फर्जी ‘आधार’, सतर्क सरकार
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत असम

फर्जी ‘आधार’, सतर्क सरकार

असम के मुस्लिम-बहुल बारपेटा, धुबरी, मोरीगांव, नौगांव जिलों में जनसंख्या से अधिक आधार कार्ड बने। राज्य सरकार के कथनानुसार अब आधार कार्ड जिला उपायुक्तों की सहमति से ही बनेंगे

by दिव्य कमल बारदोलई
Sep 20, 2024, 10:30 pm IST
in असम, विश्लेषण
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

असम के कई जिले बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों से बुरी तरह प्रभावित हैं। हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, ‘‘कम से कम चार जिलों में आधार कार्डधारकों की संख्या जनसंख्या से ज्यादा है। बारपेटा में 103.74 प्रतिशत, धुबरी में 103.48 प्रतिशत, मोरीगांव में 101.76 प्रतिशत और नौगांव में लगभग 100.86% लोगों ने आधार कार्ड बनवाए हैं।’’ ऐसा कैसे हो सकता है? इसका अर्थ है कि असम में बांग्लादेशी घुसपैठिए भी बड़ी संख्या में आधार कार्ड बनवा रहे हैं। यह चिंता का विषय है। यही कारण है कि राज्य सरकार 1 अक्तूबर से इन सबका सत्यापन करने जा रही है। इसके साथ ही 1 अक्तूबर से आधार कार्ड के लिए आवेदन करने वाले किसी भी व्यक्ति को अपने आवेदन के साथ अपना राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एन.आर.सी.) आवेदन नंबर देना होगा। यह निर्देश चाय बागान क्षेत्रों को छोड़कर सभी जिलों में लागू होगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, ‘‘2014 में जब से एन.आर.सी. की प्रक्रिया शुरू हुई है, तब से विदेशी नागरिकों की पहचान रुकी हुई है। अब हमारा लक्ष्य इस प्रयास को तेज करना है, क्योंकि हमने एक छोटी लेकिन महत्वपूर्ण घुसपैठ देखी है। इसलिए हम अपनी दूसरी रक्षा पंक्ति को मजबूत करेंगे।’’ सरमा ने कहा, ‘‘केंद्र ने अब राज्य सरकार पर जिम्मेदारी डाल दी है और आधार कार्ड केवल संबंधित जिला आयुक्तों से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एन.ओ.सी.) प्राप्त करने के बाद ही जारी किए जाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने पाया है कि विदेशी नागरिक असमिया के रूप में अपनी पहचान को गलत तरीके से स्थापित करने और अन्य दस्तावेज प्राप्त करने के लिए आधार का उपयोग करते हैं। इसलिए, हम अवैध आवेदकों को रोकने के लिए आधार सत्यापन प्रक्रिया को और अधिक कठोर बनाएंगे।’’

बता दें कि 2019 में फरवरी और अगस्त के बीच 9,35,682 लोगों ने आधार कार्ड बनवाने के लिए उन केंद्रों पर अपने विवरण दिए थे, जो एन.आर.सी. केंद्र भी थे। सरमा ने कहा कि जिन 19 लाख लोगों के नाम एन.आर.सी. सूची से गायब हैं और जिन 9 लाख लोगों को आधार कार्ड नहीं मिला है, उनके बीच कोई संबंध नहीं है।

सरमा ने यह भी बताया कि प्रभावित लोगों में वे लोग भी शामिल हैं जो सीधे तौर पर एन.आर.सी. से जुड़े नहीं थे, लेकिन उनके बायोमेट्रिक्स उस अवधि के दौरान एकत्र किए गए थे जब आधार पंजीकरण और एन.आर.सी. नामांकन एक साथ किए गए थे। उनके अनुसार राज्य सरकार ने एक कैबिनेट उप-समिति बनाई है, जो आल-असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) सहित विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर काम कर रही है।
बता दें कि असम के 27 लाख लोग औपचारिक पहचान के दायरे से बाहर हैं। ये वे लोग हैं, जिन्होंने एन.आर.सी. के बारे में दावे और आपत्तियां की हैं। वे अब नए आधार नामांकन के लिए भी आवेदन नहीं कर सकते। वहीं 3.30 करोड़ लोगों ने एन.आर.सी. में शामिल होने के लिए आवेदन किया था, लेकिन 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित एन.आर.सी. के मसौदे में लगभग 40 लाख लोगों के नाम बाहर कर दिए गए थे। उनमें से लगभग 36.28 लाख लोगों ने सूची में शामिल होने का दावा किया था और लगभग 2 लाख ने अपनी आपत्तियां दर्ज कराई थीं। उन्हें बाद की सुनवाई के लिए बुलाया गया जहां उनके बायोमेट्रिक विवरण प्राप्त करने के प्रावधान किए गए थे।

इस दौरान, असम पुलिस सीमा संगठन ने घुसपैठ से निबटने के लिए अपने प्रयासों को तेज कर दिया है। हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि सीमावर्ती क्षेत्रें में घुसपैठियों की संख्या में चिंताजनक वृद्धि हुई है। जनवरी 2024 से अब तक असम पुलिस सीमा संगठन ने 54 बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की है। इनमें से करीमगंज जिले में 48, बोंगाईगांव में 4, हाफलोंग जीआरपी में 1 और धुबरी जिले में 1 घुसपैठिए की पहचान हुई है। इनमें से 45 घुसपैठियों को बांग्लादेश वापस भेज दिया गया है, जबकि करीमगंज में नौ घुपसैठियों को गिरफ्तार करके रखा गया है।

Topics: सम पुलिस सीमा संगठनविदेशी नागरिक असमिया के रूपराष्ट्रीय नागरिक रजिस्टरबांग्लादेशी घुसपैठिएमुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमापाञ्चजन्य विशेषआल-असम स्टूडेंट्स यूनियन
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

स्वामी दीपांकर

1 करोड़ हिंदू एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने की “भिक्षा”

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies