नई दिल्ली । अजीत डोभाल को एक बार फिर से नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) के रूप में नियुक्त किया गया है, जो उनका तीसरा कार्यकाल होगा। 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद अजीत डोभाल को पहली बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया गया था। इसके बाद, 2019 में भी उनका कार्यकाल बढ़ाया गया था। उनके कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा के कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना रहा।
अनुच्छेद 370 को हटाने के पीछे अजीत डोभाल की अहम भूमिका मानी जाती है। यह कदम देश की आंतरिक सुरक्षा और एकता को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जाता है।
अजीत डोभाल के साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव के रूप में पीके मिश्रा भी अपने पद पर बने रहेंगे। पीके मिश्रा, जिन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के कार्यालय में प्रमुख भूमिका निभाई है, उनके अनुभव और नेतृत्व का लाभ अब भी प्रधानमंत्री कार्यालय को मिलता रहेगा।
बता दें कि अजीत डोभाल, जो भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के पूर्व अधिकारी हैं, उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण और संवेदनशील मिशनों को अंजाम दिया है। उनकी रणनीतिक दृष्टि और निर्णय लेने की क्षमता ने उन्हें देश की सुरक्षा व्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तंभ बना दिया है। बरहाल अजीत डोभाल की नेतृत्व क्षमता और पीके मिश्रा की प्रशासनिक कौशल से प्रधानमंत्री मोदी की सरकार को एक स्थिर और सुरक्षित भविष्य की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
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