नैया डुबोने वाले खेवनहार
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

नैया डुबोने वाले खेवनहार

बड़बोले मणिशंकर अय्यर कभी चीन, तो कभी पाकिस्तान का ‘गुणगान’ कर जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी जैसे नेताओं की परंपरा को ही आगे बढ़ा रहे हैं। यही कारण है कि बिगड़े बोलों के बावजूद वह कांग्रेस में हैं

by डॉ. मयंक चतुर्वेदी
Jun 4, 2024, 02:54 pm IST
in भारत, विश्लेषण
विवादों में रहने वाले मणिशंकर अय्यर

विवादों में रहने वाले मणिशंकर अय्यर

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

गत 28 मई को नई दिल्ली में एक पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा, ‘‘अक्तूबर, 1962 में चीन ने कथित तौर पर भारत पर आक्रमण किया था।’’ पूरी दुनिया जानती है कि 1962 में चीन ने भारत पर आक्रमण किया था। इसके बावजूद मणिशंकर चीनी आक्रमण से पहले ‘कथित’ शब्द लगा रहे हैं। जब भाजपा ने उनके इस बयान का विरोध किया तब उन्हें शायद अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने इसके लिए माफी मांग ली। चुनाव के समय मणिशंकर का यह बयान कांग्रेस के लिए महंगा पड़ सकता है। इसको देखते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि मणिशंकर के बयान से कांग्रेस का लेना-देना नहीं है।

इससे पहले भी इन्हीं मणिशंकर ने कहा था, ‘‘पाकिस्तान के पास परमाणु बम है। इसलिए भारत को उससे बात करनी चाहिए। उसे इज्जत देनी चाहिए, क्योंकि कोई सिरफिरा आया तो हम पर इसका इस्तेमाल कर सकता है।’’ इस बयान के लिए भी मणिशंकर की खूब खिंचाई हुई थी। यह देखा जाता है कि जब भी कोई कांग्रेसी ऐसे बेतुके और भारत विरोधी बयान देते हैं, तब कांग्रेस की ओर से एक रस्मी बयान जारी कर कहा जाता है कि उक्त बयान से कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं है। अब प्रश्न यह है कि बार-बार कांग्रेस के नेता ऐसी गलती क्यों कर रहे हैं?

संघ को बदनाम करने का प्रयास

कुछ समय पहले राहुल गांधी ने ब्रिटेन में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना चरमपंथी संगठन ‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ से की थी। क्या राहुल को पता नहीं है कि मुस्लिम ब्रदरहुड कितना विवादास्पद रहा है? उसका आतंक मिस्र, सूडान, सीरिया, फिलिस्तीन आदि देशोें में है। यही नहीं, मुस्लिम ब्रदरहुड पर सऊदी अरब, यूएई और कई अन्य मुस्लिम देशों में प्रतिबंध है। वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ क्या कर रहा है, यह किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है। इसके बावजूद राहुल इसकी तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से कर रहे हैं। इससे उनकी समझ का स्तर पता चलता है।

ऐसी भी बात नहीं है कि केवल राहुल ही संघ को बदनाम कर रहे हैं। दरअसल, कांग्रेस का इतिहास ही संघ विचार परिवार को बदनाम करने का रहा है। जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, डॉ. मनमोहन सिंह जैसे नेता संघ को नकारात्मक नजरिए से देखते रहे हैं और उसकी बुराई भी करते रहे हैं। यानी राहुल गांधी अपने पूर्वजों की परंपरा को ही आगे बढ़ा रहे हैं। संघ को बदनाम करने के लिए कांग्रेस और विपक्ष के नेता यह भी कहते रहे हैं कि संघ आरक्षण विरोधी है, जबकि संघ ने आरक्षण का विरोध कभी नहीं किया है। संघ का मानना है कि जब तक समाज में असमानता है, आरक्षण की व्यवस्था बनी रहनी चाहिए।

जम्मू-कश्मीर और कांग्रेस

राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर को ‘तथाकथित हिंसक जगह’ भी कहते हैं। हालांकि कुछ अपवादों को छोड़ दें, तो यह कहा जा सकता है कि अब वहां की स्थिति एकदम बदल गई है। पहले कश्मीर घाटी में तिरंगा तक नहीं फहराया जा सकता था। अब वहां घर-घर तिरंगा अभियान चल रहा है। शायद राहुल यह भूल गए हैं कि कश्मीर घाटी में पहले जो स्थिति थी, उसके लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार रही है। कांग्रेस की नीतियों के कारण ही जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पनपा और घाटी से हिंदुओं को पलायन करना पड़ा। पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) और अक्साईचिन की समस्या कांग्रेस की ही देन है। अनुच्छेद 370, जिसे भाजपा सरकार ने हटा दिया है, के लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार रही है।

चीन का ‘दोस्त’

राहुल गांधी उस चीन को भी ‘शांति का पक्षधर’ बताते हैं, जिसने भारत के एक बड़े क्षेत्र पर कब्जा कर रखा है। उल्लेखनीय है कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान भारत की 38,000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है। इसके बाद 1963 में पाकिस्तान ने पीओजेके के 5,180 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र भी चीन को अवैध रूप से दे दिया है। यानी कुल मिलाकर 43,180 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर चीन का कब्जा है। यह भी तथ्य है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने चीन के पक्ष में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट पर भारत का दावा छोड़ दिया। यह भी एक तथ्य है कि राहुल गांधी ने एक गुप्त समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीनी दूतावास से धन स्वीकार किया और चीनी कंपनियों के लिए बाजार पहुंच की सिफारिश करते हुए रिपोर्ट प्रकाशित की। उसी के आधार पर सोनिया-मनमोहन सरकार ने चीनी सामान के लिए भारतीय बाजार खोल दिया। इससे भारतीय बाजार और छोटे व्यापारियों को भारी नुकसान अभी भी हो रहा है।

सर्वाधिक संविधान संशोधन

ऐसे ही कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेता कह रहे हैं कि यदि नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे तो वे संविधान बदल देंगे। लेकिन देखा जाए तो संविधान के साथ सबसे ज्यादा खिलवाड़ कांग्रेस की सरकारों ने किया है। इसलिए चुनावी सभाओं में नरेंद्र मोदी ने अनेक बार कहा भी कि संविधान के साथ धोखा इस परिवार (गांधी परिवार) ने किया है। संविधान बनने के बाद सबसे पहले पंडित नेहरू ने संविधान संशोधन किया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित किया। फिर उनकी बेटी इंदिरा गांधी आईं। उन्होंने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र का गला घोंट दिया था। फिर उनके बेटे राजीव गांधी आए। उन्होंने मीडिया को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। राहुल भी कम नहीं हैं। संप्रग सरकार के समय उन्होंने प्रेस वार्ता कर मंत्रिमंडल के निर्णय से संबंधित कागजातों को फाड़ दिया था। क्या राहुल का यह आचरण संविधान विरोधी नहीं था? इसके बावजूद उस समय न तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कुछ बोल पाए थे और न ही सोनिया गांधी ने राहुल को समझाने का प्रयास किया।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कहते हैं कि वे (कांग्रेसी) भाजपा पर संविधान बदलने का आरोप लगाते हैं, लेकिन सत्य यह है कि कांग्रेस के शासनकाल में ही संविधान में 85 संशोधन किए गए। उन्होंने लोकतंत्र का गला घोंट कर आपातकाल की घोषणा कर दी। इसके साथ ही विपक्ष के नेताओं को जेल में डाल दिया गया। राजनाथ सिंह आगे कहते हैं, ‘‘यह एक बड़ी सचाई है कि भारत के संविधान की प्रस्तावना संविधान के सिद्धांतों को प्रस्तुत करती है, लेकिन 1976 में 42वें संशोधन के द्वारा भारत के परिचय को ‘संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य’ से ‘संप्रभु समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य’ में बदल दिया गया। संविधान सभा ने महीनों तक प्रस्तावना पर चर्चा की। यह संविधान की आत्मा है, लेकिन उन्होंने इसे भी बदल दिया। वास्तव में कांग्रेस को अपने इन कृत्यों के लिए जनता के सामने खेद व्यक्त करना चाहिए। संविधान में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं, लेकिन प्रस्तावना में नहीं। आपने मौलिक अधिकारों का गला घोंट दिया और उन्हें निलंबित कर दिया।’’

कांग्रेस ने लोकतंत्र को कुचलने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसके बावजूद उसके नेता बड़ी बेशर्मी के साथ कहते हैं कि भाजपा संविधान को बदल देगी। खैर, आज भारत के लोग इतने जागरूक और समझदार हैं कि वे जानते हैं कि कौन पार्टी क्या कर सकती है और क्या नहीं कर सकती है।

Topics: इंदिरा गांधीसोनिया-मनमोहन सरकारपाञ्चजन्य विशेषराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघजवाहरलाल नेहरूनरेंद्र मोदीसोनिया गांधीराजीव गांधी
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

1822 तक सिर्फ मद्रास प्रेसिडेंसी में ही 1 लाख पाठशालाएं थीं।

मैकाले ने नष्ट की हमारी ज्ञान परंपरा

मार्क कार्नी

जीते मार्क कार्नी, पिटे खालिस्तानी प्यादे

हल्दी घाटी के युद्ध में मात्र 20,000 सैनिकों के साथ महाराणा प्रताप ने अकबर के 85,000 सैनिकों को महज 4 घंटे में ही रण भूमि से खदेड़ दिया। उन्होंने अकबर को तीन युद्धों में पराजित किया

दिल्ली सल्तनत पाठ्यक्रम का हिस्सा क्यों?

स्व का भाव जगाता सावरकर साहित्य

पद्म सम्मान-2025 : सम्मान का बढ़ा मान

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies