इधर एक खबर बहुत तेजी से फैल रही है कि खुद को इस्लामी जगत का खलीफा साबित करने को बेताब तुर्किए के राष्ट्रपति रेसिप तैयप एर्दोगन अपने यहां हमास का गुप्त अड्डा बनवा रहे हैं। इस खबर ने अमेरिका सहित सभ्य जगत को हैरान किया हुआ है। पहले तो यह बात बेदम मालूम दी थी लेकिन अब तो गोपनीय दस्तावेजों ने भी सच से पर्दा हटा दिया है।
इस्राएल की जबरदस्त मार पड़ने से पहले इस्लामी जिहादी संगठन हमास का गाजा पट्टी और फिलिस्तीन में एकछत्र राज रहा करता था। लेकिन अब हमास के गाजा और फिलिस्तीन के ठिकानों को इस्राएल ने मिट्टी में मिला दिया है। इसलिए अब हमास ने नया षड्यंत्र रचते हुए तुर्किए में एक गुप्त अड्डा बनाने की ठानी है।
इसका खुलासा कैसे हुआ? खुलासा हुआ ऐसे गोपनीय दस्तावेजों से जिन्हें हमास के सबसे बड़े सरगना याह्या सिनवार के मुख्य कार्यकारी हमजा अबू शनाब ने अपने घर में छुपाया हुआ था। बताया जा रहा है कि इस अड्डे से हमास की योजना नाटो देशों पर हमला बोलने की थी।
हमजा का यह घर गाजा पट्टी में है। इस्राएल की सेना ने वहां जो घर घर तलाशी ली उसमें हमजा के घर से गोपनीय कागजात मिले हैं। इन कागजातों पर नजर डाली तो इस्राएली सैनिकों को राज का पता चला कि हमास तो तुर्किए में कोई भूमिगत सैन्य अड्डा जमाने की तैयारी में है। यह भी पता चला कि यह गुप्त अड्डा नाटो के देशों में मौजूद इस्राएल के ठिकानों पर हमला बोलने में सहयोग के लिए बनाया जाना था। हमास के बड़े सरगाना के सहयोगी हमजा अबू शनाब के यहां मिले इन कागजों को देखकर इस्राएली सैनिक भौंचक रह गए। इन्हीं कागजों में इस बात का विस्तार से वर्णन था कि गत 10 साल में कैसे इस्राएल गाजा पट्टी में दबाव बताता आ रहा था।
7 अक्तूबर को हमास ने इस्राएल पर अचानक भीषण हमला बोलकर 1500 से अधिक मासूमों की जाने ले ली थी। सैकड़ों इस्राएनियों को बंधक बनाया गया था जिनमें से अब भी 100 से अधिक हमास की कैद में हैं। तुर्किए शुरू से ही हमास के पाले में खड़ा दिखा है। उसने कभी खुलकर 7 अक्तूबर की घटना की भर्त्सना नहीं की है।
जिसने भी इन कागजों को तैयार किया था उसने लिखा था—’गुप्त सैन्य अड्डा जमाने के लिए बड़े स्तर पर कोशिश करनी ही होगी, इसके अलावा कोई चारा नहीं है। लिखा गया कि इस अड्डे से मुकाबला कर रही ताकतों को सैनिक, कूटनीतिक तथा नैतिक तौर पर मजबूती दी जा सकती है। कागजों में यह भी लिखा है कि इसके लिए हम दूसरे देश में एक रक्षा इकाई जमाने का सुझाव दिया जा रहा है जो आगे कभी जासूसी तथा सैन्य कार्रवाइयों को सिरे चढ़ाने में कामयाब होगी। कागजों के हिसाब से यह योजना तीन साल के लिए बनाई गई थी। कागजों से ही पता चलता है कि इस्राएल की गुप्तचर एजेंसी मोसाद के अधिकारी तथा विभिन्न कमांडर जिहादी संगठन हमास की मोस्ट वांटेड सूची में टॉप पर हैं।
यहां ध्यान देने की बात है कि 7 अक्तूबर को हमास ने इस्राएल पर अचानक भीषण हमला बोलकर 1500 से अधिक मासूमों की जाने ले ली थी। सैकड़ों इस्राएनियों को बंधक बनाया गया था जिनमें से अब भी 100 से अधिक हमास की कैद में हैं। तुर्किए शुरू से ही हमास के पाले में खड़ा दिखा है। उसने कभी खुलकर 7 अक्तूबर की घटना की भर्त्सना नहीं की है।
ये एर्दोगन का तुर्किए ही है जिसने जिहादी गुट हमास को “आजादी दिलाने वाला गुट” कहा है। तुर्किए ने तो यहां तक प्रचार किया है कि इस्राएल के हमास पर हमले की शुरुआत से अब तक 35,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। राष्ट्रपति एर्दोगन ने हाल ही में कहा कि इस्राएल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू हिटलर के समकक्ष तानाशाह हैं। हिटलर के नरसंहार भी उससे कम होंगे। तुर्किए के राष्ट्रपति ने साफ कहा है कि उनके देश के अनेक अस्पतालों में हमास के हजार से ज्यादा सदस्यों का इलाज चल रहा है।
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