Uttarakhand: पौड़ी गढ़वाल के जंगलों में भीषण आग, वन विभाग ने मोसार आलम, नूरुल, फिरोज समेत अन्य को गिरफ्तार किया

ये लोग रिजर्व फॉरेस्ट में कैसे घुसे ,ये आए कहां से और इनका जंगल में आग लगाने के पीछे मकसद क्या था? इस बारे में जांच पड़ताल की जा रही है।

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दिनेश मानसेरा

पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड में पहाड़ों में जंगल की आग लगाने वालों की धरपकड़ में पांच मुस्लिम युवकों को पुलिस और वन विभाग ने पकड़ा है। आग लगाने के पीछे इनकी क्या मंशा थी और ये यहां कहां से आकर बसे इस बारे में प्रशासनिक जांच पड़ताल की जा रही है।

उत्तराखंड में जंगल की आग की इस साल पहले की तुलना में ज्यादा घटनाएं हो रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून और हल्द्वानी में हाई लेवल मीटिंग करके आग को काबू करने के लिए हर संभव उपाय करने के निर्देश देते हुए आग लगने के कारणों पर भी जानकारी जुटाने को कहा है। सीएम धामी ने हेलीकॉप्टर से जंगल की आग का सर्वेक्षण भी किया।

मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद पुलिस और वन विभाग ने आग लगने के कारणों का पता लगाने के उद्देश्य से सर्च अभियान शुरू किया, जंगल में आग इंसानी हरकतों से ही लगती रही है। जंगल में जलती बीडी सिगरेट के फेंके जाने से आग लगती है। कुछ लोग जंगलों में कूड़े कचरे के ढेर में आग लगा रहे है जिस वजह से आग फेल रही है।

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वन विभाग और पुलिस विभाग ने अभी तक अलग अलग स्थानों से दस लोगो को जंगल में आग लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इनमे सबसे ज्यादा संदेहजनक मामला पौड़ी गढ़वाल में सामने आया है। पौड़ी गढ़वाल जिले के खिर्सू रिजर्व फॉरेस्ट में पांच मुस्लिम युवकों को जंगल में आग लगाने के आरोप में हिरासत में लेते हुए पुलिस में मामला दर्ज किया है। आरोपियों के नाम मोसार आलम, नूरुल,नाजेफर आलम, शालेम,फिरोज आलम बताए गए है। ये लोग रिजर्व फॉरेस्ट में कैसे घुसे ,ये आए कहां से और इनका जंगल में आग लगाने के पीछे मकसद क्या था? इस बारे में जांच पड़ताल की जा रही है।

जानकारी के मुताबिक ये लोग चौबट्टा में रह रहे थे और यहां मजदूरी करते है। बड़ा सवाल ये है कि यदि ये मजदूर है तो जंगल में आग लगाने क्यों चले आए? इसके पीछे उनका क्या मकसद था ? ये मामला प्रकाश में आने के बाद उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार ने पौड़ी के एसएसपी से रिपोर्ट तलब की है और आरोपियों के यहां कबसे रहने और सत्यापन संबंधी सूचनाएं मांगी है। बहरहाल, पहाड़ों में जंगल की आग की घटनाएं इस साल तीन गुना ज्यादा बताई जा रही हैं क्या इसके पीछे कोई और षड्यंत्र तो नहीं?

उत्तराखंड में जंगल की आग फैलने से सबसे ज्यादा असर पर्यटन पर पड़ता है। आग लगने से जंगली जानवरों के शिकार करने में आसानी रहती है, कुछ वन माफिया लकड़ी लीसा भी चुराने की घटनाओं को छुपाने के लिए जंगल में आग लगवाते रहे हैं। उधर वन विभाग ने कुल्हाड़ वन क्षेत्र में भी आग लगाते हुए नेपाली मूल के एक युवक को पकड़ा है।युवक का नाम टेक राम बताया गया है उसके पास से लाइटर भी मिला है। आरोपी से पूछताछ की जा रही है।

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