उत्तराखंड

उत्तराखंड: देहरादून के बाद हरिद्वार पुलिस ने भी मस्जिदों से उतरवाए लाउडस्पीकर, पाञ्चजन्य की खबर का हुआ असर

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दिनेश मानसेरा

हरिद्वार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर धार्मिक स्थलों के लाउडस्पीकरों को उतरवाने का काम हरिद्वार पुलिस ने शुरू कर दिया है। एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल ने बताया कि पहले दिन 75 लाउडस्पीकर बंद करवा कर उतरवा दिए गए हैं।

उल्लेखनीय है निर्धारित किए गए डेसिबल से अधिक आवाज वाले ध्वनि प्रदूषण के सम्बन्ध में हाईकोर्ट नैनीताल के स्पष्ट आदेश है। हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन के लिए एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोभाल द्वारा जनपद स्तर पर दिए गए निर्देशों के अनुक्रम में हरिद्वार पुलिस ने आज सिटी से लेकर देहात क्षेत्र में विभिन्न थाना क्षेत्र के धर्मगुरुओं, मौलवियों एवं सम्मानित व्यक्तियों को जागरुक करने के साथ-साथ कई स्थानों पर धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतरवाने की एक अभियान के तहत कार्यवाही प्रारंभ की गई है जो आगे भी जारी रहेगा।

हरिद्वार पुलिस द्वारा की कार्यवाही के तहत थाना बहादराबाद क्षेत्रांतर्गत 17 स्थानों के लाउडस्पीकर उतरवाए गए, कोतवाली गंगनहर क्षेत्र में 22, सिडकुल क्षेत्रांतर्गत 10, कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्रांतर्गत 05, थाना झबरेडा क्षेत्रान्तर्गत 12 , कनखल में 2, कोतवाली मंगलौर में 12 लोगों को नोटिस व दो लाउडस्पीकर, थाना बुग्गावाला से 3 लाउडस्पीकर उतारे गए।

उन्होंने बताया गुरुद्वारा, मन्दिर व मस्जिद में लगे लाउडस्पीकर के शोर से एक तरफ बच्चों की पढ़ाई में नकारात्मक प्रभाव पड़ता है तो वहीं दूसरी तरफ तेज आवाज से आम नागरिकों का सामान्य जीवन भी बाधित होता है इन सबको महसूस करते हुए माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा पूर्व में ही आदेश जारी किया गया था कि कोई भी व्यक्ति अथवा धार्मिक संगठन बिना अनुमति मन्दिर, मस्जिद अथवा गुरुद्वारा में निर्धारित डेसीबल से अधिक आवाज का लाउडस्पीकर या PA System का प्रयोग नहीं करेगा।

अगले कुछ दिनों में अभियान में और तेजी लाते हुए लाउडस्पीकर उतारने के साथ-साथ जुर्माना भी वसूला जाएगा। उल्लंघनकर्ता के खिलाफ नियमानुसार कड़ी वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

पाञ्चजन्य की खबर का असर

सीएम धामी ने पाञ्चजन्य में छपी मस्जिदों के लाउडस्पीकरों से हो रहा है शोर खबर को रविवार को प्रकाशित किया गया था। जिसका संज्ञान सीएम धामी ने लिया और पुलिस प्रशासन को कार्रवाई करने और उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन कराने को कहा था,जिसके बाद हरिद्वार और देहरादून प्रशासन हरकत में आया।

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