उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक सैलून में थूक लगाकर मसाज करने का मामला सामने आया है। मुस्लिम युवक सैलून में मसाज करते समय बार-बार आपने हाथ में थूक रहा है और उसके बाद मसाज कर रहा है। थूक लगा कर मसाज करने का मामला जानकारी में आने के बाद लखनऊ के थाना सुशांत गोल्फ सिटी में एफआईआर दर्ज की गई है। सोशल मीडिया पर थूक लगाकर मसाज करने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के शामली में भी थूक लगाकर मसाज करने का मामला सामने आया था, जिसके बाद आरोपित अमजद को गिरफ्तार कर लिया गया। वायरल वीडियो में वह एक व्यक्ति के चेहरे पर मसाज के दौरान थूक लगाते हुए दिखाई दे रहा था। वैसे इस तरह का यह न तो पहला मामला है और न आखिरी।
पिछले कुछ वर्षों में ढाबों में रोटी बनाते समय थूकने के भी कई मामले सामने आ चुके हैं। मार्च 2024 में उत्तर प्रदेश के हापुड़ में थूक लगाकर रोटी बनाने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया। अप्रैल 2023 में यूपी के बागपत में तंदूरी रोटी बनाने वाला एक व्यक्ति उस पर थूकता नजर आया था। इसी तरह जनवरी 2023 में गाजियाबाद के पसौंडा में थूक लगाकर रोटी बनाने का वीडियो सामने आया था। मई 2022 में मेरठ में एक विवाह समारोह में थूक कर नान बनाने का मामला सामने आया था। नवंबर 2021 में भी गाजियाबाद में रोटी बनाते समय उसमें थूकने का वीडियो सामने आया था। हिंदू रक्षा दल के लोगों की शिकायत के बाद आरोपित को हिरासत में लिया गया था। इसी तरह मार्च 2021 में दिल्ली में तंदूरी रोटी बनाते हुए उस पर थूक लगाने के लगातार दो मामले सामने आए थे। ऐसा प्रतीत होता है कि इसके पीछे एक अजीब किस्म की मानसिकता काम करती है।
कहीं न कहीं इस तरह के मामले गंभीर बीमारियों को बढ़ाने के जिम्मेदार हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशानिर्देश के अनुसार, थूकने को आपदा प्रबंधन कानून की धारा 51(बी) के तहत दंडनीय अपराध माना गया है। कोरोना महामारी को वैश्विक स्तर पर चार साल से अधिक का समय बीत गया है। संक्रमण से बचाव के उपाय और टीकाकरण ने रोग की गंभीरता तो कम की है, पर नए वैरिएंट्स के कारण जोखिम लगातार बना हुआ है। कोरोना महामारी से निपटने के लिए देश में महामारी अधिनियम भी लागू किया गया है। इस अधिनियम के तहत नियमों और आदेशों का उल्लंघन अपराध माना गया है। वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन करते हुए स्वास्थ्य कर्मियों के साथ हिंसा के कृत्य को संज्ञेय एवं गैर-जमानती अपराध घोषित किया था।
थूक से कई तरह के वायरल, बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण फैलते हैं। थूक में मौजूद बैक्टीरिया लगभग 10 घंटे तक जीवित रहते हैं, जो किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर सकते हैं। इससे लोगों में बीमारियां होने की आशंका भी बनी रहती है। थूक से कोरोना के अलावा टीबी, निमोनिया, जुकाम और कई तरह के चर्म रोग भी फैल सकते है। इसलिए थूकने से पहले अन्य लोगों के बारे में भी सोचें। सार्वजनिक स्थान पर कहीं भी थूक देना बहुत ही गंदी आदत है, लेकिन किसी इंसान के चेहरे पर अपने थूक से मसाज करना, रोटी पर थूक लगाकर देना और भी शर्मनाक है। इस प्रकार थूकने वालों को दंडित करना बेहद जरूरी है, ताकि फिर कोई और ऐसा करने का दुस्साहस ना कर सके।
टिप्पणियाँ