लोकतंत्र खतरे में और मीडिया की स्वतंत्रता पर लच्छेदार झूठ बोलने वाले इंडि गठजोड़ के घटक दलों में इन सभी बातों के प्रति कितना सम्मान है इसका उदाहरण लुधियाना में देखने को मिला जहां झाड़ू से लटका कर मीडिया व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सरेआम फांसी देने का प्रयास किया गया है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और पार्टी नेता राघव चड्ढा के खिलाफ कथित तौर पर झूठी खबर फैलाने के आरोप में लुधियाना पुलिस ने एक यूट्यूब चैनल के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
लुधियाना लोकसभा सीट से आप उम्मीदवार अशोक पप्पी पाराशर के बेटे विकास पाराशर की शिकायत पर कैपिटल टीवी नाम के एक यूट्यूब चैनल के खिलाफ लुधियाना के शिमलापुरी पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि चैनल ने आप के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा की तुलना भगोड़े कारोबारी विजय माल्या से की और दावा किया कि आप ने चुनाव टिकट बेचे हैं। यहां यह बताना भी जरूरी है कि राघव चड्ढा की फरारी को लेकर राजनीतिक रूप से भी बहुत कुछ बोला जा रहा है और इन्हीं बातों को दोहराने पर पुलिस ने यू-ट्यूब चैनल के संचालक पर प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
एक व्यक्ति विशेष पर आधारित आम आदमी पार्टी द्वारा मीडिया का गला घोटने का यह पहला प्रयास नहीं किया गया। इससे पहले कथिथ तौर पर जालन्धर से प्रकाशित होने वाले पंजाब-हिन्दी समाचारपत्र अजीत के विज्ञापन रोकने को लेकर भगवंत मान की सरकार चर्चा में रही है। केवल इतना ही नहीं इस समाचारपत्र समूह के मुख्य संपादक स. बरजिंदर सिंह हमदर्द पर कथिततौर पर दबाव बनाने के लिए जालन्धर के पास करतारपुर में बने जंग-ए-आजादी स्मारक में हुए कथित घोटालों की बात उछाली गई और इस स्मारक की कथित जांच के नाम पर समाचारपत्र समूह पर खूब दबाव बनाया गया।
ज्ञात रहे कि स. हमदर्द को पूर्व मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल ने इस स्मारक का अध्यक्ष बनाया था। स. हमदर्द अकाली दल के राज्यसभा सांसद भी रहे हैं और एक अकाली पृष्ठभूमि से होने के कारण आम आदमी पार्टी इस समाचारपत्र समूह के प्रति कई तरह के पूर्वाग्रह पाले हुए है। इन्हीं पूर्वाग्रहों के चलते इस समाचारपत्र के सरकार विज्ञापनों पर भी कैंची चलाई गई। और अब एक चैनल पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद झाड़ू वाली पार्टी की लोकतंत्र व मीडिया के प्रति निष्ठा सबके सामने आ गई है।
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