लोकसभा चुनाव 2024 में पश्चिम बंगाल की बहरामपुर सीट से हारने के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पार्टी आलाकमान को कोसना शुरू कर दिया है। उन्होंने अपने सियासी भविष्य पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि मैं एक बीपीएल सांसद हूं, जिसके पास राजनीति के अलावा और कोई हुनर नहीं है। मेरे लिए आगामी समय बहुत ही कठिन होने वाला है। नहीं समझ आ रहा है कि इन सबसे कैसे पार पाऊंगा।
इसके साथ ही चौधरी ने पार्टी आलाकमान पर आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें पूरी तरह से दरकिनार किया गया। अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि मल्लिकार्जुन खड़गे प्रचार के लिए मुर्शिदाबाद आए थे,लेकिन वो बहरामपुर नहीं गए। साथ ही पार्टी ने किसी को भी बहरामपुर प्रचार के लिए नहीं भेजा था। हालांकि, ये पार्टी का अपना फैसला है, जिस पर मुझे कुछ नहीं कहना है। उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की बहरामपुर सीट कांग्रेस की सुरक्षित सीट मानी जाती रही है, जहां से अधीर रंजन चौधरी सांसद थे।
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लेकिन, कांग्रेस के हाथ से ये सीट भी अब निकल चुकी है। उन्हें टीएमसी सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान ने हराया है। चुनाव के दौरान 524516 वोट मिले, जबकि कांग्रेस नेता को 439494 वोट ही मिले। यानी वो 85022 वोटों के अंतर से ये चुनाव हार गए। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने केवल एक सीट पर जीत दर्ज की, वो है मालदा दक्षिण सीट।
प्रदेश कांग्रेस पद छोड़ने की की थी पेशकश
अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि पश्चिम बंगाल में बुरी हार के बाद उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने की पेशकश पार्टी हाईकमान से की थी, लेकिन सोनिया गांधी के कहने पर वो रुक गए। उनका ये भी कहना है कि अभी तक उन्हें दिल्ली से कोई फोन नहीं किया गया है। एक बार फोन आने के बाद अपनी इच्छा उन्हें बताएंगे।
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