गत 1 मई को विश्व संवाद केंद्र, पटना के संस्थापक न्यासी और विश्व प्रसिद्ध शल्य चिकित्सक पद्मश्री डॉ. नरेंद्र प्रसाद का निधन हो गया। चिकित्सा क्षेत्र में व्यस्त रहने के बाद भी डॉ. नरेंद्र सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर भाग लेते थे।
उन्होंने आरोग्य भारती (बिहार और झारखंड) के संयोजक का दायित्व लंबे समय तक निभाया। वे नेशनल मेडिकोज आर्गनाइजेशन (एन.एम.ओ.) के आजीवन सदस्य थे। वे 1993 से 1996 तक बिहार एन.एम.ओ. के अध्यक्ष भी रहे। इसके साथ ही वे भारत विकास परिषद के सदस्य भी थे।
डॉ नरेंद्र का जन्म 1 नवंबर, 1934 को नालंदा जिले के मानपुर थानांतर्गत तिउरी ग्राम में हुआ था। उन्होंने 1956 में पटना मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस, 1959 में एमएस और 1962 में लंदन से एफआरसीएस की उपाधि प्राप्त की थी।
डॉ. नरेंद्र ने एक चिकित्सक के नाते वर्षों तक लोगों की सेवा की। उनकी सेवा का सम्मान करते हुए भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था।
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