पश्चिम बंगाल में जब भी राजनीति की बात होती है तो पहले वहां की सियासी हिंसा की चर्चा होती है। हिंसा की छिटपुट घटनाएं तो हर राज्य में होती हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल में दशकों से राजनीतिक हिंसा आम बात है। खासकर चुनावों के दौरान। बंगाल में कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेतृत्व के 34 साल और ममता बनर्जी के 13 साल के कार्यकाल में राजनीतिक हिंसा की तस्वीर बदलती नजर नहीं आई। ऐसे में लोगों की उम्मीद अब तीसरे विकल्प पर है। यह क्या होगा, यह 2026 में विधानसभा चुनाव में तय होगा। कम्युनिस्ट पार्टी और तृणमूल को जनता आजमा चुकी है, ऐसे में भाजपा वहां विकल्प हो सकती है इसलिए वह पूरी ताकत से वहां लोकसभा चुनाव लड़ रही है।
वहीं ममता बनर्जी राज्य सरकार की पूरी मशीनरी का पूरी तरह से प्रयोग कर पश्चिम बंगाल में भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता को रोकने के लिए हर हथकंडा आजमा रही हैं। अंतिम चरण में पश्चिम बंगाल की 9 सीटों पर चुनाव से पहले ही कोलकाता पुलिस ने पूरे शहर में धारा 144 लगाने का आदेश दिया। आखिर क्यों?
भाजपा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर राज्य मशीनरी और पुलिस का दुरुपयोग कर प्रधानमंत्री के रोड शो को बाधित करने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से कार्रवाई करने की मांग की। दरअसल, कोलकाता महानगर क्षेत्र और दक्षिण 24 परगना के कुछ हिस्सों के लिए एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य करते हुए कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल ने किसी भी तरह की रैलियों, बैठकों, जुलूसों या प्रदर्शनों को रोकने की दृष्टि से 28 मई, 2024 से 26 जुलाई, 2024 तक 60 दिन के लिए पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के किसी भी जगह इकट्ठे होने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
भाजपा ने इसे ममता सरकार की हताशा करार दिया। लोकसभा चुनाव 2024 के अंतिम चरण के मतदान से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 मई को कोलकाता में भव्य रोड शो किया था। प्रधानमंत्री ने तृणमूल कांग्रेस के तमाम व्यवधानों के बावजूद उत्तर कोलकाता के श्याम बाजार फाइव प्वाइंट क्रॉसिंग से भाजपा उम्मीदवार तापस राय को साथ लेकर रोड शो की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री ने विधान सरणी तक रोड शो निकाला। यह स्वामी विवेकानंद के पैतृक आवास वाला क्षेत्र है जहां मोदी को देखने के लिए सड़कों के दोनों ओर हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
कोलकाता में धारा 144 लागू करने के संदर्भ में पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार का कहना है, ‘‘यह कदम ममता सरकार का ओछा प्रयास है। यह दिखाता है कि तृणमूल कांग्रेस चुनाव हारने से डरी हुई है। ’’ उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘6 चरणों के चुनाव के बाद जनता की इच्छा को भांपते हुए सीएम अब भयभीत हैं।’’
रोड शो के एक दिन पहले 27 मई को पश्चिम बंगाल के सह प्रभारी एवं भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘यह राज्य मशीनरी के खुलेआम दुरुपयोग के अलावा और कुछ नहीं है। चुनाव के बीच बिना किसी कारण, केवल संदेह के आधार पर धारा 144 लागू करने के उद्देश्य पर सवाल उठना लाजमी है। जिस समय प्रधानमंत्री का रोड शो होने वाला था, उसके एक दिन पहले महानगर में पुलिस द्वारा गैर जरूरी कदम उठाना भी संदेह के घेरे में है।’’
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