुनियाभर में 170 देशों ने हिस्सा लिया था। ‘स्वास्थ्य के लिए योग’ थीम के साथ तीसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य आयोजन 21 जून 2017 को लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में किया गया था, जहां प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 55 हजार लोगों ने योग किया था जबकि उसी दिन न्यूयार्क के सेंट्रल पार्क में भी हजारों लोगों ने एक साथ योग किया था।
चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य कार्यक्रम 21 जून 2018 को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान में आयोजित किया गया था, जहां प्रधानमंत्री के साथ 50 हजार से ज्यादा लोगों ने योग किया था। ‘शांति के लिए योग’ थीम के साथ आयोजित उस कार्यक्रम में सऊदी अरब भी शामिल हुआ था। ‘योगा फॉर क्लाइमेट एक्शन’ विषय के साथ पांचवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य कार्यक्रम प्रधानमंत्री के ही नेतृत्व में 21 जून 2019 को झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित किया गया था। छठा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कोरोना वैश्विक महामारी के बीच ‘योगा फॉर हैल्थ : योगा एट होम’ थीम के साथ मनाया गया था और उस वर्ष योग दिवस महामारी के मद्देनजर 21 जून, 2020 को वर्चुअल तरीके से ही मनाया गया था। सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भी कोरोना महामारी की काली छाया बरकरार थी और इसीलिए उस वर्ष भी 21 जून 2021 को ‘योग के साथ रहें, घर पर रहें’ थीम के साथ कोविड नियमों का पालन करते हुए योग दिवस आभासी मंच पर ही मनाया गया था।
मैसूर में आठवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2022 को प्रधानमंत्री के ही नेतृत्व में ‘मानवता के लिए योग’ विषय के साथ मनाया गया था, जहां हजारों लोगों ने उनके साथ योग किया था। उस वर्ष योग दिवस पर एक बड़ा ही अनूठा कार्यक्रम ‘गार्जियन रिंग’ आयोजित किया गया था, जिसका अर्थ था ‘सूर्य की गति का जश्न मनाएं’ यानी धरती के अलग-अलग हिस्सों में जैसे-जैसे सूर्योदय हो रहा था, योग के जरिये उसका स्वागत किया जा रहा था। नौंवा योग दिवस ‘वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग’ विषय के साथ 21 जून 2023 को मनाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तब तीन दिन के अमेरिका के राजकीय दौरे पर थे और उन्होंने वहीं से योग दिवस पर वीडियो संदेश जारी कर भारतीयों को संबोधित किया था।
उस अवसर पर उन्होंने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित ऐतिहासिक योग दिवस कार्यक्रम में योग किया था। न्यूयॉर्क में आयोजित योग दिवस कार्यक्रम में 180 से अधिक देशों के लोगों ने हिस्सा लिया था, जिससे एक नया विश्व रिकॉर्ड बना था। उस महत्वपूर्ण अवसर पर दुनिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि योग जीवंत है. योग कॉपीराइट से, पेटेंट से और रॉयल्टी भुगतान से मुक्त है। बहरहाल, योग न केवल मानव शरीर को रोगमुक्त रखता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यधिक लाभकारी है। नियमित योग करने से तनाव दूर होता है और मन को शांति मिलती है। योग स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है, जो हमारे व्यस्त जीवन में संतुलन बहाल करने में बड़ी मदद करता है।
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