हैदराबाद, रविवार । आंध्र प्रदेश के होने वाले मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू ने रविवार को हैदराबाद में रामोजी फिल्म सिटी के संस्थापक और मीडिया मोगुल रामोजी राव के अंतिम संस्कार में शामिल होकर उन्हें अंतिम विदाई दी। नायडू ने रामोजी राव के पार्थिव शरीर को कंधा देकर अपने पुराने मित्र और समाजसेवी के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
40 वर्षों की मित्रता
चंद्रबाबू नायडू ने बताया कि उनका और रामोजी राव का संबंध चार दशक पुराना था। उन्होंने कहा, “रामोजी राव एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने न केवल मीडिया और मनोरंजन की दुनिया में महत्वपूर्ण योगदान दिया, बल्कि समाज और विशेषकर तेलुगू समुदाय की भलाई के लिए भी अथक प्रयास किए।” नायडू ने राव को एक सच्चे मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत बताया, जिनसे उन्होंने हमेशा सीखने और आगे बढ़ने की प्रेरणा प्राप्त की।
समाज और तेलुगू लोगों के प्रति समर्पण
रामोजी राव को उनके असाधारण योगदान के लिए याद किया जाएगा। वह न केवल एक सफल उद्यमी थे, बल्कि समाज सेवा के क्षेत्र में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान था। उनकी मीडिया कंपनी, ‘ईनाडु’, ने हमेशा निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता की मिसाल पेश की है। उनके द्वारा स्थापित रामोजी फिल्म सिटी, जो कि दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म सिटी है, ने भारत की फिल्म उद्योग को एक नया आयाम दिया है।
रामोजी राव का समाज और तेलुगू लोगों के प्रति समर्पण किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने विभिन्न सामाजिक और शैक्षणिक परियोजनाओं के माध्यम से समाज के कमजोर और वंचित वर्गों की मदद की। उनके निधन से समाज ने एक महान व्यक्ति खो दिया है।
अंतिम संस्कार में उपस्थित प्रमुख व्यक्ति
अंतिम संस्कार के दौरान, चंद्रबाबू नायडू के अलावा, कई अन्य प्रमुख हस्तियां और राजनेता भी उपस्थित थे। सभी ने रामोजी राव के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया। उपस्थित जनसमूह में भारी भावुकता का माहौल था। रामोजी राव के परिवार और करीबी मित्रों ने इस कठिन समय में उनकी स्मृतियों को संजोते हुए उन्हें विदाई दी।
रामोजी राव की मृत्यु ने न केवल मीडिया और फिल्म उद्योग को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि पूरे समाज में एक गहरी छाप छोड़ी है। उनकी विरासत और उनके कार्यों को हमेशा याद किया जाएगा और वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, “रामोजी राव जैसे व्यक्तित्व बहुत कम होते हैं। उन्होंने अपने कार्यों से न केवल अपने क्षेत्र में बल्कि पूरे देश में एक अमिट छाप छोड़ी है। उनकी यादें और उनके द्वारा किए गए कार्य हमेशा हमें प्रेरणा देते रहेंगे।”
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