नई सोच से खुलेंगी राहें
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

नई सोच से खुलेंगी राहें

भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है तो सरकार को लीक से हटकर सोचना होगा। सरकार के लिए असली चुनौती है ‘नए विकसित भारत’ की मजबूत नींव रखना

by के. ए. बद्रीनाथ
Jun 17, 2024, 11:17 am IST
in भारत, मत अभिमत
शपथ ग्रहण के बाद अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

शपथ ग्रहण के बाद अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

आठ सप्ताह तक चले उथल-पुथल भरे सात चरणों के लोकसभा चुनाव के बाद अंतत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार राजग की सरकार बन गई। नई सरकार के एजेंडे को लेकर वैश्विक स्तर पर बहुत दिलचस्पी है। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल के शुरुआती 100 दिनों में क्या काम होने हैं, शासन ने इसकी तैयारी पहले से ही कर रखी है। नई टीम के साथ प्रधानमंत्री मोदी के कार्यभार संभालने के बाद केंद्र और राजग सहयोगियों द्वारा शासित 20 राज्यों में राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित हो जाएगी। युद्धों, संघर्षों या राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहे कई देशों के विपरीत 1.4 अरब की जनसंख्या वाला भारत वैश्विक आर्थिक महाशक्ति और वैश्विक समुदाय के लिए आशा की किरण के रूप में उभरेगा।

के. ए. बद्रीनाथ
निदेशक और मुख्य कार्यकारी,
सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड एंड होलिस्टिक स्टडीज

स्थिर ब्याज दरों, 4 प्रतिशत पर नियंत्रित मुद्रास्फीति और 8 प्रतिशत से अधिक विकास दर के साथ जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ते हुए भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए काम करेगा। अमेरिका और चीन के बाद भारत तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति, और कृषि उपज, औद्योगिक विनिर्माण, सेवाएं प्रदान करने व लागत प्रभावी गुणवत्ता वाली वस्तुओं एवं सेवाओं के निर्यात का केंद्र बनकर उभरेगा।

बहुत संभव है कि मोदी सरकार 3.0 के शुरुआती तीन वर्ष में भारत न केवल 5 खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा, बल्कि स्टॉक स्वीपस्टेक में बाजार पूंजीकरण को आगे बढ़ाने की राह पर होगा। बीएसई और एनएसई, दोनों की रिपोर्ट है कि भारत में बाजार पूंजीकरण 5 खरब अमेरिकी डॉलर को पार कर गया है, जो अर्थव्यवस्था के लिए एक प्रमुख संकेतक के रूप में काम कर रहा है।

विकसित राष्ट्र की ओर बढ़ते कदम

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए पहला बड़ा काम 2047 तक भारत को एक विकसित अर्थव्यवस्था बनाने की रूपरेखा तैयार करने के साथ तीन महीने में पूर्ण नियमित बजट पेश करना होगा। भले ही विपक्षी दल, विशेष रूप से कांग्रेस भारत के ‘विकसित राष्ट्र’ बनने के विचार का उपहास उड़ाए, लेकिन तेज गति से आगे बढ़ने के लिए नट-बोल्ट कसना भी जरूरी है। निर्मला सीतारमण द्वारा पिछले कार्यकाल में किए गए सराहनीय कार्यों के कारण हम ‘विकसित भारत’ का दर्जा हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इसके प्रति प्रधानमंत्री मोदी का दृढ़ विश्वास और प्रतिबद्धता, दोनों हैं।

तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का नकद अधिशेष, 2.1 लाख करोड़ रुपये का आरबीआई लाभांश और 25 मई तक 648.7 अरब अमेरिकी डॉलर का रिकॉर्ड विदेशी मुद्रा भंडार नई सरकार के लिए एक विकसित राष्ट्र बनने की लंबी यात्रा में अल्पकालिक उपायों को लागू करने में सकारात्मक भूमिका निभा रहे हैं। भले ही अंतरिम बजट व्यय अनुमान 47.65 लाख करोड़ रुपये और सकल कर संग्रह लक्ष्य 38.2 लाख करोड़ रुपये बरकरार रखा जाए, मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में बॉण्ड और विधेयक के माध्यम से उधार में कटौती की जा सकती है।

वैकल्पिक रूप से 2024-25 में सकल उधारी 14.13 लाख करोड़ रुपये पर बनाए रखने से नई सरकार को आर्थिक विस्तार में नए तत्व पेश करने और इसे तीन वर्ष तक लगातार 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के उच्च विकास पथ पर रखने के लिए पर्याप्त छूट मिलेगी। बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 12 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति बनाने के लिए पूंजीगत व्यय को अधिक प्रोत्साहन देने के साथ सरकार युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नई नौकरियों, सेवाओं और अवसरों पर जोर देगी। इसका कारण यह है कि युवाओं ने नया भारत बनाने के मोदी सरकार के अभियान को आगे बढ़ाने के लिए चुनावों में भाजपा नीत राजग को अपना समर्थन दिया है।

इसके साथ ही, सरकार को विवेकपूर्ण राजकोषीय रणनीति पर टिके रहना होगा, क्योंकि वर्तमान उधारी में कटौती, कम ऋण संचय और ब्याज भुगतान के साथ-साथ भोजन, उर्वरक और तेल सब्सिडी के गंभीर पुनर्मूल्यांकन को बिना किसी रुकावट के जारी रखना पड़ सकता है। इसी तरह, समानांतर, गहन और व्यापक आधार वाले लोकप्रिय विकास प्रतिमान पर केंद्रित विकास हस्तक्षेपों के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, आवास, पानी और कृषि क्षेत्र में सरकार को समर्थन जारी रखना पड़ सकता है।

नई सोच जरूरी

सरकार के लिए असली चुनौती ‘नए विकसित भारत’ की मजबूत नींव रखना होगी। इसके लिए लीक से हटकर सोचना होगा ताकि विविध आर्थिक विस्तार को बढ़ावा दिया जा सके, जो समावेशी और लक्ष्य उन्मुख हो। उदाहरण के लिए, क्या सरकार अर्थव्यवस्था को अगले स्तर पर ले जाने के लिए 20 नए विकास केंद्रों पर विचार कर सकती है?

क्या पश्चिम बंगाल के सुंदरबन क्षेत्र में संदेशखाली, जहां महिलाओं को हिंसा और यौन शोषण का सामना करना पड़ता था, महिला केंद्रित विकास परियोजना के लिए नया विकास केंद्र बन सकता है? तीन करोड़ ‘लखपति दीदी’ बनाने की योजना को संदेशखाली में लागू किया जाए और महिला आर्थिक सशक्तिकरण परियोजना के रूप में इसे पूरे भारत में फैलाया जाए। पर्यावरण के प्रति संवेदनशील सुंदरबन तट के विकास के अलावा विभिन्न राज्यों के स्थानीय कौशल, अवसरों और नए विचारों को प्रधानमंत्री मोदी की इस महत्वाकांक्षी परियोजना में शामिल किया जा सकता है।
इसी तरह, वनवासी समुदायों के लिए व्यापक आर्थिक उत्थान परियोजना छत्तीसगढ़ के बस्तर या नारायणपुर में केंद्रित हो सकती है, जहां वामपंथी उग्रवाद और आर्थिक रूप से कमजोर वनवासी समुदायों का बड़े पैमाने पर कन्वर्जन होता है। क्या ऐसा नहीं हो सकता कि मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए तटीय केरल या आंध्र प्रदेश में मुख्यालय बने? वहां एक विकास केंद्र हो, जहां से योजना बनाने के साथ उसे क्रियान्वित किया जा सके? क्या मत्स्य पालन का प्रबंधन और विनियमन दिल्ली से करना जरूरी है?

इन क्षेत्रों पर जोर देने के लिए मत्स्य पालन और तटीय क्षेत्रों के आसपास विकास का एक नया आर्थिक मॉडल विकसित किया जा सकता है। जब हैदराबाद को रक्षा प्रौद्योगिकियों और मुख्य विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है, तो क्या ओडिशा में बंदरगाह आधारित आर्थिक विकास मॉडल स्थापित नहीं किया जा सकता? किसी भी नई परियोजना, योजना या सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र या महानगर में पंजीकरण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। विकास परियोजनाओं को भारत के कोने-कोने में फैलाने के लिए बीस नए विषयगत विकास क्षेत्रों पर विचार किया जा सकता है।

आवश्यकता पड़ने पर कुछ मंत्रालयों, विभागों, राज्य-संचालित कंपनियों, स्वायत्त निकायों को दिल्ली से दूर ले जाया जाना चाहिए। ऐसा करके स्टार्टअप, विभिन्न वित्तीय सेवाओं, जैसे मुख्यालयों का विकेंद्रीकरण कर 20 नए आर्थिक विकास केंद्र भी विकसित किए जा सकते हैं। यहां तक कि सरकार स्टार्टअप, विभिन्न वित्तीय सेवाओं आदि के लिए विकेंद्रीकृत आर्थिक केंद्रों के रूप में 20 केंद्र विकसित कर सकती है।

क्या कृषि मंत्रालय को कृषि प्रधान क्षेत्र में स्थानांतरित करना उचित नहीं होगा? क्या व्यापक पर्वतीय विकास परियोजना को उत्तराखंड या हिमाचल प्रदेश से बाहर नहीं चलाया जाना चाहिए? नई दिल्ली के पॉश जोर बाग इलाके में स्थित पर्यावरण भवन में पर्यावरण और वन मंत्रालय को बनाए रखने की कोई खास उपयोगिता तो नजर नहीं आती।

भारत के आर्थिक हितों के वैश्विक विस्तार को ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की सच्ची भावना में निहित हमारे भू-राजनीतिक लक्ष्यों के साथ जोड़ा जाना चाहिए, जिससे हम संपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक बड़े परिवार के हिस्से के रूप में देख सकेंगे। संक्षेप में, भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए विशेषज्ञ आर्थिक और आधारभूत विकास संरचनाओं में बड़े बदलाव की वकालत करते हैं।

Topics: विकसित अर्थव्यवस्थाDeveloped Economyनए विकसित भारतNDA governmentnew developed Indiaलखपति दीदीVasudhaiva Kutumbakamवसुधैव कुटुंबकम्पाञ्चजन्य विशेषसंदेशखालीराजग की सरकार
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

1822 तक सिर्फ मद्रास प्रेसिडेंसी में ही 1 लाख पाठशालाएं थीं।

मैकाले ने नष्ट की हमारी ज्ञान परंपरा

मार्क कार्नी

जीते मार्क कार्नी, पिटे खालिस्तानी प्यादे

हल्दी घाटी के युद्ध में मात्र 20,000 सैनिकों के साथ महाराणा प्रताप ने अकबर के 85,000 सैनिकों को महज 4 घंटे में ही रण भूमि से खदेड़ दिया। उन्होंने अकबर को तीन युद्धों में पराजित किया

दिल्ली सल्तनत पाठ्यक्रम का हिस्सा क्यों?

स्व का भाव जगाता सावरकर साहित्य

पद्म सम्मान-2025 : सम्मान का बढ़ा मान

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies