भारत में शतरंज की लोकप्रियता बढ़ रही है। इसका अनुमान इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि वैश्विक रैंकिंग में भारत अभी अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। यह देश में शतरंज की मजबूत उपस्थिति को दर्शाता है। इस वर्ष 27 मई से 7 जून तक आयोजित नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट में 18 वर्षीय रमेशबाबू प्रग्नानंद ने विश्व के शीर्ष दो खिलाड़ियों को हराकर इतिहास रचा।
उन्होंने क्लासिकल शतरंज प्रारूप में विश्व के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को उनकी ही धरती पर मात दी। इस मुकाबले से पहले प्रग्नानंद ने रैपिड और ब्लिट्ज शतरंज, दोनों प्रारूपों में कार्लसन पर जीत दर्ज की थी। प्रग्नानंद ने इसी टूर्नामेंट में विश्व के दूसरे नंबर के खिलाड़ी फाबियानो कारुआना को भी क्लासिकल शतरंज के पांचवें दौर में हराकर सबको चौंका दिया।
शतरंज में विश्व फलक पर भारत के उभार का श्रेय पांच बार के विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद को जाता है, जो नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। युवा प्रतिभाओं को तराशने और उनका मार्गदर्शन करने में वेस्टब्रिज आनंद शतरंज अकादमी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रग्नानंद सबसे कम उम्र के भारतीय ग्रैंडमास्टर हैं, जो 2019 में अंडर-18 में विश्व युवा शतरंज चैम्पियनशिप व 2021 में एशियाई महाद्वीपीय शतरंज चैम्पियनशिप (ओपन) जीत चुके हैं। बीते वर्ष वे फिडे शतरंज विश्वकप में उपविजेता रहे। क्लासिकल प्रारूप में कार्लसन व प्रग्नानंद पिछले तीन मुकाबलों में बराबरी पर रहे, जिनमें दो विश्वकप-2023 के फाइनल में खेले गए थे।
इस जबरदस्त प्रदर्शन के बाद प्रग्नानंद वैश्विक रैंकिंग में शीर्ष 10 में पहुंच गए हैं। वहीं, 20 वर्षीय अर्जुन एरिगैसी चौथे, डी. गुकेश सातवें, विश्वनाथन आनंद 11वें, अनिश गिरि 13वें, विदित गुजराती 27वें, अरविंद चिदंबरम 30वें व पेंटल हरिकृष्णा विश्व रैंकिंग में 36वें स्थान पर हैं। निहाल सरीन भी प्रतिभा संपन्न युवा शतरंज खिलाड़ी हैं। अर्जुन एरिगैसी ने 2023 में शारजाह में आयोजित मास्टर्स अंतरराष्ट्रीय शतरंज चैम्पियनशिप में जीत दर्ज की थी।
दूसरी ओर, नॉर्वे शतरंज महिला टूर्नामेंट में वैशाली रमेशबाबू ने भारत की शीर्ष खिलाड़ी कोनेरू हंपी को क्लासिकल शतरंज में पहली बार हराया। भारतीय महिला शतरंज खिलाड़ियों में कोनेरू हंपी शीर्ष पर हैं। हंपी के बाद शीर्ष 10 खिलाड़ियों में क्रमश: हरिका द्राणावल्ली, वैशाली रमेशबाबू, दिव्या देशमुख, वंतिका अग्रवाल, तानिया सचदेव, वेलपुला सरायू, कुलकर्णी भक्ति, सविता श्री बी. और पद्मिनी राउत शामिल हैं।
कोनेरू हंपी 2019 में महिला विश्व रैपिड शतरंज चैम्यिनशिप के अलावा 2019-20 में महिला ग्रैंड प्रिक्स सीरीज जीत चुकी हैं। वहीं, हरिका 2012, 2015, 2017 में महिला विश्व शतरंज चैम्पियनशिप में कांस्य तथा 2016 में चेंग्दू में फिडे महिला ग्रैंड प्रिक्स इवेंट को अपने नाम कर चुकी हैं।
शतरंज ओलंपियाड का आयोजन 1927 से होता आ रहा है। भारत ने पहली बार 2022 में 44वें शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी की थी। एशिया में 30 वर्ष बाद इसका आयोजन किया गया था। शतरंज की शुरुआत भारत से हुई, फिर भी यह लगभग उपेक्षित ही रहा।
1990 के दशक में विश्वनाथन आनंद ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। वे 2000, 2007, 2008, 2010 व 2012 में विश्व चैम्पियनशिप रहे तथा 2003 व 2017 में वर्ल्ड रैपिड शतरंज चैम्पियन व 2000 व 2017 में वर्ल्ड ब्लिट्ज शतरंज चैम्पियनशिप को अपने नाम किया। आनंद शतरंज के तीनों प्रारूपों क्लासिकल, रैपिड और ब्लिट्ज में विश्व खिताब जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं।
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